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'''गंगटोक''' [[सिक्किम]] राज्य की राजधानी, पूर्वोत्तर [[भारत]] में 1,700 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।  
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'''गंगटोक''' [[भारत]] के उत्तर-पूर्व में स्थित [[सिक्किम]] की राजधानी है। यह पूर्वोत्तर भारत में 1,700 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। सिक्किम अपने ऐतिहासिक मठों तथा प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। गंगटोक देश के प्रमुख महत्त्वपूर्ण हिल स्‍टेशनों में एक है। यह शहर पारम्‍परिकता और आधुनिकता का मिश्रण है। गंगटोक समुद्र तल से 1,547 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ [[बौद्ध धर्म]] से संबंधित बहुत-से महत्‍वूपर्ण स्‍थान हैं। यहाँ के मठ, [[स्तूप]] तथा प्राकृतिक सुंदरता के कारण गंगटोक की यात्रा आने वाले पर्यटकों के मन में सदा सुरक्षित रह सकती है।
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सिक्किम [[नेपाल]] और [[भूटान]] की सीमा पर स्थित है। 19वीं शताब्‍दी में गंगटोक को यहाँ की राजधानी बनाया गया था। यह सिक्किम के दक्षिणी भाग में स्थित है। गंगटोक शहर रानीपुल नदी के तट पर बसा हुआ है। इस शहर से पूरी [[कंचनजंघा|कंचनजंघा श्रेणी]] को देखा जा सकता है। यहाँ के लोग कंचनजंघा को देवी के रूप में पूजते हैं। इस शहर में वर्ष भर [[वर्षा]] होती है। इस कारण यहाँ का मौसम बड़ा ही सुहाना हल्‍का ठंडा रहता है। पर्यटक यहाँ वर्ष भर घूमने आ सकते हैं।
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==उद्योग और व्यापार==
 
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गंगटोक [[मक्का]], [[चावल]], दलहन और [[संतरा|संतरों]] का विपणन केन्द्र है। [[1962]] में [[तिब्बत]] से लगने वाली सीमा को बंद किए जाने से पहले यह 21 किलोमीटर पूर्वोत्तर में स्थित [[नाथुला दर्रा|नाथुला]]<ref>[[नाथुला दर्रा|नाथू दर्रा]]</ref> के ज़रिये भारत तिब्बत व्यापार मार्ग का एक महत्त्वपूर्ण बिंदु था।  
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गंगटोक [[मक्का]], [[चावल]], दलहन और [[संतरा|संतरों]] का विपणन केन्द्र है। [[1962]] में [[तिब्बत]] से लगने वाली सीमा को बंद किए जाने से पहले यह 21 किलोमीटर पूर्वोत्तर में स्थित [[नाथुला दर्रा|नाथुला]]<ref>[[नाथुला दर्रा|नाथू दर्रा]]</ref> के ज़रिये भारत तिब्बत व्यापार मार्ग का एक महत्त्वपूर्ण बिंदु था। गंगटोक<ref>अर्थ, [[पर्वत]] का शिखर</ref> ढलानों पर अवस्थित है, जहाँ सीढ़ीदार खेतों में व्यापक तौर पर [[मक्का]] की खेती होती है। यहाँ के महत्त्वपूर्ण निर्यात उत्पाद [[इलायची]] और उपोष्णकटिबंधीय फलों का सरकारी उद्यान है। दक्षिण में तादोंग में प्रायोगिक कृषि केन्द्र स्थित है।
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==यातायात और परिवहन==
 
==यातायात और परिवहन==
गंगटोक से लाहुंग और लाचेन होते हुए उत्तरी सिक्किम राजमार्ग ([[1962]]) तिब्बत की सीमा तक जाता है और राष्ट्रीय राजमार्ग दक्षिण पश्चिम दिशा में भारत की ओर जाता है।  
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गंगटोक से लाहुंग और लाचेन होते हुए उत्तरी सिक्किम राजमार्ग ([[1962]]) [[तिब्बत]] की सीमा तक जाता है और राष्ट्रीय राजमार्ग दक्षिण पश्चिम दिशा में [[भारत]] की ओर जाता है।
 
 
 
==शिक्षण संस्थान==
 
==शिक्षण संस्थान==
गंगटोक में नामग्याल इंस्टिट्यूट ऑफ़ तिब्बतोलॉज़ी ([[1958]]) नामक शोध केन्द्र है। जिसमें [[महायान]] [[बौद्ध]] मत से संबंधित पुस्तकों और दुर्लभ पांडुलिपियों का विश्व का विशालतम संग्रह मौजूद है। गंगटोक में एक अस्पताल, माध्यमिक विद्यालय, अदालत और कुछ आधुनिक दुकानें, होटल व सिनेमाघर हैं।  
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गंगटोक में 'नामग्याल इंस्टिट्यूट ऑफ़ तिब्बतोलॉज़ी' ([[1958]]) नामक शोध केन्द्र है। जिसमें [[बौद्ध धर्म]] की [[महायान]] शाखा से संबंधित पुस्तकों और दुर्लभ पांडुलिपियों का विश्व का विशालतम संग्रह मौजूद है। गंगटोक में एक अस्पताल, माध्यमिक विद्यालय, अदालत और कुछ आधुनिक दुकानें, होटल व सिनेमाघर भी हैं।  
 
