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'''मक़बूल फ़िदा हुसैन''' (जन्म: [[17 सितंबर]] [[1915]]; मृत्यु: [[9 जून]] [[2011]]) [[महाराष्ट्र]] के प्रसिद्ध चित्रकार जिनका पूरा जीवन चित्रकला को समर्पित था और जिन्हें प्रगतिशाली चित्रकार माना जाता है। मक़बूल फ़िदा हुसैन को [[कला]] के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन [[1991]] में [[भारत]] के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार [[पद्म विभूषण]] से सम्मानित किया गया।  
  
 
==जीवन परिचय==
 
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मक़बूल फ़िदा हुसैन ने आरंम्भिक शिक्षा इंदौर से ही की थी। 20 साल की उम्र में वे [[मुंबई]] पहुंचे, जहां जे जे स्कूल ऑफ आर्ट्स में उन्होंने पेंटिंग की शिक्षा ली। लंबे समय तक उन्होंने फ़िल्मों के पोस्टर बना कर अपना जीवन गुजारा।
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मक़बूल फ़िदा हुसैन ने आरंम्भिक शिक्षा इंदौर से ही की थी। 20 साल की उम्र में वे [[मुंबई]] पहुंचे, जहाँ जे. जे. स्कूल ऑफ़ आर्ट्स में उन्होंने पेंटिंग की शिक्षा ली। लंबे समय तक उन्होंने फ़िल्मों के पोस्टर बना कर अपना जीवन गुजारा।
 
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==सफलता==
 
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मक़बूल फ़िदा हुसैन को पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर पहचान [[1940]] के दशक के आख़िर में मिली। वर्ष [[1947]] में वे प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट ग्रुप में शामिल हुए। युवा पेंटर के रूप में मक़बूल फ़िदा हुसैन बंगाल स्कूल ऑफ़ आर्ट्स की राष्ट्रवादी परंपरा को तोड़कर कुछ नया करना चाहते थे। 1952 में ज्युरिख में उनकी पहली एकल प्रदर्शनी लगी। उनकी फ़िल्म 'द आइज़ ऑफ़ पेण्टर' [[1966]] में फ्रांस के फ़िल्म समारोह में पुरस्कृत हो चुकी है। उन्होंने [[रामायण]], [[गीता]], [[महाभारत]] आदि ग्रंथों में उल्लिखित सूक्ष्म पहलुओं को अपने चित्रों के माध्यम से जीवंत बनाया है। [[1998]] में उन्होंने [[हैदराबाद]] में 'सिनेमाघर' नामक संग्रहालय की स्थापना की।  
  
 
==सम्मान और पुरस्कार==
 
==सम्मान और पुरस्कार==
मक़बूल फ़िदा हुसैन को सन [[1955]] में भारत सरकार ने उन्हें [[पद्मश्री]] पुरस्कार से सम्मानित किया। 1973 में उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया और वर्ष [[1986]] में उन्हें राज्यसभा में मनोनीत किया गया। भारत सरकार ने वर्ष [[1991]] में [[पद्म विभूषण]] से सम्मानित किया गया।  
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मक़बूल फ़िदा हुसैन को सन [[1955]] में भारत सरकार ने [[पद्मश्री]] पुरस्कार से सम्मानित किया। 1973 में उन्हें [[पद्मभूषण]] से सम्मानित किया गया और वर्ष [[1986]] में उन्हें राज्यसभा में मनोनीत किया गया। भारत सरकार ने वर्ष [[1991]] में [[पद्म विभूषण]] से सम्मानित गया।  
  
 
==निधन==
 
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07:56, 12 जून 2012 का अवतरण

मक़बूल फ़िदा हुसैन
मक़बूल फ़िदा हुसैन
पूरा नाम मक़बूल फ़िदा हुसैन
प्रसिद्ध नाम एम.एफ़. हुसैन
जन्म 17 सितंबर 1915
जन्म भूमि मुम्बई
मृत्यु 9 जून 2011
मृत्यु स्थान लंदन (इंग्लैंड)
कर्म भूमि मुम्बई
पुरस्कार-उपाधि 1955 पद्मश्री, 1973 पद्मभूषण, 1991 पद्म विभूषण
प्रसिद्धि चित्रकार
विशेष योगदान उन्होंने रामायण, गीता, महाभारत आदि ग्रंथों में उल्लिखित सूक्ष्म पहलुओं को अपने चित्रों के माध्यम से जीवंत बनाया है।
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी उनकी फ़िल्म 'द आइज ऑफ पेण्टर' 1966 में फ्रांस के फ़िल्म समारोह में पुरस्कृत हो चुकी है।
बाहरी कड़ियाँ मक़बूल फ़िदा हुसैन

मक़बूल फ़िदा हुसैन (जन्म: 17 सितंबर 1915; मृत्यु: 9 जून 2011) महाराष्ट्र के प्रसिद्ध चित्रकार जिनका पूरा जीवन चित्रकला को समर्पित था और जिन्हें प्रगतिशाली चित्रकार माना जाता है। मक़बूल फ़िदा हुसैन को कला के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन 1991 में भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।

जीवन परिचय

जन्म

मक़बूल फ़िदा हुसैन का जन्म 17 सितम्बर 1915 को हुआ था। माँ के देहांत के बाद मक़बूल फ़िदा हुसैन का परिवार इंदौर चला गया।

शिक्षा

मक़बूल फ़िदा हुसैन ने आरंम्भिक शिक्षा इंदौर से ही की थी। 20 साल की उम्र में वे मुंबई पहुंचे, जहाँ जे. जे. स्कूल ऑफ़ आर्ट्स में उन्होंने पेंटिंग की शिक्षा ली। लंबे समय तक उन्होंने फ़िल्मों के पोस्टर बना कर अपना जीवन गुजारा।

मक़बूल फ़िदा हुसैन

सफलता

मक़बूल फ़िदा हुसैन को पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर पहचान 1940 के दशक के आख़िर में मिली। वर्ष 1947 में वे प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट ग्रुप में शामिल हुए। युवा पेंटर के रूप में मक़बूल फ़िदा हुसैन बंगाल स्कूल ऑफ़ आर्ट्स की राष्ट्रवादी परंपरा को तोड़कर कुछ नया करना चाहते थे। 1952 में ज्युरिख में उनकी पहली एकल प्रदर्शनी लगी। उनकी फ़िल्म 'द आइज़ ऑफ़ पेण्टर' 1966 में फ्रांस के फ़िल्म समारोह में पुरस्कृत हो चुकी है। उन्होंने रामायण, गीता, महाभारत आदि ग्रंथों में उल्लिखित सूक्ष्म पहलुओं को अपने चित्रों के माध्यम से जीवंत बनाया है। 1998 में उन्होंने हैदराबाद में 'सिनेमाघर' नामक संग्रहालय की स्थापना की।

सम्मान और पुरस्कार

मक़बूल फ़िदा हुसैन को सन 1955 में भारत सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया। 1973 में उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया और वर्ष 1986 में उन्हें राज्यसभा में मनोनीत किया गया। भारत सरकार ने वर्ष 1991 में पद्म विभूषण से सम्मानित गया।

निधन

मक़बूल फ़िदा हुसैन का निधन 9 जून 2011 को लंदन (इंग्लैंड) में हुआ था।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. मक़बूल फ़िदा हुसैन का निधन (हिन्दी) (एच. टी. एम. एल) रविवार डॉट कॉम। अभिगमन तिथि: 20 मार्च, 2012

बाहरी कड़ियाँ

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