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[[चित्र:Raskhan audit 1.jpg|रसखान प्रेक्षाग्रह, [[हरदोई]]|thumb|250px]]'''पिहानी''' ज़िला [[हरदोई]], [[उत्तर प्रदेश]] का एक कस्बा है। यह कस्बा [[रसखान]] की जन्म स्थली के रूप में प्रसिद्ध है।
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[[चित्र:Raskhan audit 1.jpg|रसखान प्रेक्षाग्रह, [[हरदोई]]|thumb|250px]]'''पिहानी''' ज़िला [[हरदोई]], [[उत्तर प्रदेश]] का एक क़स्बा है। यह क़स्बा [[रसखान]] की जन्म स्थली के रूप में प्रसिद्ध है।
 
[[जार्ज ग्रियर्सन|अब्राहम जार्ज ग्रियर्सन]] ने लिखा है सैयद इब्राहीम उपनाम रसखान कवि, हरदोई ज़िले के अंतर्गत पिहानी के रहने वाले, जन्म काल 1573 ई.। यह पहले मुसलमान थे। बाद में [[वैष्णव]] होकर [[ब्रज]] में रहने लगे थे। इनका वर्णन '[[भक्तमाल]]' में है। इनके एक शिष्य कादिर बख्श हुए।<ref>हिन्दी-साहित्य का प्रथम इतिहास, पृष्ठ 107</ref><br />  
 
[[जार्ज ग्रियर्सन|अब्राहम जार्ज ग्रियर्सन]] ने लिखा है सैयद इब्राहीम उपनाम रसखान कवि, हरदोई ज़िले के अंतर्गत पिहानी के रहने वाले, जन्म काल 1573 ई.। यह पहले मुसलमान थे। बाद में [[वैष्णव]] होकर [[ब्रज]] में रहने लगे थे। इनका वर्णन '[[भक्तमाल]]' में है। इनके एक शिष्य कादिर बख्श हुए।<ref>हिन्दी-साहित्य का प्रथम इतिहास, पृष्ठ 107</ref><br />  
 
*जनपद [[हरदोई]] मुख्यालय पर निर्मित एक प्रेक्षाग्रह का नाम ‘रसखान प्रेक्षाग्रह’ रखा गया है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=630|url=}}</ref>
 
*जनपद [[हरदोई]] मुख्यालय पर निर्मित एक प्रेक्षाग्रह का नाम ‘रसखान प्रेक्षाग्रह’ रखा गया है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=630|url=}}</ref>

14:10, 6 अप्रैल 2015 का अवतरण

पिहानी ज़िला हरदोई, उत्तर प्रदेश का एक क़स्बा है। यह क़स्बा रसखान की जन्म स्थली के रूप में प्रसिद्ध है।

अब्राहम जार्ज ग्रियर्सन ने लिखा है सैयद इब्राहीम उपनाम रसखान कवि, हरदोई ज़िले के अंतर्गत पिहानी के रहने वाले, जन्म काल 1573 ई.। यह पहले मुसलमान थे। बाद में वैष्णव होकर ब्रज में रहने लगे थे। इनका वर्णन 'भक्तमाल' में है। इनके एक शिष्य कादिर बख्श हुए।[1]

  • जनपद हरदोई मुख्यालय पर निर्मित एक प्रेक्षाग्रह का नाम ‘रसखान प्रेक्षाग्रह’ रखा गया है।[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी-साहित्य का प्रथम इतिहास, पृष्ठ 107
  2. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 630 |
  • ऐतिहासिक स्थानावली | विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार

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