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[[भारत]] में बसी हुई प्राचीनतम प्रजातियों में से एक, जो एक उत्तर और दक्षिण दोनों भागों में फैली हुई थी। कालांतर में उत्तर भारत के द्रविड़ मेसोपोटामिया (वर्तमान ईरान) की ओर चले गये और रास्ते में [[बलूचिस्तान]] में अपनी [[ब्राहुई जाति|ब्राहुई]] शाखा छोड़ गये जो आज भी द्रविड़ भाषा से मिलती-जुलती बोली बोलते हैं। उत्तर भारत के द्रविड़ लोगों को [[आर्य|आर्यों]] ने दक्षिण की ओर खदेड़ दिया। आर्यों की सभ्यता और संस्कृति द्रविड़ों के मुक़ाबले निचले दर्जे की थी, लेकिन अच्छे योद्धा होने के कारण उत्तर भारत में अपनी सत्ता स्थापित करने में वे सफल हो गये।
 
[[भारत]] में बसी हुई प्राचीनतम प्रजातियों में से एक, जो एक उत्तर और दक्षिण दोनों भागों में फैली हुई थी। कालांतर में उत्तर भारत के द्रविड़ मेसोपोटामिया (वर्तमान ईरान) की ओर चले गये और रास्ते में [[बलूचिस्तान]] में अपनी [[ब्राहुई जाति|ब्राहुई]] शाखा छोड़ गये जो आज भी द्रविड़ भाषा से मिलती-जुलती बोली बोलते हैं। उत्तर भारत के द्रविड़ लोगों को [[आर्य|आर्यों]] ने दक्षिण की ओर खदेड़ दिया। आर्यों की सभ्यता और संस्कृति द्रविड़ों के मुक़ाबले निचले दर्जे की थी, लेकिन अच्छे योद्धा होने के कारण उत्तर भारत में अपनी सत्ता स्थापित करने में वे सफल हो गये।
 
   
 
   
उत्तर में आर्यों के जम जाने के बावजूद दक्षिण भारत में द्रविड़ लोगों की सत्ता शताब्दियों तक कायम रही। इनकी सन्तान आज भी दक्षिण भारत में है जो [[तमिल भाषा|तमिल]], [[तेलुगु भाषा|तेलुगु]], [[कन्नड़ भाषा|कन्नड़]] और [[मलयालम भाषा|मलयालम]] भाषाएँ बोलती है। इन भाषाओं का मूल उद्भव [[संस्कृत]] से नहीं हुआ है जो आर्यों की भाषा मानी जाती है। समय बीतने के साथ द्रविड़ों और आर्यों में रक्त का सम्मिश्रण हुआ और इस समय दोनों के बीच का भेद लगभग लुप्त हो गया है और दोनों की सभ्यता, संस्कृति और धर्म में समन्वय स्थापित हो गया है। द्रविड़ लोगों के देवी-देवता वैदिक धर्म में शामिल हो गये हैं और उत्तर भारत में उनकी पूजा उसी प्रकार होती है जैसे दक्षिण भारत में।  
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उत्तर में आर्यों के जम जाने के बावजूद दक्षिण भारत में द्रविड़ लोगों की सत्ता शताब्दियों तक क़ायम रही। इनकी सन्तान आज भी दक्षिण भारत में है जो [[तमिल भाषा|तमिल]], [[तेलुगु भाषा|तेलुगु]], [[कन्नड़ भाषा|कन्नड़]] और [[मलयालम भाषा|मलयालम]] भाषाएँ बोलती है। इन भाषाओं का मूल उद्भव [[संस्कृत]] से नहीं हुआ है जो आर्यों की भाषा मानी जाती है। समय बीतने के साथ द्रविड़ों और आर्यों में रक्त का सम्मिश्रण हुआ और इस समय दोनों के बीच का भेद लगभग लुप्त हो गया है और दोनों की सभ्यता, संस्कृति और धर्म में समन्वय स्थापित हो गया है। द्रविड़ लोगों के देवी-देवता वैदिक धर्म में शामिल हो गये हैं और उत्तर भारत में उनकी पूजा उसी प्रकार होती है जैसे दक्षिण भारत में।  
  
 
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14:16, 29 जनवरी 2013 का अवतरण

Disamb2.jpg द्रविड़ एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- द्रविड़ (बहुविकल्पी)

भारत में बसी हुई प्राचीनतम प्रजातियों में से एक, जो एक उत्तर और दक्षिण दोनों भागों में फैली हुई थी। कालांतर में उत्तर भारत के द्रविड़ मेसोपोटामिया (वर्तमान ईरान) की ओर चले गये और रास्ते में बलूचिस्तान में अपनी ब्राहुई शाखा छोड़ गये जो आज भी द्रविड़ भाषा से मिलती-जुलती बोली बोलते हैं। उत्तर भारत के द्रविड़ लोगों को आर्यों ने दक्षिण की ओर खदेड़ दिया। आर्यों की सभ्यता और संस्कृति द्रविड़ों के मुक़ाबले निचले दर्जे की थी, लेकिन अच्छे योद्धा होने के कारण उत्तर भारत में अपनी सत्ता स्थापित करने में वे सफल हो गये।

उत्तर में आर्यों के जम जाने के बावजूद दक्षिण भारत में द्रविड़ लोगों की सत्ता शताब्दियों तक क़ायम रही। इनकी सन्तान आज भी दक्षिण भारत में है जो तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम भाषाएँ बोलती है। इन भाषाओं का मूल उद्भव संस्कृत से नहीं हुआ है जो आर्यों की भाषा मानी जाती है। समय बीतने के साथ द्रविड़ों और आर्यों में रक्त का सम्मिश्रण हुआ और इस समय दोनों के बीच का भेद लगभग लुप्त हो गया है और दोनों की सभ्यता, संस्कृति और धर्म में समन्वय स्थापित हो गया है। द्रविड़ लोगों के देवी-देवता वैदिक धर्म में शामिल हो गये हैं और उत्तर भारत में उनकी पूजा उसी प्रकार होती है जैसे दक्षिण भारत में।


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