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'''मल्हारराव होल्कर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Malhar Rao Holkar'', जन्म:[[16 मार्च]] 1693 ई.- मृत्य: [[20 मई]] 1766 ई.) [[इंदौर]] के [[होल्कर वंश]] का प्रवर्तक था। मल्हार राव विशेष रूप से [[मध्य भारत]] में [[मालवा]] के पहले मराठा सूबेदार होने के लिये जाना जाता है। यह होल्कर परिवार के पहले राजकुमार थे, जिन्होंने [[इंदौर]] के राज्य पर शासन किया था।   
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'''मल्हारराव होल्कर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Malhar Rao Holkar'', जन्म:[[16 मार्च]] 1693 ई.- मृत्य: [[20 मई]] 1766 ई.) [[इंदौर]] के [[होल्कर वंश]] का प्रवर्तक थे। मल्हार राव विशेष रूप से [[मध्य भारत]] में [[मालवा]] के पहले मराठा सूबेदार होने के लिये जाना जाता थे। यह होल्कर परिवार के पहले राजकुमार थे, जिन्होंने [[इंदौर]] के राज्य पर शासन किया था।   
 
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*उन्होंने [[पेशवा]] [[बाजीराव प्रथम]] को कई युद्धों में विजय दिलवाई थी। उनके वंशजों द्वारा शासित राज्य को 1948 ई. में भारतीय गणराज्य में सम्मिलित कर लिया गया था।
*उसने [[पेशवा]] [[बाजीराव प्रथम]] को कई युद्धों में विजय दिलवाई थी। उसके वंशजों द्वारा शासित राज्य को 1948 ई. में भारतीय गणराज्य में सम्मिलित कर लिया गया था।
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*मल्हारराव अपने मामा बाजीराव बरगल के घर पर तलोदा<ref>नंदुरबार जिला। खानदेश</ref> में पले बढ़े थे।  
*मल्हारराव अपने मामा बाजीराव बरगल के घर पर तलोदा<ref>नंदुरबार जिला। खानदेश</ref> में पल बढ़े थे।  
 
 
*उनका विवाह 1717 ई. में उनके चाचा की बेटी गौतमा बाई से हुआ था। उन्होंने बाना बाई साहिब होल्कर, द्वारका बाई साहिब होल्कर, हरकू बाई साहिब होल्कर के साथ भी विवाह किया था।  
 
*उनका विवाह 1717 ई. में उनके चाचा की बेटी गौतमा बाई से हुआ था। उन्होंने बाना बाई साहिब होल्कर, द्वारका बाई साहिब होल्कर, हरकू बाई साहिब होल्कर के साथ भी विवाह किया था।  
*वह प्रारम्भ में पेशवा बाजीराव प्रथम (1720-1740 ई.) की सेवा में रहा।
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*वे प्रारम्भ में पेशवा बाजीराव प्रथम (1720-1740 ई.) की सेवा में रहे थे।
*उसने पेशवा की काफ़ी दिनों तक सेवा की तथा कई विजय अभियानों में भी भाग लिया।
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*उन्होंने पेशवा की काफ़ी दिनों तक सेवा की तथा कई विजय अभियानों में भी भाग लिया था।
 
*पेशवा ने उसकी स्वामी भक्ति के फलस्वरूप मध्य [[भारत]] में एक बड़ा क्षेत्र उसके शासन में कर दिया गया।
 
*पेशवा ने उसकी स्वामी भक्ति के फलस्वरूप मध्य [[भारत]] में एक बड़ा क्षेत्र उसके शासन में कर दिया गया।
 
*मल्हारराव होल्कर के उत्तराधिकारी इस क्षेत्र का शासन बड़े दिनों तक करते रहे।
 
*मल्हारराव होल्कर के उत्तराधिकारी इस क्षेत्र का शासन बड़े दिनों तक करते रहे।
 
*1948 ई. में उसके राज्य का भारतीय गणराज्य में विलयन कर लिया गया।
 
*1948 ई. में उसके राज्य का भारतीय गणराज्य में विलयन कर लिया गया।
*मल्हारराव होल्कर का निधन [[20 मई]] 1766 ई. को हुआ था।
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07:00, 7 जून 2016 का अवतरण

मल्हारराव होल्कर (अंग्रेज़ी: Malhar Rao Holkar, जन्म:16 मार्च 1693 ई.- मृत्य: 20 मई 1766 ई.) इंदौर के होल्कर वंश का प्रवर्तक थे। मल्हार राव विशेष रूप से मध्य भारत में मालवा के पहले मराठा सूबेदार होने के लिये जाना जाता थे। यह होल्कर परिवार के पहले राजकुमार थे, जिन्होंने इंदौर के राज्य पर शासन किया था।

  • उन्होंने पेशवा बाजीराव प्रथम को कई युद्धों में विजय दिलवाई थी। उनके वंशजों द्वारा शासित राज्य को 1948 ई. में भारतीय गणराज्य में सम्मिलित कर लिया गया था।
  • मल्हारराव अपने मामा बाजीराव बरगल के घर पर तलोदा[1] में पले बढ़े थे।
  • उनका विवाह 1717 ई. में उनके चाचा की बेटी गौतमा बाई से हुआ था। उन्होंने बाना बाई साहिब होल्कर, द्वारका बाई साहिब होल्कर, हरकू बाई साहिब होल्कर के साथ भी विवाह किया था।
  • वे प्रारम्भ में पेशवा बाजीराव प्रथम (1720-1740 ई.) की सेवा में रहे थे।
  • उन्होंने पेशवा की काफ़ी दिनों तक सेवा की तथा कई विजय अभियानों में भी भाग लिया था।
  • पेशवा ने उसकी स्वामी भक्ति के फलस्वरूप मध्य भारत में एक बड़ा क्षेत्र उसके शासन में कर दिया गया।
  • मल्हारराव होल्कर के उत्तराधिकारी इस क्षेत्र का शासन बड़े दिनों तक करते रहे।
  • 1948 ई. में उसके राज्य का भारतीय गणराज्य में विलयन कर लिया गया।
  • मल्हारराव होल्कर का निधन 20 मई 1766 ई. को हुआ।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 346 |

  1. नंदुरबार जिला। खानदेश

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