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− | '''तुषर''' [[प्राचीन भारत]] में निवास करने वाली जाति थी। प्राचीन समय में कई बाहरी जातियों ने भारतीय भूमि में प्रवेश किया था, जैसे- [[शक]], [[कम्बोज]], तुषर, पवन आदि। | + | '''तुषर''' [[प्राचीन भारत]] में निवास करने वाली जाति थी। तुषर ही बाद में चल कर [[कुषाण]] कहलाने लगे थे। |
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*शक उस देश के रहने वाले थे, जो पुराने समय में 'सीस्तान' और आजकल 'दक्षिणी ईरान' तथा '[[उज्बेकिस्तान]]' कहलाता है। | *शक उस देश के रहने वाले थे, जो पुराने समय में 'सीस्तान' और आजकल 'दक्षिणी ईरान' तथा '[[उज्बेकिस्तान]]' कहलाता है। | ||
*पनव योन टापू निवासी थे, जिसे अब [[यूनान]] कहा जाता है। | *पनव योन टापू निवासी थे, जिसे अब [[यूनान]] कहा जाता है। |
12:20, 25 जनवरी 2017 के समय का अवतरण
तुषर प्राचीन भारत में निवास करने वाली जाति थी। तुषर ही बाद में चल कर कुषाण कहलाने लगे थे।
- प्राचीन समय में कई बाहरी जातियों ने भारतीय भूमि में प्रवेश किया था, जैसे- शक, कम्बोज, तुषर, पवन आदि।
- शक उस देश के रहने वाले थे, जो पुराने समय में 'सीस्तान' और आजकल 'दक्षिणी ईरान' तथा 'उज्बेकिस्तान' कहलाता है।
- पनव योन टापू निवासी थे, जिसे अब यूनान कहा जाता है।
- इन सब जातियों के लोग आर्य ही थे, और उस समय हमारे तथा उनके धर्म संस्कारों में भी कोई खास बड़ा अन्तर नहीं था। लेकिन ठण्डे देशों के ये लड़ाके हमारे यहां के शूर वीरों से अधिक जल्लाद होते थे।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत कथा -अमृतलाल नागर पृ. 182 (हिंदी) hi.krishnakosh.org। अभिगमन तिथि: 25 जनवरी, 2017।