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'''लिम्बा राम''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Limba Ram'', जन्म- [[24 सितम्बर]], [[1971]], [[उदयपुर]], [[राजस्थान]]) [[भारत]] के प्रथम प्रसिद्ध तीरंदाज़ हैं, जिन्होंने विश्व स्तर पर तीरंदाज़ी के क्षेत्र में सफलता प्राप्त की। उन्होंने [[1992]] के एशियाई चैंपियनशिप मुक़ाबले में विश्व रिकार्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक जीता था। वर्ष [[1992]] के [[ओलंपिक खेल|बार्सिलोना ओलंपिक]] में लिम्बा राम मात्र एक अंक से पदक पाने से चूक गए थे। उन्हें [[1991]] में भारत के प्रतिष्ठित ‘[[अर्जुन पुरस्कार]]’ से सम्मानित किया गया था।
 
==परिचय==
 
==परिचय==
 
लिम्बा राम का जन्म 24 सितम्बर, सन 1971 को [[राजस्थान]] में [[उदयपुर ज़िला|उदयपुर ज़िले]] के सरादित [[गांव]] में हुआ था। वे बचपन में [[उदयपुर]] के जंगलों में शिकार किया करते थे। उनको तीरंदाजी की कला में निपुणता दिलाने का श्रेय स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया को है, जिसने ‘स्पेशल एरिया मेमन प्रोग्राम’ के अन्तर्गत उन्हें प्रशिक्षण दिलवाया था।<ref name="a">{{cite web |url=http://www.kaiseaurkya.com/limba-ram-biography-in-hindi-language/|title=लिम्बाराम का जीवन परिचय |accessmonthday=27 अगस्त |accessyear= 2016|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= कैसे और क्या|language= हिंदी}}</ref>
 
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==राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी==
 
==राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी==
लिम्बा राम का चयन तीन अन्य तीरंदाजों के साथ हुआ था। वास्तव में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ने प्रतिभा खोज के दौरान ‘अर्जुन पुरस्कार’ विजेता प्रसिद्ध तीरंदाज शामलाल के साथ ही लिम्बा राम को भी खोजा था। उसी [[वर्ष]] लिम्बा राम ने सीनियर राष्ट्रीय तीरंदाजी चैंपियनशिप में 50 मीटर तथा 30 मीटर वर्ग में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाकर विजय हासिल की थी। राष्ट्रीय स्तर पर अपनी योग्यता साबित करने के पश्चात लिम्बा राम ने अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी काबिलियत सिद्ध की। उन्होंने [[1992]] के बीजिंग एशियाई खेलों में 30 मीटर वर्ग में विश्व रिकॉर्ड बना डाला और स्वर्ण पदक जीत लिया।
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लिम्बा राम का चयन तीन अन्य तीरंदाज़ों के साथ हुआ था। वास्तव में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ने प्रतिभा खोज के दौरान ‘अर्जुन पुरस्कार’ विजेता प्रसिद्ध तीरंदाज़ शामलाल के साथ ही लिम्बा राम को भी खोजा था। उसी [[वर्ष]] लिम्बा राम ने सीनियर राष्ट्रीय तीरंदाज़ी चैंपियनशिप में 50 मीटर तथा 30 मीटर वर्ग में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाकर विजय हासिल की थी। राष्ट्रीय स्तर पर अपनी योग्यता साबित करने के पश्चात् लिम्बा राम ने अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी क़ाबिलियत सिद्ध की। उन्होंने [[1992]] के बीजिंग एशियाई खेलों में 30 मीटर वर्ग में विश्व रिकॉर्ड बना डाला और स्वर्ण पदक जीत लिया।
 
