"ऊँचडीह" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 4 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 12: | पंक्ति 12: | ||
|स्थापना= | |स्थापना= | ||
|भौगोलिक स्थिति= | |भौगोलिक स्थिति= | ||
− | |मार्ग स्थिति=[[इलाहाबाद]] जंक्शन से लगभग 40 | + | |मार्ग स्थिति=[[इलाहाबाद]] जंक्शन से लगभग 40 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। |
|मौसम= | |मौसम= | ||
|तापमान= | |तापमान= | ||
पंक्ति 40: | पंक्ति 40: | ||
}} | }} | ||
'''ऊँचडीह''' तीर्थराज [[प्रयाग]] से लगभग 40 किमी दूरी पर उत्तर दिशा मे [[प्रतापगढ़ ज़िला|प्रतापगढ़]] [[इलाहाबाद]] के जनपदीय सीमा पर स्थित एक [[ऐतिहासिक स्थान]] है, जो [[महाभारत]] कालीन बाबा [[भयहरणनाथ धाम]] के समीप है। | '''ऊँचडीह''' तीर्थराज [[प्रयाग]] से लगभग 40 किमी दूरी पर उत्तर दिशा मे [[प्रतापगढ़ ज़िला|प्रतापगढ़]] [[इलाहाबाद]] के जनपदीय सीमा पर स्थित एक [[ऐतिहासिक स्थान]] है, जो [[महाभारत]] कालीन बाबा [[भयहरणनाथ धाम]] के समीप है। | ||
− | * ऊँचडीह गाँव में पुरातात्विक महत्व के कई [[अवशेष]] पाए गए है, भग्न | + | * ऊँचडीह गाँव में पुरातात्विक महत्व के कई [[अवशेष]] पाए गए है, भग्न मूर्तियाँ, पत्थरों पर बनी प्राचीन कलाकृतियाँ तथा शिलाखंड प्रमुख है। |
− | * यहाँ के प्राप्त अवशेष [[महाभारत]] | + | * यहाँ के प्राप्त अवशेष [[महाभारत |महाभारत कालीन]] व [[बौद्ध|बौद्धकालीन]] प्रतीत होते है। प्राप्त अवशेष भग्न अवस्था में है। |
* पौराणिक व ग्रामवासियों के मान्यताओं के अनुसार, ऊँचडीह राक्षस [[बकासुर]] का एक निवास क्षेत्र था और बकासुर का वध महाबली [[भीम]] द्वारा [[भयहरणनाथ धाम|भयहरणनाथ]] के निकट [[ऊँचडीह]] में हुआ था। | * पौराणिक व ग्रामवासियों के मान्यताओं के अनुसार, ऊँचडीह राक्षस [[बकासुर]] का एक निवास क्षेत्र था और बकासुर का वध महाबली [[भीम]] द्वारा [[भयहरणनाथ धाम|भयहरणनाथ]] के निकट [[ऊँचडीह]] में हुआ था। | ||
− | * [[प्रतापगढ़ ज़िला|प्रतापगढ़]] जिले बौद्धकालीन [[सूर्य मंदिर प्रतापगढ़|सूर्य मंदिर]] व तीर्थ [[भयहरणनाथ धाम|भयहरणनाथ मंदिर]] ऊँचडीह गाँव के निकट स्थित है। | + | *[[प्रतापगढ़ ज़िला|प्रतापगढ़]] जिले बौद्धकालीन [[सूर्य मंदिर प्रतापगढ़|सूर्य मंदिर]] व तीर्थ [[भयहरणनाथ धाम|भयहरणनाथ मंदिर]] ऊँचडीह गाँव के निकट स्थित है। |
पंक्ति 57: | पंक्ति 57: | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
+ | |||
+ | |||
==बाहरी कड़ियाँ== | ==बाहरी कड़ियाँ== | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== |
10:14, 17 मई 2018 के समय का अवतरण
ऊँचडीह
| |||
विवरण | ऊँचडीह एक ऐतिहासिक स्थल है, जहाँ पर प्राचीन अवशेष मिले हैं। | ||
राज्य | उत्तर प्रदेश | ||
ज़िला | इलाहाबाद | ||
मार्ग स्थिति | इलाहाबाद जंक्शन से लगभग 40 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। | ||
संबंधित लेख | भयहरणनाथ धाम | भाषा | हिंदी, अंग्रेजी |
अन्य जानकारी | यह गाँव ऊँचे और प्राचीन टीलो के लिए जाना जाता है | ||
अद्यतन | 18:12, 6 जून 2012 (IST)
|
ऊँचडीह तीर्थराज प्रयाग से लगभग 40 किमी दूरी पर उत्तर दिशा मे प्रतापगढ़ इलाहाबाद के जनपदीय सीमा पर स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है, जो महाभारत कालीन बाबा भयहरणनाथ धाम के समीप है।
- ऊँचडीह गाँव में पुरातात्विक महत्व के कई अवशेष पाए गए है, भग्न मूर्तियाँ, पत्थरों पर बनी प्राचीन कलाकृतियाँ तथा शिलाखंड प्रमुख है।
- यहाँ के प्राप्त अवशेष महाभारत कालीन व बौद्धकालीन प्रतीत होते है। प्राप्त अवशेष भग्न अवस्था में है।
- पौराणिक व ग्रामवासियों के मान्यताओं के अनुसार, ऊँचडीह राक्षस बकासुर का एक निवास क्षेत्र था और बकासुर का वध महाबली भीम द्वारा भयहरणनाथ के निकट ऊँचडीह में हुआ था।
- प्रतापगढ़ जिले बौद्धकालीन सूर्य मंदिर व तीर्थ भयहरणनाथ मंदिर ऊँचडीह गाँव के निकट स्थित है।
|
|
|
|
|
चित्र वीथिका
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख