"आर्कटिक वेधशाला में कार्यरत वैज्ञानिक मित्रों के कुछ नोटस -अजेय" के अवतरणों में अंतर
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संतप्त हहराती आकांक्षा | संतप्त हहराती आकांक्षा | ||
भाप सा उड़ जाता था | भाप सा उड़ जाता था | ||
− | इस | + | इस महान् पृथ्वी का तरल सौन्दर्य |
कि कूच कर जाना था ऐसे ही एक दिन | कि कूच कर जाना था ऐसे ही एक दिन | ||
मुझे | मुझे | ||
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14:01, 30 जून 2017 के समय का अवतरण
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सुबह होगी और दिन भर बसंत रहेगा 1995- 2006 |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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