"पद्मा सुब्रह्मण्यम" के अवतरणों में अंतर
('thumb|200px|पद्मा सुब्रह्मण्यम '''पद्मा सु...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
|||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
[[चित्र:Padma-Subrahmanyam.jpg|thumb|200px|पद्मा सुब्रह्मण्यम]] | [[चित्र:Padma-Subrahmanyam.jpg|thumb|200px|पद्मा सुब्रह्मण्यम]] | ||
− | '''पद्मा सुब्रह्मण्यम''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Padma Subrahmanyam'', जन्म- [[4 फ़रवरी]], [[1943]], [[मद्रास]]<ref>वर्तमान चेन्नई</ref>) [[शास्त्रीय नृत्य|भारतीय शास्त्रीय नृत्य]] [[भरतनाट्यम]] की प्रसिद्ध नृत्यांगना हैं। [[भारत]] के साथ ही विदेशों में भी उनका नाम है। पद्मा सुब्रह्मण्यम कोरियोग्राफर, संगीतकार, गायिका, शिक्षिका होने के साथ ही साथ एक लेखिका भी हैं। | + | '''पद्मा सुब्रह्मण्यम''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Padma Subrahmanyam'', जन्म- [[4 फ़रवरी]], [[1943]], [[मद्रास]]<ref>वर्तमान चेन्नई</ref>) [[शास्त्रीय नृत्य|भारतीय शास्त्रीय नृत्य]] [[भरतनाट्यम]] की प्रसिद्ध नृत्यांगना हैं। [[भारत]] के साथ ही विदेशों में भी उनका नाम है। पद्मा सुब्रह्मण्यम कोरियोग्राफर, संगीतकार, गायिका, शिक्षिका होने के साथ ही साथ एक लेखिका भी हैं। उन्होंने [[संगीत]] में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है और नृत्य में पीएचडी किया है। उन्होंने कई शोध पत्र और किताबें भी लिखीं हैं। वे अब तक 100 से ज्यादा अवॉर्ड्स से सम्मानित हो चुकी हैं। साल [[1983]] में पद्मा सुब्रह्मण्यम को '[[संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार]]' से नवाजा गया था। इसके अलावा वे [[भारत सरकार]] की ओर से [[पद्म विभूषण]], [[पद्म भूषण]] और [[पद्मश्री]] पुरस्कार भी प्राप्त कर चुकी हैं। |
==परिचय== | ==परिचय== | ||
− | पद्मा सुब्रह्मण्यम के [[पिता]] | + | पद्मा सुब्रह्मण्यम के [[पिता]] प्रसिद्ध भारतीय फिल्म निर्माता थे। माँ मीनाक्षी एक संगीतकार और तमिल व [[संस्कृत]] में गीतकार थीं। पद्मा सुब्रह्मण्यम ने वजुवूर बी. रामैया पिल्लै द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया। उन्होंने अपने पिता के नृत्य स्कूल में 14 वर्ष की उम्र में ही नृत्य सिखाना शुरू कर दिया था। पद्मा सुब्रह्मण्यम ने संगीत में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की और डांस में पीएचडी किया। उन्होंने कई रिसर्च पेपर और किताबें भी लिखीं हैं। वे अब तक 100 से ज्यादा अवॉर्ड्स से सम्मानित हो चुकी हैं। [[जापान]], [[ऑस्ट्रेलिया]] और [[रूस]] जैसे देशों द्वारा उनके सम्मान में कई फिल्में और वृत्तचित्र बनाए गए हैं। उन्हें डांस फॉर्म के संस्थापक और भरत नृत्यम के संस्थापक के रूप में जाना जाता है। |
+ | ==कॅरियर== | ||
+ | एक नर्तकी के रूप में अपने कॅरियर के दौरान पद्मा सुब्रह्मण्यम ने भारतीय नृत्य रूपों और मंदिरों में देखी जाने वाली विभिन्न मुद्राओं पर शोध करने में बहुत समय बिताया। अपनी थीसिस में उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि 108 'करण' केवल भगवान नटराज की मुद्राएँ नहीं थे, बल्कि देवी पार्वती के साथ की गई विभिन्न नृत्य गतिविधियाँ थीं। उन्होंने इनमें से कुछ आंदोलनों को भी डिज़ाइन किया है जो [[महाराष्ट्र]] के [[सतारा]] में नटराज मंदिर में प्रदर्शित हैं। अपने शोध की मदद से वह कई बैले की रचना करने में सफल रही हैं, जो उन्हें एक अनूठी और स्वतंत्र [[शैली]] प्रदान करती हैं, जिसे वह लोकप्रिय रूप से 'भरतनृत्यम' के नाम से संदर्भित करती हैं। | ||
+ | |||
