मोहिन्दर अमरनाथ

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मोहिन्दर अमरनाथ भारद्वाज (अंग्रेज़ी: Mohinder Amarnath Bhardwaj ; जन्म- 24 सितम्बर, 1950, पटियाला, पंजाब) भारत के ख्यातिप्राप्त पूर्व क्रिकेटरों (1969-1989) में से एक हैं। वर्तमान समय वे क्रिकेट जैसे लोकप्रिय खेल के विश्लेषक हैं। मोहिन्दर अमरनाथ 'जिम्मी' के नाम से भी जाने जाते हैं। अपने समय के तेज़ गेंदबाजों का सामना करने में मोहिन्दर अमरनाथ सबसे माहिर माने जाते थे। वे भारत के प्रथम कप्तान लाला अमरनाथ के पुत्र हैं। इनके भाई सुरिन्दर अमरनाथ टेस्ट क्रिकेट खिलाड़ी और राजिन्दर अमरनाथ प्रथम श्रेणी क्रिकेट के खिलाड़ी रहे हैं। मोहिन्दर अमरनाथ वर्ष 1983 में भारत की पहली विश्व कप जीत के नायक थे।

जन्म

मोहिन्दर अमरनाथ का जन्म 24 सितम्बर, 1950 को पंजाब राज्य के पटियाला ज़िले में हुआ था। इनके पिता भारत के प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी लाला अमरनाथ थे।

पारिवारिक पृष्ठभूमि

भारत के लिये पहला टेस्ट शतक जमाने वाले लाला अमरनाथ भारतीय क्रिकेट के महानतम खिलाडि़यों में से एक थे। लाला अमरनाथ के बाद उनके बड़े बेटे सुरिन्दर अमरनाथ ने भारतीय स्कूली लड़कों की टेस्ट टीम की कप्तानी की और बाद में अपने पिता की तरह पहले टेस्ट में शतक बनाया। दोनों के नाम पहले ही टेस्ट में शतक जमाने का रिकार्ड है। बाद में मोहिन्दर अमरनाथ ने क्रिकेट में पदार्पण किया, जो 1983 में भारत की पहली विश्व कप जीत के नायक रहे। अब अमरनाथ परिवार की तीसरी पीढ़ी भी क्रिकेट के मैदान पर उतर चुकी है, जब सुरिन्दर अमरनाथ के 22 वर्ष के बेटे दिग्विजय अमरनाथ ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया।[1]

विश्व कप में प्रदर्शन

मोहिन्दर अमरनाथ को 'क्रिकेट विश्व कप-1983' में उनके सफल प्रदर्शन के लिए जाना जाता है। फाइनल और सेमीफाइनल मैच में उन्हें मैन ऑफ द मैच' के खिताब से सम्मानित किया गया था। इस तरह उन्होंने भारत का अपने पहले एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय खिताब के लिए नेतृत्व किया। मोहिन्दर अमरनाथ ने अपनी सटीक और तेज़ गेंदबाजी से इंग्लैंड के ख़िलाफ़ सेमीफाइनल में डेविड गोवर और माइक गैटिंग जैसे शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों के विकेट लिए थे। उस समय उन्होंने औसतन 2.25 प्रति ओवर के अनुसार अपने 12 ओवरों में मात्र 27 रन ही दिए थे। यह सभी भारतीय गेंदबाजों द्वारा दिए गए रनों में सबसे कम थे। यदि बल्लेबाजी की बात की जाये तो उन्होंने 46 रन बनाकर भारत को ठोस शुरुआत देने का कार्य किया था।

फ़ाइनल मैच में भारत ने वेस्ट इंडीज के विरुद्ध पहले बल्लेबाजी की, जो विवादास्पद रूप से दुनिया की सबसे अच्छी गेंदबाजी का दावा करता है। टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई और 54.4 ओवरों में मात्र183 रन पर ही सिमट गई और निर्धारित 60 ओवर भी पूरे नहीं खेल सकी। इस समय वेस्टइंडीज की घाटक तेज़ गेंदबाजी के आगे मोहिन्दर अमरनाथ की शान्त और तटस्थ बल्लेबाजी ने भारतीय पारी को काफ़ी हद तक स्थिरता दिलाई। भारतीय खिलाड़ियों में मात्र वे ही सबसे अधिक समय तक पिच पर टिके रहे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अमरनाथ परिवार की तीसरी पीढ़ी का क्रिकेट में पदार्पण (हिन्दी) पी-7 न्यूज। अभिगमन तिथि: 24 सितम्बर, 2014।

बाहरी कड़ियाँ

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