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'''रोहित टोकस''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Rohit Tokas'', जन्म- [[1 अगस्त]], [[1993]]) भारतीय मुक्केबाज़ हैं। उन्होंने बर्मिंघम, [[इंग्लैंड]] में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में [[भारत]] के लिये कांस्य पदक जीता है। टूर्नामेंट की शुरुआत से ही रोहित टोकास ने अपने दमदार खेल से पदक की उम्मीदें बढ़ा दी थीं। उन्होंने बिल्कुल उम्मीदों पर खरा उतरते हुए कॉमनवेल्थ पदक हासिल किया। हालांकि, सेमीफाइनल मुकाबले में जाम्बिया के स्टीफन जिम्बा से 2-3 के स्प्लिट निर्णय से हारकर रोहित टोकस को कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपनी गति से भविष्य में अपने प्रशंसकों की भूख बढ़ा दी है।
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==परिचय==
 
==परिचय==
 
रोहित टोकस का जन्म 1 अगस्त, 1993 को मुनिरका, नई दिल्ली में हुआ था। उन्हें प्यार से 'जेरी' नाम से भी जाना जाता है। उनके [[पिता]] का नाम प्रीत सिंह टोकस है। [[माता]] का नाम अनीता टोकस है। रोहित टोकसने दिल्ली यूनिवर्सिटी के दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स से पढ़ीई की है। वह वर्तमान में भारतीय रेलवे में कार्यरत हैं। रोहित टोकस वेल्टरवेट वर्ग में प्रतिस्पर्धा करते हैं।  
 
रोहित टोकस का जन्म 1 अगस्त, 1993 को मुनिरका, नई दिल्ली में हुआ था। उन्हें प्यार से 'जेरी' नाम से भी जाना जाता है। उनके [[पिता]] का नाम प्रीत सिंह टोकस है। [[माता]] का नाम अनीता टोकस है। रोहित टोकसने दिल्ली यूनिवर्सिटी के दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स से पढ़ीई की है। वह वर्तमान में भारतीय रेलवे में कार्यरत हैं। रोहित टोकस वेल्टरवेट वर्ग में प्रतिस्पर्धा करते हैं।  
 
==कॅरियर==
 
==कॅरियर==
*रोहित टोकस के पिता प्रीत सिंह टोकस भी पहलवान थे। अपने कॉलेज के दिनों से ही रोहित टोकस ने मुक्केबाज़ी शुरू की थी। उन्होंने [[2010]] के यूथ मेन्स नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में पहला स्थान हासिल किया था।
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*रोहित टोकस के पिता प्रीत सिंह टोकस भी पहलवान थे। अपने कॉलेज के दिनों से ही रोहित टोकस ने मुक्केबाज़ी शुरू की थी। उन्होंने [[2010]] के यूथ मेन्स नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में पहला स्थान हासिल किया था।<ref name="pp">{{cite web |url= |title=|accessmonthday=16 अगस्त|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिंदी}}</ref>
 
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*[[2012]] में पहले डॉ. बी.आर. अंबेडकर अखिल भारतीय पुरुष मुक्केबाजी टूर्नामेंट में रोहित टोकस ने कांस्य पदक जीता। बाद में [[2013]] में अखिल भारतीय अंतर-विश्वविद्यालय खेलों में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता।  
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*बाद में रोहित टोकस ने [[2019]] में मकरान कप में कांस्य पदक जीता।
 
*[[अप्रॅल 2022]] में अखिल भारतीय इंटर रेलवे चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किया।  
 
*[[अप्रॅल 2022]] में अखिल भारतीय इंटर रेलवे चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किया।  
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==उपलब्धियाँ==
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*[[2010]] - यूथ मेन्स नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप – स्वर्ण पदक
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*[[2011]] - क्यूबा युवा ओलंपिक – रजत पदक
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*[[2015]] - किंग्स कप, थाईलैंड – कांस्य पदक
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*[[2016]] - एलीट मेन्स नेशनल बॉक्सिंग – रजत पदक
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*[[2017]] - किंग्स कप, थाईलैंड – कांस्य पदक
  
 
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09:16, 17 अगस्त 2022 के समय का अवतरण

रोहित टोकस
रोहित टोकस
पूरा नाम रोहित टोकस
जन्म 1 अगस्त, 1993
जन्म भूमि मुनिरका, नई दिल्ली
अभिभावक माता- अनीता टोकस

पिता- प्रीत सिंह टोकस

पति/पत्नी स्वाति टोकस
कर्म भूमि भारत
खेल-क्षेत्र मुक्केबाज़ी
प्रसिद्धि भारतीय मुक्केबाज़
नागरिकता भारतीय
कॉमनवेल्थ गेम्स बर्मिंघम, 2022 - कांस्य पदक
लम्बाई 5 फुट 9 इंच
कोच राजेश टोकस, प्रीतम टोकस, ललित प्रसाद
अन्य जानकारी रोहित टोकस ने नई दिल्ली में 2018 इंडिया ओपन में कांस्य पदक जीता। उसी साल तीसरी एलीट मेन्स नेशनल चैंपियनशिप में स्वर्ण जीता।
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रोहित टोकस (अंग्रेज़ी: Rohit Tokas, जन्म- 1 अगस्त, 1993, मुनिरका, नई दिल्ली) भारतीय मुक्केबाज़ हैं। उन्होंने बर्मिंघम, इंग्लैंड में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में भारत के लिये कांस्य पदक जीता है। टूर्नामेंट की शुरुआत से ही रोहित टोकास ने अपने दमदार खेल से पदक की उम्मीदें बढ़ा दी थीं। उन्होंने बिल्कुल उम्मीदों पर खरा उतरते हुए कॉमनवेल्थ पदक हासिल किया। हालांकि, सेमीफाइनल मुकाबले में जाम्बिया के स्टीफन जिम्बा से 2-3 के स्प्लिट निर्णय से हारकर रोहित टोकस को कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपनी गति से भविष्य में अपने प्रशंसकों की भूख बढ़ा दी है।

परिचय

रोहित टोकस का जन्म 1 अगस्त, 1993 को मुनिरका, नई दिल्ली में हुआ था। उन्हें प्यार से 'जेरी' नाम से भी जाना जाता है। उनके पिता का नाम प्रीत सिंह टोकस है। माता का नाम अनीता टोकस है। रोहित टोकसने दिल्ली यूनिवर्सिटी के दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स से पढ़ीई की है। वह वर्तमान में भारतीय रेलवे में कार्यरत हैं। रोहित टोकस वेल्टरवेट वर्ग में प्रतिस्पर्धा करते हैं।

कॅरियर

  • रोहित टोकस के पिता प्रीत सिंह टोकस भी पहलवान थे। अपने कॉलेज के दिनों से ही रोहित टोकस ने मुक्केबाज़ी शुरू की थी। उन्होंने 2010 के यूथ मेन्स नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में पहला स्थान हासिल किया था।[1]
  • उन्होंने 2011 के क्यूबा युवा ओलंपिक से रजत पदक अपने नाम किया।
  • 2012 में पहले डॉ. बी.आर. अंबेडकर अखिल भारतीय पुरुष मुक्केबाजी टूर्नामेंट में रोहित टोकस ने कांस्य पदक जीता। बाद में 2013 में अखिल भारतीय अंतर-विश्वविद्यालय खेलों में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता।
  • 2017 में थाईलैंड के किंग्स कप में उन्होंने कांस्य पदक अपने नाम किया।
  • उन्होंने 2016 में उद्घाटन एलीट मेन्स नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में रजत पदक जीता।
  • 2015 में थाईलैंड के किंग्स कप में एक बार फिर से कांस्य पदक जीता।
  • नई दिल्ली में 2018 इंडिया ओपन में कांस्य पदक जीता। उसी साल तीसरी एलीट मेन्स नेशनल चैंपियनशिप में स्वर्ण जीता।
  • बाद में रोहित टोकस ने 2019 में मकरान कप में कांस्य पदक जीता।
  • अप्रॅल 2022 में अखिल भारतीय इंटर रेलवे चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किया।

उपलब्धियाँ

  • 2010 - यूथ मेन्स नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप – स्वर्ण पदक
  • 2011 - क्यूबा युवा ओलंपिक – रजत पदक
  • 2015 - किंग्स कप, थाईलैंड – कांस्य पदक
  • 2016 - एलीट मेन्स नेशनल बॉक्सिंग – रजत पदक
  • 2017 - किंग्स कप, थाईलैंड – कांस्य पदक


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. Error on call to Template:cite web: Parameters url and title must be specified (हिंदी)। । अभिगमन तिथि: 16 अगस्त, 2021।

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