द्विचक्की नृत्य
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:30, 1 जून 2021 का अवतरण (''''द्विचक्की नृत्य''' राजस्थान में भील जनजाति...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
द्विचक्की नृत्य राजस्थान में भील जनजाति द्वारा विवाह के अवसर पर महिला-पुरुषों द्वारा दो वृत्त बनाकर किया जाता है।
- इस नृत्य मे बाहरी वृत्त पुरुष बाएँ से दाहिनी ओर तथा अन्दर के वृत्त में महिलाएं दाएं से बाएँ और नृत्य करती हुई चलती हैं।
- द्विचक्की नृत्य में दो चक्र पूरे होने के कारण ही इसे 'द्विचक्की' कहते हैं।
- नृत्य के दौरान ऊँची हुंकारे भरते हैं तथा ऊंची आवाज में 'फाइरे-फाइरे' रणघोष कहकर मांदल बजाते हैं। यह नृत्य बेहद भयानक होता है।
- द्विचक्की नृत्य में बहुत से नर्तक घायल भी हो जाते हैं। इसी कारण राज्य सरकार ने इस नृत्य पर प्रतिबंध लगा रखा है।
|
|
|
|
|