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लवलीना बोरगोहेन
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पूरा नाम | लवलीना बोरगोहेन |
अन्य नाम | लवलीना (निक नाम) |
जन्म | 2 अक्टूबर, 1997 |
जन्म भूमि | गोलाघाट, असम |
अभिभावक | पिता- टीकेन बोरगोहेन माता- ममोनी बोरगोहेन |
कर्म भूमि | भारत |
खेल-क्षेत्र | बॉक्सिंग |
पुरस्कार-उपाधि | अर्जुन पुरस्कार (2020) |
प्रसिद्धि | भारतीय महिला बॉक्सर खिलाड़ी |
नागरिकता | भारतीय |
क़द | 5 फीट 10 इंच |
कोच | पदम बोरो, शिव सिंह |
अन्य जानकारी | साल 2017 में लवलीना बोरगोहेन ने कज़ाकिस्तान के अस्थाना शहर में आयोजित अंतराष्ट्रीय बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में भाग लेकर अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया, जिसमें इन्होंने कांस्य पदक जीता था। |
अद्यतन | 13:34, 7 अगस्त 2021 (IST)
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लवलीना बोरगोहेन (अंग्रेज़ी: Lovlina Borgohain, जन्म- 2 अक्टूबर, 1997, गोलाघाट, असम) भारतीय मुक्केबाज़ खिलाडी हैं। वह असम की पहली महिला हैं जो ओलिंपिक के लिए भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। लवलीना को भारत सरकार द्वारा साल 2020 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। लवलीना ने नई दिल्ली में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था जिसमें इन्होंने कांस्य पदक जीता था। लवलीना बोरगोहेन ने टोक्यो ओलिंपिक (ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020) में भी प्रतिभाग किया। 3 अगस्त, 2021 को हुए सेमी फाइनल मुकाबले में लवलीना बोरगोहेन 69 किग्रा वेल्टर वेट केटेगरी में इतिहास रचने से चूक गईं। उन्हें विश्व चैंपियन तुर्की की सुरमेनेली बुसेनज ने 0-5 के अंतर से सेमीफाइनल में शिकस्त दी और लवलीना को काँस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा।
परिचय
भारतीय मुक्केबाद खिलाड़ी लवलीना बोरगोहेन का जन्म 2 अक्टूबर 1997 को पिता टीकेन बोरगोहेन एवं माता ममोनी बोरगोहेन के यहाँ असम राज्य के गोलाघाट जिले में हुआ था। लवलीना के पिता घर चलाने के लिए एक छोटा सा व्यापार चलाते हैं। लवलीना की दो जुड़वाँ बहनें लीमा और लीना ने भी किक बॉक्सिंग में राष्ट्र स्तर पर हाथ आजमाया था लेकिन आगे नहीं बड़ पायीं।
अपनी बहनों की तरह लवलीना ने भी अपना करियर किक बॉक्सिंग में शुरू किया लेकिन बाद में जैसे ही इन्हें मुक्केबाज़ी में मौका मिला तो इन्होंने पूरी तरह से सिर्फ बॉक्सिंग में ही अपना करियर बनाने की सोची और बॉक्सिंग के करियर में आगे बढ़ गयीं। भारतीय खेल प्राधिकरण ने मुक्केबाज़ी के लिए एक प्रतियोगिता आयोजित की थी जिसमें लवलीना बोरगोहेन ने भाग लिया और यहीं से उनकी किस्मत चमक गयी। कोच पदम बोरो ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उनका चयन कर लिया। मुख्य महिला कोच शिव सिंह के द्वारा भी लवलीना ने बॉक्सिंग के गुण सीखे। लवलीना की सबसे बड़ी इंस्पिरेशन बॉक्सर मैरी कॉम हैं।[1]
कॅरियर
लवलीना बोरगोहेन को अंतर्राष्ट्रीय लेवल पर अपना बॉक्सिंग करियर शुरू करने मौका बहुत जल्दी मिल गया क्योकि अपने शुरुवाती दौर में इन्होंने राष्ट्रीय एवं अंतरराज्यीय मुकाबलों में काफी बढ़िया प्रदर्शन किया। साल 2017 में इन्होंने कज़ाकिस्तान के अस्थाना शहर में आयोजित अंतराष्ट्रीय बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में भाग लेकर अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया जिसमें इन्होंने कांस्य पदक जीता। इसके अलावा इन्होंने इसी साल वियतनाम में एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भी भाग लिया और कांस्य पदक अपने नाम किया था। साल 2018 एवं साल 2019 में लवलीना बोरगोहेन ने एआईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भाग लेकर कांस्य पदक जीता।
ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020
भारतीय मुक्केबाज़ लवलीना बोरगोहेन ने ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020 (टोक्यो ओलिंपिक) में भाग लिया। लवलीना ने शुक्रवार 30 जुलाई 2021 को हुए मुक्केबाज़ी के मुकाबले में चीनी मुक्केबाज़ ताइपे की चेन निएन-चिन को हराकर सेमी फइनल में अपनी जगह पक्की की थी। बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन 69 किग्रा वेल्टर वेट केटेगरी में इतिहास रचने से चूक गईं। वह विश्व चैंपियन तुर्की की सुरमेनेली बुसेनज से 0-5 के अंतर से सेमीफाइनल का मुकाबला हार गईं हालांकि सेमीफाइनल में एंट्री के साथ ही लवलीना इस इवेंट में कम से कम कांस्य पदक तो पक्का कर ही चुकी थीं।
उपलब्धियाँ
- 2017 - विश्व चैंपियनशिप, हो ची मिन्ह सिटी, वियतनाम - कांस्य[1]
- 2018 - एशियाई चैंपियनशिप, नई दिल्ली, भारत - कांस्य
- 2019 - विश्व चैंपियनशिप, उलान-उडे, रूस - कांस्य
- 2021 - एशियाई चैंपियनशिप, दुबई, यूनाइटेड अरब अमीरात - कांस्य
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 लवलीना बोरगोहेन का जीवन परिचय (हिंदी) shubhamsirohi.com। अभिगमन तिथि: 07 अगस्त, 2021।