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'''बरवासागर''' एक ऐतिहासिक स्थान है। जो [[झांसी ज़िला]], [[उत्तर प्रदेश]] से 12 मील दक्षिण-पूर्व की ओर मानिकपुर रेलपथ पर स्थित है। यहाँ एक प्राचीन सरोवर के तट पर तथा उसके आसपास [[चंदेल वंश|चंदेल]] राजाओं के समय की अनेक सुन्दर इमारतें हैं।  
'''बरवासागर''' एक ऐतिहासिक स्थान है। जो [[झांसी ज़िला]], [[उत्तर प्रदेश]] से 12 मील दक्षिण-पूर्व की ओर मानिकपुर रेलपथ पर स्थित है। यहाँ एक प्राचीन सरोवर के तट पर तथा उसके आसपास [[चंदेल वंश|चंदेल]] राजाओं के समय की अनेक सुन्दर इमारते हैं।  
 
 
*बरवासागर में ओड़छा के राजा उदित सिंह का बनवाया एक दुर्ग भी सरोवर के निकट है।  
 
*बरवासागर में ओड़छा के राजा उदित सिंह का बनवाया एक दुर्ग भी सरोवर के निकट है।  
 
*चंदेलनरेशों द्वारा निर्मित एक बहुत ही कलापूर्ण मन्दिर या जरायका मठ भी यहाँ का सुन्दर स्मारक है।  
 
*चंदेलनरेशों द्वारा निर्मित एक बहुत ही कलापूर्ण मन्दिर या जरायका मठ भी यहाँ का सुन्दर स्मारक है।  
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06:53, 29 नवम्बर 2011 का अवतरण

बरवासागर एक ऐतिहासिक स्थान है। जो झांसी ज़िला, उत्तर प्रदेश से 12 मील दक्षिण-पूर्व की ओर मानिकपुर रेलपथ पर स्थित है। यहाँ एक प्राचीन सरोवर के तट पर तथा उसके आसपास चंदेल राजाओं के समय की अनेक सुन्दर इमारतें हैं।

  • बरवासागर में ओड़छा के राजा उदित सिंह का बनवाया एक दुर्ग भी सरोवर के निकट है।
  • चंदेलनरेशों द्वारा निर्मित एक बहुत ही कलापूर्ण मन्दिर या जरायका मठ भी यहाँ का सुन्दर स्मारक है।
  • मन्दिर की बाह्य भित्तियों पर अनेक प्रकार की मूर्तिकारी तथा अलंकरण प्रदर्शित हैं।
  • वास्तव में चंदेल राजपूतों के काल का यह मंदिर वास्तुकला की दृष्टि से बहुत ही उच्चकोटि का है।
  • मंदिर के अतिरिक्त घुघुजा मठ तथा कई मन्दिरों के अवशेष भी चदेलकालीन वास्तुकला के परिचायक हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

माथुर, विजयेन्द्र कुमार ऐतिहासिक स्थानावली (हिन्दी)। भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर, पृष्ठ 609।


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