==अर्जुन पुरस्कार विजेता==
 
==अर्जुन पुरस्कार विजेता==
लिम्बा राम के कई वर्षों तक खाली रहने के पश्चात '[[पंजाब नेशनल बैंक]]' में खेल अफसर के रूप में उनकी नियुक्ति हुई। उन्हें [[1991]] में ‘[[अर्जुन पुरस्कार]]’ प्रदान किया गया। इससे पहले उन्हें [[1990]] में ‘महाराणा प्रताप अवार्ड’ प्रदान किया गया था। वह इस समय हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड में खेल अफसर के रूप में नियुक्त हैं।
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07:29, 7 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण

लिम्बा राम
लिम्बा राम
पूरा नाम लिम्बा राम
जन्म 24 सितम्बर, 1971
जन्म भूमि सरादित गांव, उदयपुर, राजस्थान
कर्म भूमि भारत
खेल-क्षेत्र तीरंदाज़ी
पुरस्कार-उपाधि ‘महाराणा प्रताप अवार्ड’ (1990), 'अर्जुन पुरस्कार' (1991)
नागरिकता भारतीय
ऊँचाई 1.57 मीटर (5 फुट 2 इंच)
वज़न 58 कि.ग्रा.
अन्य जानकारी लिम्बा राम को तीरंदाज़ी की कला में निपुणता दिलाने का श्रेय स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया को है, जिसने ‘स्पेशल एरिया मेमन प्रोग्राम’ के अन्तर्गत उन्हें प्रशिक्षण दिलवाया था।

लिम्बा राम (अंग्रेज़ी: Limba Ram, जन्म- 24 सितम्बर, 1971, उदयपुर, राजस्थान) भारत के प्रथम प्रसिद्ध तीरंदाज़ हैं, जिन्होंने विश्व स्तर पर तीरंदाज़ी के क्षेत्र में सफलता प्राप्त की। उन्होंने 1992 के एशियाई चैंपियनशिप मुक़ाबले में विश्व रिकार्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक जीता था। वर्ष 1992 के बार्सिलोना ओलंपिक में लिम्बा राम मात्र एक अंक से पदक पाने से चूक गए थे। उन्हें 1991 में भारत के प्रतिष्ठित ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।

परिचय

लिम्बा राम का जन्म 24 सितम्बर, सन 1971 को राजस्थान में उदयपुर ज़िले के सरादित गांव में हुआ था। वे बचपन में उदयपुर के जंगलों में शिकार किया करते थे। उनको तीरंदाजी की कला में निपुणता दिलाने का श्रेय स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया को है, जिसने ‘स्पेशल एरिया मेमन प्रोग्राम’ के अन्तर्गत उन्हें प्रशिक्षण दिलवाया था।[1]

राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी

लिम्बा राम का चयन तीन अन्य तीरंदाज़ों के साथ हुआ था। वास्तव में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ने प्रतिभा खोज के दौरान ‘अर्जुन पुरस्कार’ विजेता प्रसिद्ध तीरंदाज़ शामलाल के साथ ही लिम्बा राम को भी खोजा था। उसी वर्ष लिम्बा राम ने सीनियर राष्ट्रीय तीरंदाज़ी चैंपियनशिप में 50 मीटर तथा 30 मीटर वर्ग में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाकर विजय हासिल की थी। राष्ट्रीय स्तर पर अपनी योग्यता साबित करने के पश्चात् लिम्बा राम ने अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी क़ाबिलियत सिद्ध की। उन्होंने 1992 के बीजिंग एशियाई खेलों में 30 मीटर वर्ग में विश्व रिकॉर्ड बना डाला और स्वर्ण पदक जीत लिया।

अर्जुन पुरस्कार विजेता

लिम्बा राम के कई वर्षों तक ख़ाली रहने के पश्चात् 'पंजाब नेशनल बैंक' में खेल अफ़सर के रूप में उनकी नियुक्ति हुई। उन्हें 1991 में ‘अर्जुन पुरस्कार’ प्रदान किया गया। इससे पहले उन्हें 1990 में ‘महाराणा प्रताप अवार्ड’ प्रदान किया गया था। वह इस समय हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड में खेल अफ़सर के रूप में नियुक्त हैं।