+ | 'रामाय तुभ्यं', 'नमः', 'कृष्णाय तुभ्यं नमः', 'जया जया शंकर' और 'कुरावंजी' उनके कुछ स्वयं के नृत्य टुकड़े हैं जिन्हें उनके दर्शकों द्वारा व्यापक रूप से सराहा गया है। प्रसिद्ध नृत्य प्रदर्शनों की सूची 'पुष्पांजलि' वास्तव में पहली बार उनके द्वारा प्रस्तुत की गई थी। पद्मा सुब्रह्मण्यम वास्तव में एक बहुमुखी व्यक्तित्व हैं जिन्होंने [[नृत्य]], [[संगीत]] और लेखन में योगदान दिया है। कहा जाता है कि 'लिगेसी ऑफ ए लेजेंड' उनकी बेहद लोकप्रिय पत्रिका है और उनकी बंगाली संगीत रचना 'वरनम' भी उनके प्रशंसकों द्वारा काफी पसंद की जाती है। वर्तमान में वह अपने [[पिता]] के नृत्य विद्यालय 'नृत्योदय' की निदेशक हैं जो [[चेन्नई]] में स्थित है।<ref name="pp">{{cite web |url=https://dances.indobase.com/dancers/padma-subramanyam.html|title=पद्मा सुब्रमण्यम|accessmonthday=30 जनवरी|accessyear=2024 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=dances.indobase.com |language=हिंदी}}</ref> | ||
+ | ==योगदान== | ||
+ | पद्मा सुब्रह्मण्यम 'पुष्पांजलि' के नाम से जाने जाने वाले सबसे लोकप्रिय नृत्य गायन को बनाने और प्रस्तुत करने वाली पहली महिला रही हैं। वह सुख लास्य तकनीक को अपनाने के लिए भी जिम्मेदार हैं, जहां बैले के एक पूरे टुकड़े को संगीत के माध्यम से व्यक्त किया जाता है। इसे लयबद्ध और मधुर रूप दिया जाता है। शास्त्रीय नृत्य में अपनी वर्षों की विशेषज्ञता के साथ पद्मा सक्रिय रूप से नए और अलग संगीत और नृत्य प्रदर्शनों का अनुसंधान और संकलन करना जारी रखती है। | ||
==सम्मान व पुरस्कार== | ==सम्मान व पुरस्कार== | ||
− | पद्मा सुब्रह्मण्यम को नृत्य कॅरियर के दौरान | + | पद्मा सुब्रह्मण्यम को नृत्य कॅरियर के दौरान 100 से अधिक पुरस्कार मिले हैं- |
− | #[[ | + | #[[पद्म विभूषण]], [[2024]] |
− | #[[संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार]] | + | #[[पद्म भूषण]], [[2003]] |
− | #[[ | + | #[[संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार]], [[1983]] |
+ | #[[पद्म श्री]], [[1981]] | ||
#कलाईमामनी पुरस्कार | #कलाईमामनी पुरस्कार | ||
#निशागांधी पुरस्कार | #निशागांधी पुरस्कार | ||
#नाडा ब्रह्मम | #नाडा ब्रह्मम | ||
− | #नेहरू पुरस्कार | + | #नेहरू पुरस्कार, [[1983]], सोवियत संघ से |
#फुकुओका एशियाई संस्कृति पुरस्कार | #फुकुओका एशियाई संस्कृति पुरस्कार | ||
#कालिदास सम्मान | #कालिदास सम्मान | ||
पंक्ति 19: | पंक्ति 26: | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
− | {{भारतीय नृत्यांगना}}{{संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार}}{{पद्मश्री}}{{पद्म भूषण}} | + | {{भारतीय नृत्यांगना}}{{संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार}}{{पद्मश्री}}{{पद्म भूषण}}{{पद्म विभूषण}} |
− | [[Category:नृत्यांगना]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:पद्म | + | [[Category:नृत्यांगना]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:संगीत कोश]][[Category:चरित कोश]][[Category:कला कोश]][[Category:संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार]] |
+ | [[Category:पद्म विभूषण]][[Category:पद्म विभूषण (2024)]][[Category:पद्म भूषण]][[Category:पद्म भूषण (2023)]][[Category:पद्म श्री]][[Category:पद्म श्री (1981)]] | ||
+ | [[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
07:23, 2 फ़रवरी 2024 का अवतरण
पद्मा सुब्रह्मण्यम (अंग्रेज़ी: Padma Subrahmanyam, जन्म- 4 फ़रवरी, 1943, मद्रास[1]) भारतीय शास्त्रीय नृत्य भरतनाट्यम की प्रसिद्ध नृत्यांगना हैं। भारत के साथ ही विदेशों में भी उनका नाम है। पद्मा सुब्रह्मण्यम कोरियोग्राफर, संगीतकार, गायिका, शिक्षिका होने के साथ ही साथ एक लेखिका भी हैं। उन्होंने संगीत में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है और नृत्य में पीएचडी किया है। उन्होंने कई शोध पत्र और किताबें भी लिखीं हैं। वे अब तक 100 से ज्यादा अवॉर्ड्स से सम्मानित हो चुकी हैं। साल 1983 में पद्मा सुब्रह्मण्यम को 'संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार' से नवाजा गया था। इसके अलावा वे भारत सरकार की ओर से पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री पुरस्कार भी प्राप्त कर चुकी हैं।
