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− | '''विश्वेदेव''' [[वेद|वेदों]] और [[हिन्दू]] मान्यताओं के अनुसार [[देवता|देवताओं]] का एक समूह, जिसमें नौ [[देवता]] माने गए हैं।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=पौराणिक कोश|लेखक=|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी|संकलन= |संपादन=राणा प्रसाद शर्मा|पृष्ठ संख्या=473|url=}}</ref> | + | '''विश्वेदेव''' [[वेद|वेदों]] और [[हिन्दू]] मान्यताओं के अनुसार [[देवता|देवताओं]] का एक समूह, जिसमें नौ [[देवता]] माने गए हैं।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=पौराणिक कोश|लेखक=|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी|संकलन= |संपादन=राणा प्रसाद शर्मा|पृष्ठ संख्या=473|url=}}</ref> नांदीमुख श्राद्ध में इन्हीं का पूजन होता है। |
*[[अग्निपुराण]] के अनुसार निम्नलिखित दस विश्वेदेव हैं- | *[[अग्निपुराण]] के अनुसार निम्नलिखित दस विश्वेदेव हैं- |
13:50, 25 जुलाई 2013 के समय का अवतरण
विश्वेदेव वेदों और हिन्दू मान्यताओं के अनुसार देवताओं का एक समूह, जिसमें नौ देवता माने गए हैं।[1] नांदीमुख श्राद्ध में इन्हीं का पूजन होता है।
- अग्निपुराण के अनुसार निम्नलिखित दस विश्वेदेव हैं-
- उपरोक्त में से पाँच का जन्म विश्वामित्र के शाप से द्वापर युग में द्रौपदी के गर्भ से हुआ था, जिन्हें द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा ने मार डाला था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पौराणिक कोश |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संपादन: राणा प्रसाद शर्मा |पृष्ठ संख्या: 473 |
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