उपलब्धियाँ

लिम्बा राम की उपलब्धियाँ[1]
क्र.सं. उपलब्धि
1. लिम्बा राम तीन बार ओलंपिक खेलों में भाग ले चुके हैं।
2. 1992 के बीजिंग एशियाई खेलों में उन्होंने विश्व रिकॉर्ड बनाकर स्वर्ण पदक जीता था।
3. वह तीरंदाज़ी के क्षेत्र में विश्व स्तर पर सफलता पाने वाले प्रथम भारतीय तीरंदाज़ हैं।
4. लिम्बा राम को 1991 में ‘अर्जुन पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।
5. उन्होंने दो बार एशियाई खेलों में तथा दो बार विश्व कप मुकाबलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। इसके अतिरिक्त अन्य कई अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत की ओर से भाग लिया है।
6. वे 1987 में केवल छह माह के अभ्यास के पश्चात् बंगलौर में हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता में जूनियर चैंपियन बने थे।
7. वर्ष 1987 में ही वे सीनियर वर्ग में दिल्ली में खेलों में शामिल हुए और 30 मीटर में 2 स्वर्ण पदक हासिल किए तथा 70 मीटर में एक रजत व ओवरऑल में एक कांस्य पदक हासिल किया।
8. 1988 में लिम्बा राम ने धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए अमरावती में चार स्वर्ण पदक जीते और ओवरऑल राष्ट्रीय चैंपियन तथा उस प्रतियोगिता के सर्वश्रेष्ठ तीरंदाज़ घोषित किए गए। फिर उन्हें सियोल ओलंपिक के लिए चुन लिया गया।
9. 1989 में बीजिंग एशिया कप में लिम्बा राम के नेतृत्व में टीम ने कोरिया को हरा कर स्वर्ण पदक जीता।
10. उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर 1991 में कलकत्ता में ओवरऑल चैंपियनशिप में स्वर्ण जीता।
11. 1992 में जमशेदपुर में ओवरऑल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक प्राप्त किया।
12. 1994 में गुड़गांव में 3 स्वर्ण, 1 रजत व 1 कांस्य जीतने में सफल रहे।
13. लिम्बा राम ने 1996 में कलकत्ता में 2 स्वर्ण तथा 2 रजत पदक जीते।
14. 1997 में उन्होंने जमशेदपुर में टीम तथा व्यक्तिगत मुकाबले में स्वर्ण हासिल किया।
15. वर्ष 2001 में लिम्बा राम ने अमरावती में स्वर्ण पदक जीते।
16. 1994 के पुणे खेलों में लिम्बा राम ने 4 स्वर्ण व 2 कांस्य पदक जीते।
17. 1988 में लिम्बा राम ने मॉस्को में स्प्रिंग एरो चैंपियनशिप में भारतीय टीम को कांस्य पदक जिताया।
18. 1989 में सुखूमी, जॉर्जिया में कांस्य पदक जीता।
19. 1992 में मॉस्को में कांस्य पदक जीता।
20. 1990 में फेडरेशन कप दिल्ली में टीम का स्वर्ण पदक जीता।
21. 1991 में फेडरेशन कप कोलकाता में उन्होंने टीम के लिये तथा व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीते।
22. 1993 के फेडरेशन कप कोलकाता में टीम का स्वर्ण व व्यक्तिगत कांस्य पदक जीता।
23. 1995 में लिम्बा राम ने फेडरेशन कप, नई दिल्ली में, स्वर्ण तथा टीम का रजत पदक जीता।
24. 1990 में 3 देशों की अन्तरराष्ट्रीय मीट में बीजिंग व बैंकाक के साथ प्रतियोगिता में टीम का स्वर्ण पदक जीता।
25. 1993 में बैंकाक अन्तरराष्ट्रीय मीट में टीम का स्वर्ण तथा व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीते।



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 लिम्बाराम का जीवन परिचय (हिंदी) कैसे और क्या। अभिगमन तिथि: 27 अगस्त, 2016।

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