परिचय
पद्मा सुब्रह्मण्यम के पिता प्रसिद्ध भारतीय फिल्म निर्माता थे। माँ मीनाक्षी एक संगीतकार और तमिल व संस्कृत में गीतकार थीं। पद्मा सुब्रह्मण्यम ने वजुवूर बी. रामैया पिल्लै द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया। उन्होंने अपने पिता के नृत्य स्कूल में 14 वर्ष की उम्र में ही नृत्य सिखाना शुरू कर दिया था। पद्मा सुब्रह्मण्यम ने संगीत में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की और डांस में पीएचडी किया। उन्होंने कई रिसर्च पेपर और किताबें भी लिखीं हैं। वे अब तक 100 से ज्यादा अवॉर्ड्स से सम्मानित हो चुकी हैं। जापान, ऑस्ट्रेलिया और रूस जैसे देशों द्वारा उनके सम्मान में कई फिल्में और वृत्तचित्र बनाए गए हैं। उन्हें डांस फॉर्म के संस्थापक और भरत नृत्यम के संस्थापक के रूप में जाना जाता है।
कॅरियर
एक नर्तकी के रूप में अपने कॅरियर के दौरान पद्मा सुब्रह्मण्यम ने भारतीय नृत्य रूपों और मंदिरों में देखी जाने वाली विभिन्न मुद्राओं पर शोध करने में बहुत समय बिताया। अपनी थीसिस में उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि 108 'करण' केवल भगवान नटराज की मुद्राएँ नहीं थे, बल्कि देवी पार्वती के साथ की गई विभिन्न नृत्य गतिविधियाँ थीं। उन्होंने इनमें से कुछ आंदोलनों को भी डिज़ाइन किया है जो महाराष्ट्र के सतारा में नटराज मंदिर में प्रदर्शित हैं। अपने शोध की मदद से वह कई बैले की रचना करने में सफल रही हैं, जो उन्हें एक अनूठी और स्वतंत्र शैली प्रदान करती हैं, जिसे वह लोकप्रिय रूप से 'भरतनृत्यम' के नाम से संदर्भित करती हैं।
'रामाय तुभ्यं', 'नमः', 'कृष्णाय तुभ्यं नमः', 'जया जया शंकर' और 'कुरावंजी' उनके कुछ स्वयं के नृत्य टुकड़े हैं जिन्हें उनके दर्शकों द्वारा व्यापक रूप से सराहा गया है। प्रसिद्ध नृत्य प्रदर्शनों की सूची 'पुष्पांजलि' वास्तव में पहली बार उनके द्वारा प्रस्तुत की गई थी। पद्मा सुब्रह्मण्यम वास्तव में एक बहुमुखी व्यक्तित्व हैं जिन्होंने नृत्य, संगीत और लेखन में योगदान दिया है। कहा जाता है कि 'लिगेसी ऑफ ए लेजेंड' उनकी बेहद लोकप्रिय पत्रिका है और उनकी बंगाली संगीत रचना 'वरनम' भी उनके प्रशंसकों द्वारा काफी पसंद की जाती है। वर्तमान में वह अपने पिता के नृत्य विद्यालय 'नृत्योदय' की निदेशक हैं जो चेन्नई में स्थित है।[2]
योगदान
पद्मा सुब्रह्मण्यम 'पुष्पांजलि' के नाम से जाने जाने वाले सबसे लोकप्रिय नृत्य गायन को बनाने और प्रस्तुत करने वाली पहली महिला रही हैं। वह सुख लास्य तकनीक को अपनाने के लिए भी जिम्मेदार हैं, जहां बैले के एक पूरे टुकड़े को संगीत के माध्यम से व्यक्त किया जाता है। इसे लयबद्ध और मधुर रूप दिया जाता है। शास्त्रीय नृत्य में अपनी वर्षों की विशेषज्ञता के साथ पद्मा सक्रिय रूप से नए और अलग संगीत और नृत्य प्रदर्शनों का अनुसंधान और संकलन करना जारी रखती है।
सम्मान व पुरस्कार
पद्मा सुब्रह्मण्यम को नृत्य कॅरियर के दौरान 100 से अधिक पुरस्कार मिले हैं-
- पद्म विभूषण, 2024
- पद्म भूषण, 2003
- संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 1983
- पद्म श्री, 1981
- कलाईमामनी पुरस्कार
- निशागांधी पुरस्कार
- नाडा ब्रह्मम
- नेहरू पुरस्कार, 1983, सोवियत संघ से
- फुकुओका एशियाई संस्कृति पुरस्कार
- कालिदास सम्मान
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ वर्तमान चेन्नई
- ↑ पद्मा सुब्रमण्यम (हिंदी) dances.indobase.com। अभिगमन तिथि: 30 जनवरी, 2024।