एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "१"।

"मोहिन्दर अमरनाथ" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
==पारिवारिक पृष्ठभूमि==
 
==पारिवारिक पृष्ठभूमि==
 
भारत के लिये पहला टेस्ट शतक जमाने वाले लाला अमरनाथ भारतीय क्रिकेट के महानतम खिलाडि़यों में से एक थे। लाला अमरनाथ के बाद उनके बड़े बेटे सुरिन्दर अमरनाथ ने भारतीय स्कूली लड़कों की टेस्ट टीम की कप्तानी की और बाद में अपने पिता की तरह पहले टेस्ट में शतक बनाया। दोनों के नाम पहले ही टेस्ट में शतक जमाने का रिकार्ड है। बाद में मोहिन्दर अमरनाथ ने क्रिकेट में पदार्पण किया, जो [[1983]] में भारत की पहली विश्व कप जीत के नायक रहे। अब अमरनाथ परिवार की तीसरी पीढ़ी भी क्रिकेट के मैदान पर उतर चुकी है, जब सुरिन्दर अमरनाथ के 22 वर्ष के बेटे दिग्विजय अमरनाथ ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया।<ref>{{cite web |url= http://www.p7news.tv/sports/7603-amarnath-family-s-third-generation-makes-debut-in-cricket.html|title= अमरनाथ परिवार की तीसरी पीढ़ी का क्रिकेट में पदार्पण|accessmonthday= 24 सितम्बर|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= पी-7 न्यूज|language= हिन्दी}}</ref>
 
भारत के लिये पहला टेस्ट शतक जमाने वाले लाला अमरनाथ भारतीय क्रिकेट के महानतम खिलाडि़यों में से एक थे। लाला अमरनाथ के बाद उनके बड़े बेटे सुरिन्दर अमरनाथ ने भारतीय स्कूली लड़कों की टेस्ट टीम की कप्तानी की और बाद में अपने पिता की तरह पहले टेस्ट में शतक बनाया। दोनों के नाम पहले ही टेस्ट में शतक जमाने का रिकार्ड है। बाद में मोहिन्दर अमरनाथ ने क्रिकेट में पदार्पण किया, जो [[1983]] में भारत की पहली विश्व कप जीत के नायक रहे। अब अमरनाथ परिवार की तीसरी पीढ़ी भी क्रिकेट के मैदान पर उतर चुकी है, जब सुरिन्दर अमरनाथ के 22 वर्ष के बेटे दिग्विजय अमरनाथ ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया।<ref>{{cite web |url= http://www.p7news.tv/sports/7603-amarnath-family-s-third-generation-makes-debut-in-cricket.html|title= अमरनाथ परिवार की तीसरी पीढ़ी का क्रिकेट में पदार्पण|accessmonthday= 24 सितम्बर|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= पी-7 न्यूज|language= हिन्दी}}</ref>
 +
==प्रथम शतक==
 +
मोहिन्दर अमरनाथ ने अपना पहला शतक [[ऑस्ट्रेलिया]] के पर्थ मेे लगाया था। उस समय कंगारू टीम में जैफ थॉमसन जैसा रफ्तार का बादशाह शामिल था। पर्थ की पिच को विश्व की सबसे अधिक उछाल और तेज़ पिच कहा जाता है। इसके बाद मोहिन्दर अमरनाथ ने [[टेस्ट क्रिकेट]] में 10 और शतक लगाए। [[1982]]-[[1883]] में [[पाकिस्तान]] के विरुद्ध पांच टेस्ट की श्रंखला में भारत को 3-0 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी, उसमें भी अमरनाथ का प्रदर्शन कमाल का था और वे इमरान ख़ान के साथ संयुक्त रूप से 'मैन ऑफ़ द सीरिज' रहे थे। पाकिस्तान और वेस्टइंडीज के विरुद्ध खेले 11 टेस्ट में उन्होंने 1000 रन बनाए थे। उन्होंने 69 टेस्ट में 42.50 की औसत से 4378 रन बनाए और 32 विकेट भी झटके। जबकि 85 वनडे में 30.54 की औसत 1924 रन बनाए और 46 विकेट झटके।<ref name="aa">{{cite web |url=http://www.patrika.com/news/mohinder-amarnath-cricket-pitch-to-dance-floor/1032269?seq=4 |title= मोहिंदर अमरनाथ: 1983 वर्ल्ड कप के हीरो "झलक दिखला जा "में भी नाच चुके हैं|accessmonthday=24 सितम्बर|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= पत्रिका|language= हिन्दी}}</ref>
 
==विश्व कप में प्रदर्शन==
 
==विश्व कप में प्रदर्शन==
मोहिन्दर अमरनाथ को 'क्रिकेट विश्व कप-1983' में उनके सफल प्रदर्शन के लिए जाना जाता है। फाइनल और सेमीफाइनल मैच में उन्हें मैन ऑफ द मैच' के खिताब से सम्मानित किया गया था। इस तरह उन्होंने [[भारत]] का अपने पहले एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय खिताब के लिए नेतृत्व किया। मोहिन्दर अमरनाथ ने अपनी सटीक और तेज़ गेंदबाजी से [[इंग्लैंड]] के ख़िलाफ़ सेमीफाइनल में डेविड गोवर और माइक गैटिंग जैसे शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों के विकेट लिए थे। उस समय उन्होंने औसतन 2.25 प्रति ओवर के अनुसार अपने 12 ओवरों में मात्र 27 रन ही दिए थे। यह सभी भारतीय गेंदबाजों द्वारा दिए गए रनों में सबसे कम थे। यदि बल्लेबाजी की बात की जाये तो उन्होंने 46 रन बनाकर भारत को ठोस शुरुआत देने का कार्य किया था।
+
मोहिन्दर अमरनाथ को 'क्रिकेट विश्व कप-1983' में उनके सफल प्रदर्शन के लिए जाना जाता है। फाइनल और सेमीफाइनल मैच में उन्हें मैन ऑफ द मैच' के खिताब से सम्मानित किया गया था। इस तरह उन्होंने [[भारत]] का अपने पहले एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय खिताब के लिए नेतृत्व किया। मोहिन्दर अमरनाथ ने अपनी सटीक और तेज़ गेंदबाजी से [[इंग्लैंड]] के ख़िलाफ़ सेमीफाइनल में डेविड गोवर और माइक गैटिंग जैसे शीर्ष क्रम के बल्लेबाज़ों के विकेट लिए थे। उस समय उन्होंने औसतन 2.25 प्रति ओवर के अनुसार अपने 12 ओवरों में मात्र 27 रन ही दिए थे। यह सभी भारतीय गेंदबाजों द्वारा दिए गए रनों में सबसे कम थे। यदि बल्लेबाज़ी की बात की जाये तो उन्होंने 46 रन बनाकर भारत को ठोस शुरुआत देने का कार्य किया था।
  
फ़ाइनल मैच में भारत ने वेस्ट इंडीज के विरुद्ध पहले बल्लेबाजी की, जो विवादास्पद रूप से दुनिया की सबसे अच्छी गेंदबाजी का दावा करता है। टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई और 54.4 ओवरों में मात्र183 रन पर ही सिमट गई और निर्धारित 60 ओवर भी पूरे नहीं खेल सकी। इस समय वेस्टइंडीज की घाटक तेज़ गेंदबाजी के आगे मोहिन्दर अमरनाथ की शान्त और तटस्थ बल्लेबाजी ने भारतीय पारी को काफ़ी हद तक स्थिरता दिलाई। भारतीय खिलाड़ियों में मात्र वे ही सबसे अधिक समय तक पिच पर टिके रहे।
+
फ़ाइनल मैच में भारत ने वेस्ट इंडीज के विरुद्ध पहले बल्लेबाज़ी की, जो विवादास्पद रूप से दुनिया की सबसे अच्छी गेंदबाजी का दावा करता है। टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई और 54.4 ओवरों में मात्र183 रन पर ही सिमट गई और निर्धारित 60 ओवर भी पूरे नहीं खेल सकी। इस समय वेस्टइंडीज की घातक तेज़ [[गेंदबाज़ी]] के आगे मोहिन्दर अमरनाथ की शान्त और तटस्थ बल्लेबाज़ी ने भारतीय पारी को काफ़ी हद तक स्थिरता दिलाई। भारतीय खिलाड़ियों में मात्र वे ही सबसे अधिक समय तक पिच पर टिके रहे। मोहिन्दर अमरनाथ ने 80 [[गेंद (क्रिकेट)|गेंदों]] का सामना किया और 26 रन बनाए। यद्यपि सीमित ओवरों के मैच में क्रीज़ पर लम्बे समय तक टिके रहने को आवश्यक रूप से अच्छी बात नहीं कहा जा सकता, किंतु लेकिन यह देखते हुए की भारत पूरे 60 ओवरों की पारी नहीं खेल पाया था, अमरनाथ की पारी ने साथ खेलने वाले दूसरे बल्लेबाज़ों को स्कोर बनाने का मौका दिया।
 +
 