==पर्यटन==
 
==पर्यटन==
गंगटोक में ऑर्किड अभयारण्य स्थल है, जिसमें सिक्किम में पाए जाने वाले 454 प्रजातियों के ऑर्किड है। [[सोना|सोने]] के गुंबद वाले [[स्तूप]] से युक्त [[दो-द्रूल चोर्टेन]], जिसमें 108 प्रार्थना चक्र हैं और लघु उद्योग संस्थान कॉटेज इंडस्ट्रीज़ इंस्टिट्यूट ([[1957]]) भी यहाँ अवस्थित हैं। अन्य पर्यटन स्थलों में चोग्याल का महल गणेश टोक, हनुमान टोक, [[इंचे मठ]], मृग विहार चिड़ियाघर और ताशी व्यू पॉइंट शामिल हैं। विख्यात रूमटेक बौद्ध मठ यहाँ से 8 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है और निकटस्थल लक्षियामा में शाही अंत्येष्टि स्थल स्थित है।
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गंगटोक में ऑर्किड अभयारण्य नामक एक स्थल है, जिसमें सिक्किम में पाए जाने वाले 454 प्रजातियों के ऑर्किड हैं। [[सोना|सोने]] के गुंबद वाले [[स्तूप]] से युक्त [[दो-द्रूल चोर्टेन]] है, जिसमें 108 प्रार्थना चक्र हैं और लघु उद्योग संस्थान 'कॉटेज इंडस्ट्रीज़ इंस्टिट्यूट' ([[1957]]) भी यहाँ अवस्थित हैं। अन्य पर्यटन स्थलों में चोग्याल का महल गणेश टोक, हनुमान टोक, [[इंचे मठ]], मृग विहार चिड़ियाघर और ताशी व्यू पॉइंट शामिल हैं। विख्यात रूमटेक बौद्ध मठ यहाँ से 8 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है और निकटस्थल लक्षियामा में शाही अंत्येष्टि स्थल स्थित है।
 
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#[[रूमटेक मठ]]
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#[[इनहेंची मठ]]
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#[[दो द्रूल चोर्टेन]]
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#[[ऑर्चिड अभयारण्य]]
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#[[ताशी लिंग]]
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#[[टिसुक ला खंग]]
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#[[पिलींग]]
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==जनसंख्या==
 
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यहाँ की आबादी में नेपाली, तिब्बती, [[लेप्चा]] और भारतीय लोग शामिल हैं। [[2001]] की जनगणना के अनुसार इस शहर की जनसंख्या 29,162 है, और पूर्वी ज़िले की जनसंख्या 2,44,790 है।
 
यहाँ की आबादी में नेपाली, तिब्बती, [[लेप्चा]] और भारतीय लोग शामिल हैं। [[2001]] की जनगणना के अनुसार इस शहर की जनसंख्या 29,162 है, और पूर्वी ज़िले की जनसंख्या 2,44,790 है।
 
   
 
   
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13:11, 15 फ़रवरी 2013 का अवतरण

गंगटोक
गंगटोक घाटी, सिक्किम
विवरण गंगटोक सिक्किम राज्य की राजधानी, पूर्वोत्तर भारत में 1,700 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
राज्य सिक्किम
ज़िला पूर्व सिक्किम
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 27° 19' 48.00", पूर्व- 88° 37' 12.00"
मार्ग स्थिति गंगटोक बागडोगरा हवाई अड्डे से 125 किमी की दूरी पर स्थित है।
कैसे पहुँचें हवाई जहाज़, रेल, बस आदि
हवाई अड्डा बागडोगरा हवाई अड्डा, गुवाहाटी हवाई अड्डा
रेलवे स्टेशन सिलीगुड़ी रेलवे स्टेशन, न्यु जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन
यातायात साइकिल-रिक्शा, ऑटो-रिक्शा, मीटर-टैक्सी, सिटी बस
क्या देखें युमथांग घाटी, रुमटेक मठ, सोमगो झील, दो-द्रूल चोर्टेन, इंचे मठ, ताशीदिंग मठ, संगा-चोलिंग मठ, पेमायंगत्से मठ, लिंगदम मठ
कहाँ ठहरें होटल, अतिथि ग्रह, धर्मशाला
एस.टी.डी. कोड 03592
ए.टी.एम लगभग सभी
Map-icon.gif गूगल मानचित्र
अन्य जानकारी राजतंत्र की समाप्ति (1975) से पहले यह सिक्किम राज्य का प्रशासनिक केन्द्र था, जिसे भारत में शामिल करके 1975 में राज्य का दर्जा दिया गया।
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गंगटोक भारत के उत्तर-पूर्व में स्थित सिक्किम की राजधानी है। यह पूर्वोत्तर भारत में 1,700 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। सिक्किम अपने ऐतिहासिक मठों तथा प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। गंगटोक देश के प्रमुख महत्त्वपूर्ण हिल स्‍टेशनों में एक है। यह शहर पारम्‍परिकता और आधुनिकता का मिश्रण है। गंगटोक समुद्र तल से 1,547 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ बौद्ध धर्म से संबंधित बहुत-से महत्‍वूपर्ण स्‍थान हैं। यहाँ के मठ, स्तूप तथा प्राकृतिक सुंदरता के कारण गंगटोक की यात्रा आने वाले पर्यटकों के मन में सदा सुरक्षित रह सकती है।

