जयपाल का आगरा क़िला
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जयपाल का आगरा क़िला
- अफ़ग़ानी आक्रमणकारी मोहम्मद गजनवी के समय आगरा एक सशक्त हिन्दू राष्ट्र था। उसने अपने 17 आक्रमणों में आगरा और मथुरा को भरपूर लूटा था। 10वें अभियान में कन्नौज, कलिंजर व चन्दवार को लूटते समय जयपाल यहां का शासक रहा। इसे 1070 ई. या 1080 ईं में गजनवी ने पराजित किया था। जब यहां वैभव था तो यहां की नगर सन्निवेश व आयोजन भी रहे होंगे, इससे इन्कार नहीं किया जा सकता है।[1]
- 11वीं शती के ख्वाजा मसूद बिन साद बिन सलमान ने अपने दीवान में आगरा क़िले पर आक्रमण के बारे में लिखा है।
- 1194 ई. में मुहम्मद ग़ोरी ने भी आक्रमण किया था, पर जयचन्द की आंखों में तीर लगने के कारण बाजी पटल गई थी। इसकी पुष्टि हेनरी इलियट ने अपने विवरण 4/402 में किया है। उस समय आगरा क़िला एक पहाड़ी रेत पर बना हुआ था।
- मोहम्मद तुग़लक के समय वियना समस गर्वनर ने बयाना को अपना केन्द्र बनाया। उस समय आगरा एक तहसील रही।
- 1475 ई. में बादल सिंह ने आगरा के क़िले की जगह पर बादलगढ़ का निर्माण कराया। बाद में सिकन्दर लोदी ने आगरा को बयाना से हटवा दिया।
- लगभग एक साल तक आगरा धौलपुर तथा ग्वालियर के अधीन रहा। लोदी ने आगरा क़िले का कायाकल्प कराया था। इसे सिकन्दर लोदी का क़िला भी कहा जाता है। इसी समय उसने आगरा में न्यायालय की स्थापना कराई थी।
- हुमायूं के समय शेरशाह सूरी के पुत्र सलीमशाह सूर ने भी इस क़िले में काम करवाया था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ आगरा की सात ऐतिहासिक नगर संरचनायें (हिंदी) pravakta.com। अभिगमन तिथि: 12 नवंबर, 2021।
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