 +
सर्वाधिक 38 रन क्रिस श्रीकांत ने, 27 रन संदीप पाटिल ने 26 रन अमरनाथ ने बनाये थे। अपनी खराब बल्लेबाज़ी के प्रदर्शन के बाद [[भारत]] की जीत की संभावना लगभग समाप्त-सी हो गई थी, हालांकि भारतीय गेंदबाजों ने [[मौसम]] और पिच की स्थिति का भरपूर फायदा उठाते हुए वेस्ट इंडीज की टीम को 140 रनों पर आउट कर दिया और इस प्रकार 43 रन से फाइनल मैच जीत लिया। मोहिन्दर अमरनाथ और मदनलाल संयुक्त रूप से सर्वाधिक विकेट लेने वाले खिलाड़ी रहे। प्रत्येक ने तीन-तीन विकेट लिए थे। सेमीफाइनल की तरह ही फाइनल मैच में भी मोहिन्दर अमरनाथ एक बार फिर सबसे सफल गेंदबाज सिद्ध हुए थे। उन्होंने प्रति ओवर 1.71 रनों के औसत से अपने सात ओवरों में केवल 12 रन दिए। इस प्रकार उन्हें सेमीफाइनल की तरह फिर से 'मैन ऑफ़ द मैच" घोषित किया गया।
 +
==महान क्रिकेटरों के विचार==
 +
[[1983]] के क्रिकेट विश्व कप सेमीफाइनल और फाइनल में मोहिन्दर अमरनाथ के प्रदर्शन ने [[भारत]] को पहली बार [[एकदिवसीय क्रिकेट]] का बादशाह बनाया था। [[पाकिस्तान]] के पूर्व कप्तान और तेज़ [[गेंदबाज़]] इमरान ख़ान उन्हें दुनिया का सर्वश्रेष्ठ [[बल्लेबाज़|बल्लेबाज़]] मानते थे। अपनी किताब में भी इमरान ख़ान ने मोहिन्दर अमरनाथ की बल्लेबाज़ी की प्रशंसा की है। वहीं वेस्ट इंडीज के तेज़ गेंदबाज मेल्कम मार्शल भी उनके साहस के मुरीद थे। भारत के दिग्गज बल्लेबाज़ [[सुनील गावस्कर]] ने भी अपनी किताब में मोहिन्दर अमरनाथ को बेहतरीन बल्लेबाज़ बताया। उन्हें टीम इंडिया का "कमबैक मैन" भी कहा जाता है। जब भी उन्हें टीम से ड्रॉप किया जाता, वे धमाकेदार प्रदर्शन कर टीम में जगह बनाते।<ref name="aa"/>
  
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

09:21, 24 सितम्बर 2014 का अवतरण

मोहिन्दर अमरनाथ भारद्वाज (अंग्रेज़ी: Mohinder Amarnath Bhardwaj ; जन्म- 24 सितम्बर, 1950, पटियाला, पंजाब) भारत के ख्यातिप्राप्त पूर्व क्रिकेटरों (1969-1989) में से एक हैं। वर्तमान समय वे क्रिकेट जैसे लोकप्रिय खेल के विश्लेषक हैं। मोहिन्दर अमरनाथ 'जिम्मी' के नाम से भी जाने जाते हैं। अपने समय के तेज़ गेंदबाजों का सामना करने में मोहिन्दर अमरनाथ सबसे माहिर माने जाते थे। वे भारत के प्रथम कप्तान लाला अमरनाथ के पुत्र हैं। इनके भाई सुरिन्दर अमरनाथ टेस्ट क्रिकेट खिलाड़ी और राजिन्दर अमरनाथ प्रथम श्रेणी क्रिकेट के खिलाड़ी रहे हैं। मोहिन्दर अमरनाथ वर्ष 1983 में भारत की पहली विश्व कप जीत के नायक थे।

जन्म

मोहिन्दर अमरनाथ का जन्म 24 सितम्बर, 1950 को पंजाब राज्य के पटियाला ज़िले में हुआ था। इनके पिता भारत के प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी लाला अमरनाथ थे।

पारिवारिक पृष्ठभूमि

भारत के लिये पहला टेस्ट शतक जमाने वाले लाला अमरनाथ भारतीय क्रिकेट के महानतम खिलाडि़यों में से एक थे। लाला अमरनाथ के बाद उनके बड़े बेटे सुरिन्दर अमरनाथ ने भारतीय स्कूली लड़कों की टेस्ट टीम की कप्तानी की और बाद में अपने पिता की तरह पहले टेस्ट में शतक बनाया। दोनों के नाम पहले ही टेस्ट में शतक जमाने का रिकार्ड है। बाद में मोहिन्दर अमरनाथ ने क्रिकेट में पदार्पण किया, जो 1983 में भारत की पहली विश्व कप जीत के नायक रहे। अब अमरनाथ परिवार की तीसरी पीढ़ी भी क्रिकेट के मैदान पर उतर चुकी है, जब सुरिन्दर अमरनाथ के 22 वर्ष के बेटे दिग्विजय अमरनाथ ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया।[1]

प्रथम शतक

मोहिन्दर अमरनाथ ने अपना पहला शतक ऑस्ट्रेलिया के पर्थ मेे लगाया था। उस समय कंगारू टीम में जैफ थॉमसन जैसा रफ्तार का बादशाह शामिल था। पर्थ की पिच को विश्व की सबसे अधिक उछाल और तेज़ पिच कहा जाता है। इसके बाद मोहिन्दर अमरनाथ ने टेस्ट क्रिकेट में 10 और शतक लगाए। 1982-1883 में पाकिस्तान के विरुद्ध पांच टेस्ट की श्रंखला में भारत को 3-0 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी, उसमें भी अमरनाथ का प्रदर्शन कमाल का था और वे इमरान ख़ान के साथ संयुक्त रूप से 'मैन ऑफ़ द सीरिज' रहे थे। पाकिस्तान और वेस्टइंडीज के विरुद्ध खेले 11 टेस्ट में उन्होंने 1000 रन बनाए थे। उन्होंने 69 टेस्ट में 42.50 की औसत से 4378 रन बनाए और 32 विकेट भी झटके। जबकि 85 वनडे में 30.54 की औसत 1924 रन बनाए और 46 विकेट झटके।[2]

विश्व कप में प्रदर्शन

मोहिन्दर अमरनाथ को 'क्रिकेट विश्व कप-1983' में उनके सफल प्रदर्शन के लिए जाना जाता है। फाइनल और सेमीफाइनल मैच में उन्हें मैन ऑफ द मैच' के खिताब से सम्मानित किया गया था। इस तरह उन्होंने भारत का अपने पहले एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय खिताब के लिए नेतृत्व किया। मोहिन्दर अमरनाथ ने अपनी सटीक और तेज़ गेंदबाजी से इंग्लैंड के ख़िलाफ़ सेमीफाइनल में डेविड गोवर और माइक गैटिंग जैसे शीर्ष क्रम के बल्लेबाज़ों के विकेट लिए थे। उस समय उन्होंने औसतन 2.25 प्रति ओवर के अनुसार अपने 12 ओवरों में मात्र 27 रन ही दिए थे। यह सभी भारतीय गेंदबाजों द्वारा दिए गए रनों में सबसे कम थे। यदि बल्लेबाज़ी की बात की जाये तो उन्होंने 46 रन बनाकर भारत को ठोस शुरुआत देने का कार्य किया था।