राजधानी

सिक्किम नेपाल और भूटान की सीमा पर स्थित है। 19वीं शताब्‍दी में गंगटोक को यहाँ की राजधानी बनाया गया था। यह सिक्किम के दक्षिणी भाग में स्थित है। गंगटोक शहर रानीपुल नदी के तट पर बसा हुआ है। इस शहर से पूरी कंचनजंघा श्रेणी को देखा जा सकता है। यहाँ के लोग कंचनजंघा को देवी के रूप में पूजते हैं। इस शहर में वर्ष भर वर्षा होती है। इस कारण यहाँ का मौसम बड़ा ही सुहाना हल्‍का ठंडा रहता है। पर्यटक यहाँ वर्ष भर घूमने आ सकते हैं।

इतिहास

राजतंत्र की समाप्ति (1975) से पहले यह सिक्किम राज्य का प्रशासनिक केन्द्र था, जिसे भारत में शामिल करके 1975 में राज्य का दर्जा दिया गया।

उद्योग और व्यापार

गंगटोक मक्का, चावल, दलहन और संतरों का विपणन केन्द्र है। 1962 में तिब्बत से लगने वाली सीमा को बंद किए जाने से पहले यह 21 किलोमीटर पूर्वोत्तर में स्थित नाथुला[1] के ज़रिये भारत तिब्बत व्यापार मार्ग का एक महत्त्वपूर्ण बिंदु था। गंगटोक[2] ढलानों पर अवस्थित है, जहाँ सीढ़ीदार खेतों में व्यापक तौर पर मक्का की खेती होती है। यहाँ के महत्त्वपूर्ण निर्यात उत्पाद इलायची और उपोष्णकटिबंधीय फलों का सरकारी उद्यान है। दक्षिण में तादोंग में प्रायोगिक कृषि केन्द्र स्थित है।

यातायात और परिवहन

गंगटोक से लाहुंग और लाचेन होते हुए उत्तरी सिक्किम राजमार्ग (1962) तिब्बत की सीमा तक जाता है और राष्ट्रीय राजमार्ग दक्षिण पश्चिम दिशा में भारत की ओर जाता है।

शिक्षण संस्थान

गंगटोक में 'नामग्याल इंस्टिट्यूट ऑफ़ तिब्बतोलॉज़ी' (1958) नामक शोध केन्द्र है। जिसमें बौद्ध धर्म की महायान शाखा से संबंधित पुस्तकों और दुर्लभ पांडुलिपियों का विश्व का विशालतम संग्रह मौजूद है। गंगटोक में एक अस्पताल, माध्यमिक विद्यालय, अदालत और कुछ आधुनिक दुकानें, होटल व सिनेमाघर भी हैं।

पर्यटन

गंगटोक में ऑर्किड अभयारण्य नामक एक स्थल है, जिसमें सिक्किम में पाए जाने वाले 454 प्रजातियों के ऑर्किड हैं। सोने के गुंबद वाले स्तूप से युक्त दो-द्रूल चोर्टेन है, जिसमें 108 प्रार्थना चक्र हैं और लघु उद्योग संस्थान 'कॉटेज इंडस्ट्रीज़ इंस्टिट्यूट' (1957) भी यहाँ अवस्थित हैं। अन्य पर्यटन स्थलों में चोग्याल का महल गणेश टोक, हनुमान टोक, इंचे मठ, मृग विहार चिड़ियाघर और ताशी व्यू पॉइंट शामिल हैं। विख्यात रूमटेक बौद्ध मठ यहाँ से 8 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है और निकटस्थल लक्षियामा में शाही अंत्येष्टि स्थल स्थित है।

  1. सोमगो झील
  2. रूमटेक मठ
  3. इनहेंची मठ
  4. दो द्रूल चोर्टेन
  5. ऑर्चिड अभयारण्य
  6. ताशी लिंग
  7. टिसुक ला खंग
  8. पिलींग
  9. पेमायनस्ती मठ

जनसंख्या

यहाँ की आबादी में नेपाली, तिब्बती, लेप्चा और भारतीय लोग शामिल हैं। 2001 की जनगणना के अनुसार इस शहर की जनसंख्या 29,162 है, और पूर्वी ज़िले की जनसंख्या 2,44,790 है।


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शोध

वीथिका

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. नाथू दर्रा
  2. अर्थ, पर्वत का शिखर

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