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'''पुष्पेन्द्र कुमार गर्ग''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Pushpendra Kumar Garg'', जन्म- [[22 नवम्बर]], [[1963]], सासनी, [[अलीगढ़]], [[उत्तर प्रदेश]]) नौकायन में [[भारत]] के प्रसिद्ध खिलाड़ियों में गिने जाते हैं। वे अपने नाम के लघु रूप 'पी. के. गर्ग' नाम से भी लोकप्रिय हैं। उन्होंने नौका-क्रीड़ा में अनेक उपलब्धियाँ हासिल की हैं। उनकी सफलताओं और योग्यताओं को देखते हुए ही उन्हें ‘[[अर्जुन पुरस्कार]]’ व '[[राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार]]' दिया गया था। [[भारतीय नौसेना|भारतीय जल सेना]] में कार्यरत पी. के. गर्ग चर्चा में तब आए थे, जब उन्होंने [[1986]] में राष्ट्रीय टीम चैंपियनशिप में [[होमी डैडी मोतीवाला|होमी मोतीवाला]] के साथ नौका क्रीड़ा में स्वर्ण पदक जीता।<ref>{{cite web |url= http://www.kaiseaurkya.com/pushpendra-kumar-garg-biography-in-hindi-language/|title=पुष्पेंद्र कुमार गर्ग का जीवन परिचय |accessmonthday=03 सितम्बर |accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=कैसे और क्या |language= हिन्दी}}</ref>
 
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==परिचय==
 
==परिचय==
पुष्पेन्द्र कुमार गर्ग की शिक्षा [[लखनऊ]] के सैनिक स्कूल में हुई, फिर राष्ट्रीय सुरक्षा अकादमी, खड़गवासला में ट्रेनिंग लेकर उन्होंने जल सेना (नेवी) में नौकरी कर ली। [[1986]] में नौका क्रीड़ा की राष्ट्रीय टीम चैंपियनशिप जीतने के अतिरिक्त उन्होंने [[1988]] में एन्टरप्राइज राष्ट्रीय चैंपियनशिप में रजत पदक प्राप्त किया तथा [[1989]] में टीम चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। [[1990]] का वर्ष उनके लिए यादगार रहा, क्योंकि उन्होंने राष्ट्रीय टीम चैंपियनशिप का स्वर्ण पदक जीता और नया रिकॉर्ड स्थापित किया। [[1993]] में उन्होंने जिंबाव्वे में एन्टरप्राइज वर्ल्ड चैंपियनशिप में विजय प्राप्त की। 1993 में हिरोशिमा में एशियाई चैंपियनशिप में उन्होंने रजत पदक प्राप्त किया।
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पुष्पेन्द्र कुमार गर्ग की शिक्षा [[लखनऊ]] के सैनिक स्कूल में हुई, फिर राष्ट्रीय सुरक्षा अकादमी, खड़गवासला में ट्रेनिंग लेकर उन्होंने [[भारतीय नौसेना|जल सेना]] (नेवी) में नौकरी कर ली। [[1986]] में नौका क्रीड़ा की राष्ट्रीय टीम चैंपियनशिप जीतने के अतिरिक्त उन्होंने [[1988]] में एन्टरप्राइज राष्ट्रीय चैंपियनशिप में रजत पदक प्राप्त किया तथा [[1989]] में टीम चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। [[1990]] का वर्ष उनके लिए यादगार रहा, क्योंकि उन्होंने राष्ट्रीय टीम चैंपियनशिप का स्वर्ण पदक जीता और नया रिकॉर्ड स्थापित किया। 1993 में उन्होंने जिंबाव्वे में एन्टरप्राइज वर्ल्ड चैंपियनशिप में विजय प्राप्त की। [[1993]] में हिरोशिमा में एशियाई चैंपियनशिप में उन्होंने रजत पदक प्राप्त किया।
 
==पुरस्कार व सम्मान==
 
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पी. के. गर्ग को नौका क्रीड़ा के लिये [[1990]] में ‘[[अर्जुन पुरस्कार]]’ से सम्मानित किया गया था। [[1993]]-[[1994]] के लिए उन्हें [[होमी डैडी मोतीवाला]] के साथ संयुक्त रूप से ‘'[[राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार]]' भी प्रदान किया गया।
 
पी. के. गर्ग को नौका क्रीड़ा के लिये [[1990]] में ‘[[अर्जुन पुरस्कार]]’ से सम्मानित किया गया था। [[1993]]-[[1994]] के लिए उन्हें [[होमी डैडी मोतीवाला]] के साथ संयुक्त रूप से ‘'[[राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार]]' भी प्रदान किया गया।
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पुष्पेन्द्र कुमार गर्ग
पुष्पेन्द्र कुमार गर्ग
पूरा नाम पुष्पेन्द्र कुमार गर्ग
अन्य नाम पी. के. गर्ग
जन्म 22 नवम्बर, 1963
जन्म भूमि सासनी, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश
कर्म भूमि भारत
खेल-क्षेत्र नौका क्रीड़ा
विद्यालय सैनिक स्कूल, लखनऊ
पुरस्कार-उपाधि अर्जुन पुरस्कार’ (1990), 'राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार' (1994)
प्रसिद्धि भारतीय नौकायन
नागरिकता भारतीय
संबंधित लेख होमी मोतीवाला
पद भारतीय जल सेना
अन्य जानकारी भारतीय जल सेना में कार्यरत पी. के. गर्ग चर्चा में तब आए थे, जब उन्होंने 1986 में राष्ट्रीय टीम चैंपियनशिप में होमी मोतीवाला के साथ नौका क्रीड़ा में स्वर्ण पदक जीता।

पुष्पेन्द्र कुमार गर्ग (अंग्रेज़ी: Pushpendra Kumar Garg, जन्म- 22 नवम्बर, 1963, सासनी, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश) नौकायन में भारत के प्रसिद्ध खिलाड़ियों में गिने जाते हैं। वे अपने नाम के लघु रूप 'पी. के. गर्ग' नाम से भी लोकप्रिय हैं। उन्होंने नौका-क्रीड़ा में अनेक उपलब्धियाँ हासिल की हैं। उनकी सफलताओं और योग्यताओं को देखते हुए ही उन्हें ‘अर्जुन पुरस्कार’ व 'राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार' दिया गया था। भारतीय जल सेना में कार्यरत पी. के. गर्ग चर्चा में तब आए थे, जब उन्होंने 1986 में राष्ट्रीय टीम चैंपियनशिप में होमी मोतीवाला के साथ नौका क्रीड़ा में स्वर्ण पदक जीता।[1]

परिचय

पुष्पेन्द्र कुमार गर्ग की शिक्षा लखनऊ के सैनिक स्कूल में हुई, फिर राष्ट्रीय सुरक्षा अकादमी, खड़गवासला में ट्रेनिंग लेकर उन्होंने जल सेना (नेवी) में नौकरी कर ली। 1986 में नौका क्रीड़ा की राष्ट्रीय टीम चैंपियनशिप जीतने के अतिरिक्त उन्होंने 1988 में एन्टरप्राइज राष्ट्रीय चैंपियनशिप में रजत पदक प्राप्त किया तथा 1989 में टीम चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। 1990 का वर्ष उनके लिए यादगार रहा, क्योंकि उन्होंने राष्ट्रीय टीम चैंपियनशिप का स्वर्ण पदक जीता और नया रिकॉर्ड स्थापित किया। 1993 में उन्होंने जिंबाव्वे में एन्टरप्राइज वर्ल्ड चैंपियनशिप में विजय प्राप्त की। 1993 में हिरोशिमा में एशियाई चैंपियनशिप में उन्होंने रजत पदक प्राप्त किया।

पुरस्कार व सम्मान

पी. के. गर्ग को नौका क्रीड़ा के लिये 1990 में ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था। 1993-1994 के लिए उन्हें होमी डैडी मोतीवाला के साथ संयुक्त रूप से ‘'राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार' भी प्रदान किया गया।

उपलब्धियाँ

  1. पी. के. गर्ग ने एन्टरप्राइज श्रेणी में होमी डैडी मोतीवाला के साथ चार बार राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती।
  2. 1986 में उन्होंने मोतीवाला के साथ टीम राष्ट्रीय चैंपियनशिप का स्वर्ण पदक जीता।
  3. उन्होंने 19901994 में क्रमश: बीजिंग व हिरोशिमा के एशियाई खेलों में एन्टरप्राइज श्रेणी में कांस्य पदक होमी मोतीवाला के साथ जीता।
  4. 1990 में पी. के गर्ग को ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। 1994 में पी.के. गर्ग को सयुंक्त रूप से होमी मोतीवाला के साथ ”राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार’ प्रदान किया गया। वह उस समय लेफ्टीनेंट कमाडंर पद पर थे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पुष्पेंद्र कुमार गर्ग का जीवन परिचय (हिन्दी) कैसे और क्या। अभिगमन तिथि: 03 सितम्बर, 2016।

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