फ़ाइनल मैच में भारत ने वेस्ट इंडीज के विरुद्ध पहले बल्लेबाज़ी की, जो विवादास्पद रूप से दुनिया की सबसे अच्छी गेंदबाजी का दावा करता है। टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई और 54.4 ओवरों में मात्र183 रन पर ही सिमट गई और निर्धारित 60 ओवर भी पूरे नहीं खेल सकी। इस समय वेस्टइंडीज की घातक तेज़ गेंदबाज़ी के आगे मोहिन्दर अमरनाथ की शान्त और तटस्थ बल्लेबाज़ी ने भारतीय पारी को काफ़ी हद तक स्थिरता दिलाई। भारतीय खिलाड़ियों में मात्र वे ही सबसे अधिक समय तक पिच पर टिके रहे। मोहिन्दर अमरनाथ ने 80 गेंदों का सामना किया और 26 रन बनाए। यद्यपि सीमित ओवरों के मैच में क्रीज़ पर लम्बे समय तक टिके रहने को आवश्यक रूप से अच्छी बात नहीं कहा जा सकता, किंतु लेकिन यह देखते हुए की भारत पूरे 60 ओवरों की पारी नहीं खेल पाया था, अमरनाथ की पारी ने साथ खेलने वाले दूसरे बल्लेबाज़ों को स्कोर बनाने का मौका दिया।

सर्वाधिक 38 रन क्रिस श्रीकांत ने, 27 रन संदीप पाटिल ने 26 रन अमरनाथ ने बनाये थे। अपनी खराब बल्लेबाज़ी के प्रदर्शन के बाद भारत की जीत की संभावना लगभग समाप्त-सी हो गई थी, हालांकि भारतीय गेंदबाजों ने मौसम और पिच की स्थिति का भरपूर फायदा उठाते हुए वेस्ट इंडीज की टीम को 140 रनों पर आउट कर दिया और इस प्रकार 43 रन से फाइनल मैच जीत लिया। मोहिन्दर अमरनाथ और मदनलाल संयुक्त रूप से सर्वाधिक विकेट लेने वाले खिलाड़ी रहे। प्रत्येक ने तीन-तीन विकेट लिए थे। सेमीफाइनल की तरह ही फाइनल मैच में भी मोहिन्दर अमरनाथ एक बार फिर सबसे सफल गेंदबाज सिद्ध हुए थे। उन्होंने प्रति ओवर 1.71 रनों के औसत से अपने सात ओवरों में केवल 12 रन दिए। इस प्रकार उन्हें सेमीफाइनल की तरह फिर से 'मैन ऑफ़ द मैच" घोषित किया गया।

महान क्रिकेटरों के विचार

1983 के क्रिकेट विश्व कप सेमीफाइनल और फाइनल में मोहिन्दर अमरनाथ के प्रदर्शन ने भारत को पहली बार एकदिवसीय क्रिकेट का बादशाह बनाया था। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और तेज़ गेंदबाज़ इमरान ख़ान उन्हें दुनिया का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ मानते थे। अपनी किताब में भी इमरान ख़ान ने मोहिन्दर अमरनाथ की बल्लेबाज़ी की प्रशंसा की है। वहीं वेस्ट इंडीज के तेज़ गेंदबाज मेल्कम मार्शल भी उनके साहस के मुरीद थे। भारत के दिग्गज बल्लेबाज़ सुनील गावस्कर ने भी अपनी किताब में मोहिन्दर अमरनाथ को बेहतरीन बल्लेबाज़ बताया। उन्हें टीम इंडिया का "कमबैक मैन" भी कहा जाता है। जब भी उन्हें टीम से ड्रॉप किया जाता, वे धमाकेदार प्रदर्शन कर टीम में जगह बनाते।[2]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अमरनाथ परिवार की तीसरी पीढ़ी का क्रिकेट में पदार्पण (हिन्दी) पी-7 न्यूज। अभिगमन तिथि: 24 सितम्बर, 2014।
  2. 2.0 2.1 मोहिंदर अमरनाथ: 1983 वर्ल्ड कप के हीरो "झलक दिखला जा "में भी नाच चुके हैं (हिन्दी) पत्रिका। अभिगमन तिथि: 24 सितम्बर, 2014।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख