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*आधुनिक [[पाकिस्तान]] के [[पंजाब]] प्रांत में [[सिन्धु नदी]] के तट पर स्थित दीपालपुर मध्यकाल में विशेषकर [[सल्तनत काल]] में बाहरी आक्रमणों से बचने के लिए एक महत्त्वपूर्ण दुर्ग के रूप में प्रसिद्ध है। | *आधुनिक [[पाकिस्तान]] के [[पंजाब]] प्रांत में [[सिन्धु नदी]] के तट पर स्थित दीपालपुर मध्यकाल में विशेषकर [[सल्तनत काल]] में बाहरी आक्रमणों से बचने के लिए एक महत्त्वपूर्ण दुर्ग के रूप में प्रसिद्ध है। | ||
− | *सबसे पहले मंगोल-आक्रमण के मद्देनजर बलबन ने इस दुर्ग को मजबूत बनाया और यहाँ अफ़गान सैनिकों को नियुक्त किया था। | + | *सबसे पहले [[मंगोल]]-आक्रमण के मद्देनजर बलबन ने इस दुर्ग को मजबूत बनाया और यहाँ अफ़गान सैनिकों को नियुक्त किया था। |
*[[ग़यासुद्दीन तुग़लक़]] भी यहाँ सूबेदार के रूप में काम कर चुका था। | *[[ग़यासुद्दीन तुग़लक़]] भी यहाँ सूबेदार के रूप में काम कर चुका था। | ||
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08:05, 6 अक्टूबर 2011 का अवतरण
- आधुनिक पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सिन्धु नदी के तट पर स्थित दीपालपुर मध्यकाल में विशेषकर सल्तनत काल में बाहरी आक्रमणों से बचने के लिए एक महत्त्वपूर्ण दुर्ग के रूप में प्रसिद्ध है।
- सबसे पहले मंगोल-आक्रमण के मद्देनजर बलबन ने इस दुर्ग को मजबूत बनाया और यहाँ अफ़गान सैनिकों को नियुक्त किया था।
- ग़यासुद्दीन तुग़लक़ भी यहाँ सूबेदार के रूप में काम कर चुका था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख