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'''वीनू मांकड़''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Vinoo Mankad'') [[भारत]] के महान क्रिकेट खिलाड़ियों में से एक हैं। इनका '''पूरा नाम मूलवंतराय हिम्मतलाल मांकड़''' था।  
 
'''वीनू मांकड़''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Vinoo Mankad'') [[भारत]] के महान क्रिकेट खिलाड़ियों में से एक हैं। इनका '''पूरा नाम मूलवंतराय हिम्मतलाल मांकड़''' था।  
*इनका नाम विश्व के महान ऑलराउंडरों में गिना जाता है।   
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* इनका नाम विश्व के महान ऑलराउंडरों में गिना जाता है।   
*वीनू मांकड़ का जन्म [[12 अप्रैल]], [[1917]] को [[गुजरात]] में हुआ था और इनकी मृत्यु [[21 अगस्त]], [[1978]] में [[मुंबई]] में हुई।   
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* वीनू मांकड़ का जन्म [[12 अप्रैल]], [[1917]] को [[गुजरात]] में हुआ था और इनकी मृत्यु [[21 अगस्त]], [[1978]] में [[मुंबई]] में हुई।   
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* [[1956]] में पंकज राय के साथ मिलकर उन्होंने 413 रन की ओपनिंग साझेदारी की। यह रेकॉर्ड 52 साल बाद टूटा।
 
*इनके बेटे अशोक मांकड़ ने भी [[भारत]] क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया।  
 
*इनके बेटे अशोक मांकड़ ने भी [[भारत]] क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया।  
 
 
==प्रमुख दल==
 
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वीनू मांकड़ ने प्रमुख टीमों में भारत, बंगाल, गुजरात, हिंदुओं, महाराष्ट्र, मुंबई, राजस्थान, पश्चिमी [[भारत]] का प्रतिनिधित्व किया।  
 
वीनू मांकड़ ने प्रमुख टीमों में भारत, बंगाल, गुजरात, हिंदुओं, महाराष्ट्र, मुंबई, राजस्थान, पश्चिमी [[भारत]] का प्रतिनिधित्व किया।  
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==भारतीय क्रिकेट में योगदान==
 
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वीनू मांकड़ ने [[भारत]] के लिए 44 टेस्ट मैचों में 31.47 की औसत से पांच टेस्ट शतक सहित 2109 रन बनाए। इनका शीर्ष स्कोर 231 रहा। और साथ ही साथ गेंदबाज़ी में 32.32 की औसत से 162 विकेट भी लिये।  
 
वीनू मांकड़ ने [[भारत]] के लिए 44 टेस्ट मैचों में 31.47 की औसत से पांच टेस्ट शतक सहित 2109 रन बनाए। इनका शीर्ष स्कोर 231 रहा। और साथ ही साथ गेंदबाज़ी में 32.32 की औसत से 162 विकेट भी लिये।  
==जब मांकड़ का अंदाज-ए-आउट बना नियम==
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हाल ही में खेल जगत में खिलाड़ियों की बददिमागी के प्रकरण सामने आए हैं। [[दक्षिण अफ्रीका]] और वेस्ट इंडीज के टेस्ट मैच के दौरान डेल स्टेन ने विपक्षी गेंदबाज़ सुलेमान बेन की ओर थूक कर खेल भावना को आहत किया था। पर विश्व क्रिकेट में ऐसे भी क्षण आए जो पहले बदतमीजी करार दिए गए और बाद में [[आईसीसी]] के नियम के रूप में तब्दील हो गए। ऐसा ही एक नियम है मांकड़ आउट होना। [[भारत]] के महान क्रिकेटर वीनू मांकड़ ने इस तरीके से रन आउट करने की शुरुआत की थी। दिसंबर 1947 में [[ऑस्ट्रेलिया]] दौरे पर गई टीम इंडिया का यह किस्सा बहुत मशहूर है। हुआ यूं कि ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध सिडनी टेस्ट में भारतीय गेंदबाज़ वीनू मांकड़ ने विपक्षी बल्लेबाज को कुछ ऐसे आउट किया की सब दंग रह गए। मांकड़ ने गेंदबाज़ी करते हुए क्रीज तक पहुंचकर बिना गेंद फेंके नॉन स्ट्राइकिंग छोर की गिल्लियां बिखेर दीं। कंगारू बल्लेबाज बिल ब्राउन गेंद डाले जाने के पूर्व ही रन लेने की जल्दबाज़ी में क्रीज छोड़ चुके थे। मांकड़ ने गिल्ली उड़ाते ही रन आउट की अपील की और अंपायर ने उंगली उठा दी। हालाँकि मांकड़ की इस हरकत को ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने खेल भावना के विरुद्ध बताते हुए भर्तसना की पर दिग्गज बल्लेबाज डॉन ब्रेडमेन समेत कुछ विपक्षी खिलाड़ियों ने मांकड़ का बचाव किया। बाद में आउट करने का यह तरीका क्रिकेट के नियमों में शामिल हो गया। और इसका नाम मांकड़ पड़ गया। क्रिकेट नियमों की धारा 42.15 के अंतर्गत मांकड़ को वैधानिक कर दिया गया।  
 
हाल ही में खेल जगत में खिलाड़ियों की बददिमागी के प्रकरण सामने आए हैं। [[दक्षिण अफ्रीका]] और वेस्ट इंडीज के टेस्ट मैच के दौरान डेल स्टेन ने विपक्षी गेंदबाज़ सुलेमान बेन की ओर थूक कर खेल भावना को आहत किया था। पर विश्व क्रिकेट में ऐसे भी क्षण आए जो पहले बदतमीजी करार दिए गए और बाद में [[आईसीसी]] के नियम के रूप में तब्दील हो गए। ऐसा ही एक नियम है मांकड़ आउट होना। [[भारत]] के महान क्रिकेटर वीनू मांकड़ ने इस तरीके से रन आउट करने की शुरुआत की थी। दिसंबर 1947 में [[ऑस्ट्रेलिया]] दौरे पर गई टीम इंडिया का यह किस्सा बहुत मशहूर है। हुआ यूं कि ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध सिडनी टेस्ट में भारतीय गेंदबाज़ वीनू मांकड़ ने विपक्षी बल्लेबाज को कुछ ऐसे आउट किया की सब दंग रह गए। मांकड़ ने गेंदबाज़ी करते हुए क्रीज तक पहुंचकर बिना गेंद फेंके नॉन स्ट्राइकिंग छोर की गिल्लियां बिखेर दीं। कंगारू बल्लेबाज बिल ब्राउन गेंद डाले जाने के पूर्व ही रन लेने की जल्दबाज़ी में क्रीज छोड़ चुके थे। मांकड़ ने गिल्ली उड़ाते ही रन आउट की अपील की और अंपायर ने उंगली उठा दी। हालाँकि मांकड़ की इस हरकत को ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने खेल भावना के विरुद्ध बताते हुए भर्तसना की पर दिग्गज बल्लेबाज डॉन ब्रेडमेन समेत कुछ विपक्षी खिलाड़ियों ने मांकड़ का बचाव किया। बाद में आउट करने का यह तरीका क्रिकेट के नियमों में शामिल हो गया। और इसका नाम मांकड़ पड़ गया। क्रिकेट नियमों की धारा 42.15 के अंतर्गत मांकड़ को वैधानिक कर दिया गया।  
  
 
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08:36, 11 अप्रैल 2013 का अवतरण

वीनू मांकड़
वीनू मांकड़
व्यक्तिगत परिचय
पूरा नाम मूलवंतराय हिम्मतलाल मांकड़
जन्म 12 अप्रैल, 1917
जन्म भूमि गुजरात
मृत्यु 21 अगस्त, 1978
मृत्यु स्थान मुंबई
खेल परिचय
बल्लेबाज़ी शैली दाएँ हाथ
गेंदबाज़ी शैली बाएँ हाथ
टीम भारत, बंगाल, गुजरात, महाराष्ट्र, मुंबई, राजस्थान, पश्चिमी भारत
भूमिका हरफनमौला
पहला टेस्ट 22 जून, 1946 इंग्लैंड के ख़िलाफ़
आख़िरी टेस्ट 6 फ़रवरी, 1959 वेस्टइंडीज के ख़िलाफ़
कैरियर आँकड़े
प्रारूप टेस्ट क्रिकेट एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय टी-20 अन्तर्राष्ट्रीय
मुक़ाबले 44
बनाये गये रन 2109
बल्लेबाज़ी औसत 31.47
100/50 5/6
सर्वोच्च स्कोर 231
फेंकी गई गेंदें 14686
विकेट 162
गेंदबाज़ी औसत 32.32
पारी में 5 विकेट 8
मुक़ाबले में 10 विकेट 2
सर्वोच्च गेंदबाज़ी 8/52
कैच/स्टम्पिंग 33
बाहरी कड़ियाँ वीनू मांकड़ प्रोफ़ाइल

वीनू मांकड़ (अंग्रेज़ी: Vinoo Mankad) भारत के महान क्रिकेट खिलाड़ियों में से एक हैं। इनका पूरा नाम मूलवंतराय हिम्मतलाल मांकड़ था।

  • इनका नाम विश्व के महान ऑलराउंडरों में गिना जाता है।
  • वीनू मांकड़ का जन्म 12 अप्रैल, 1917 को गुजरात में हुआ था और इनकी मृत्यु 21 अगस्त, 1978 में मुंबई में हुई।
  • 1956 में पंकज राय के साथ मिलकर उन्होंने 413 रन की ओपनिंग साझेदारी की। यह रेकॉर्ड 52 साल बाद टूटा।
  • इनके बेटे अशोक मांकड़ ने भी भारत क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व किया।

प्रमुख दल

वीनू मांकड़ ने प्रमुख टीमों में भारत, बंगाल, गुजरात, हिंदुओं, महाराष्ट्र, मुंबई, राजस्थान, पश्चिमी भारत का प्रतिनिधित्व किया।

खेलने की शैली

वीनू मांकड़ दाएं हाथ के बल्लेबाज़ और बांये हाथ के स्पिन गेंदबाज़ थे।

भारतीय क्रिकेट में योगदान

वीनू मांकड़ ने भारत के लिए 44 टेस्ट मैचों में 31.47 की औसत से पांच टेस्ट शतक सहित 2109 रन बनाए। इनका शीर्ष स्कोर 231 रहा। और साथ ही साथ गेंदबाज़ी में 32.32 की औसत से 162 विकेट भी लिये।

मांकड़ का अंदाज़-ए-आउट बना नियम

हाल ही में खेल जगत में खिलाड़ियों की बददिमागी के प्रकरण सामने आए हैं। दक्षिण अफ्रीका और वेस्ट इंडीज के टेस्ट मैच के दौरान डेल स्टेन ने विपक्षी गेंदबाज़ सुलेमान बेन की ओर थूक कर खेल भावना को आहत किया था। पर विश्व क्रिकेट में ऐसे भी क्षण आए जो पहले बदतमीजी करार दिए गए और बाद में आईसीसी के नियम के रूप में तब्दील हो गए। ऐसा ही एक नियम है मांकड़ आउट होना। भारत के महान क्रिकेटर वीनू मांकड़ ने इस तरीके से रन आउट करने की शुरुआत की थी। दिसंबर 1947 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई टीम इंडिया का यह किस्सा बहुत मशहूर है। हुआ यूं कि ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध सिडनी टेस्ट में भारतीय गेंदबाज़ वीनू मांकड़ ने विपक्षी बल्लेबाज को कुछ ऐसे आउट किया की सब दंग रह गए। मांकड़ ने गेंदबाज़ी करते हुए क्रीज तक पहुंचकर बिना गेंद फेंके नॉन स्ट्राइकिंग छोर की गिल्लियां बिखेर दीं। कंगारू बल्लेबाज बिल ब्राउन गेंद डाले जाने के पूर्व ही रन लेने की जल्दबाज़ी में क्रीज छोड़ चुके थे। मांकड़ ने गिल्ली उड़ाते ही रन आउट की अपील की और अंपायर ने उंगली उठा दी। हालाँकि मांकड़ की इस हरकत को ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने खेल भावना के विरुद्ध बताते हुए भर्तसना की पर दिग्गज बल्लेबाज डॉन ब्रेडमेन समेत कुछ विपक्षी खिलाड़ियों ने मांकड़ का बचाव किया। बाद में आउट करने का यह तरीका क्रिकेट के नियमों में शामिल हो गया। और इसका नाम मांकड़ पड़ गया। क्रिकेट नियमों की धारा 42.15 के अंतर्गत मांकड़ को वैधानिक कर दिया गया।


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