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*आधुनिक काल में प्रचलित अनेक देवियों की मूलाधार पराशक्ति तथा परंपरा का आरंभ पूर्वोक्त तीन शक्तिस्वरूपा देवियां हैं। | *आधुनिक काल में प्रचलित अनेक देवियों की मूलाधार पराशक्ति तथा परंपरा का आरंभ पूर्वोक्त तीन शक्तिस्वरूपा देवियां हैं। | ||
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05:10, 14 नवम्बर 2010 का अवतरण
- गौरी(पार्वती) हिमालय की पुत्री तथा शिव की अर्द्धागिनी के रूप में अंकित हैं।
- वे देवी, दुर्गा, गौरी, पार्वती, उमा आदि 108 नामों से विख्यात हैं।
- उनसे अत्यधिक आत्मीयता होने के कारण ही शिव अर्धनारीश्वर कहलाये।
- उमा, अंबा, अंबालिका आदि विभिन्न नाम किसी न किसी मिथक से जुड़े हुए हैं।
- शिव ने क्रोध का शमन करने की शक्ति भी पार्वती में ही है।
- आधुनिक काल में प्रचलित अनेक देवियों की मूलाधार पराशक्ति तथा परंपरा का आरंभ पूर्वोक्त तीन शक्तिस्वरूपा देवियां हैं।
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