"सामूगढ़" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[आगरा]] से आठ मील पूर्व में स्थित सामूगढ़ का मैदान, रोगग्रस्त सम्राट [[शाहजहाँ]] के पुत्रों [[दारा शिकोह]] और उनके दो छोटे भाइयों [[औरंगजेब]] तथा मुराद की समर्थक सेनाओं के बीच युद्ध स्थल बना था।  
+
'''सामूगढ़''' [[आगरा]] से आठ मील पूर्व में स्थित एक [[इतिहास]] प्रसिद्ध मैदान, जो [[मुग़ल]] सम्राट [[शाहजहाँ]] के पुत्रों [[दारा शिकोह]] और उसके दो छोटे भाइयों [[औरंगजेब]] तथा [[मुराद बख़्श]] की समर्थक सेनाओं के बीच युद्ध स्थल का बना था।
 
==इतिहास==
 
==इतिहास==
सामूगढ़ के मैदान में हुआ यह युद्ध [[29 मई]] 1558 को राज्य सिंहासन के लिये हुआ था, इसमें प्रचण्डता के साथ संघर्ष हुआ। दोनों दल वीरता से लड़े, दुर्भाग्य से दारा तीर से घायल हो गया। वह [[हाथी]] छोड़कर घोड़े पर चढ़ गया, इसी एक भूल ने युद्ध के भाग्य का निर्णय कर दिया। वह अपने स्वामी के हाथी का होदा ख़ाली देखकर बची हुई सेना उसे मरा हुआ समझ कर अत्यंत घबराहट में मैदान से तितर-बितर हो गई। निराशा से भरा दारा अपने पड़ाव और बन्दूकों को अपने शत्रुओं के द्वारा अधिकृत किये जाने के लिए छोड़कर आगरा के लिए भाग चला, वहाँ वह अकथनीय रूप से दीन अवस्था में पहुँचा। इस निर्णायक युद्ध में दारा की पराजय हुई। इस प्रकार सामूगढ़ की लड़ाई ने शाहजहाँ के पुत्रों के बीच उत्तराधिकार के युद्ध का व्यावहारिक रूप से निर्णय कर दिया। दारा की अपने पिता की गद्दी को प्राप्त करने की समस्त आशाएँ धूल में मिल गयीं। इस प्रकार दारा की पराजय तय होने के कारण औरंगजेब के लिए अपनी महत्त्वाकांक्षा पूरी करना और भी सुगम हो गया।
+
सामूगढ़ के मैदान का इतिहास में बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। यहाँ [[29 मई]], [[1658]] ई. को मुग़ल उत्तराधिकार को लेकर एक भीषण युद्ध हुआ। यह युद्ध शाहजहाँ के बड़े लड़के दारा शिकोह और औरंगज़ेब तथा मुराद बख़्श की संयुक्त सेनाओं के मध्य लड़ा गया था।
*यह बहुत अच्छी तरह कहा जा सकता है कि हिन्दुस्तान के राज सिंहासन पर [[औरंगजेब]] का अधिकार सामूगढ़ में प्राप्त उसकी विजय का तर्कसंगत परिणाम था।
+
इस युद्ध में पराजय के परिणामस्वरूप दारा शिकोह युद्ध मैदान से भाग निकला, किंतु उसका पीछा करके उसे पकड़ लिया गया और उसकी हत्या कर दी गई। फलत: औरंगज़ेब मुग़ल सम्राट बना।
*इस विजय के शीघ्र बाद वह सेना लेकर आगरा गया। और [[8 जून]] 1658 को आगरा पर उसने अधिकार कर लिया।
 
 
 
 
 
  
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}}
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}}

05:39, 7 अप्रैल 2012 का अवतरण

सामूगढ़ आगरा से आठ मील पूर्व में स्थित एक इतिहास प्रसिद्ध मैदान, जो मुग़ल सम्राट शाहजहाँ के पुत्रों दारा शिकोह और उसके दो छोटे भाइयों औरंगजेब तथा मुराद बख़्श की समर्थक सेनाओं के बीच युद्ध स्थल का बना था।

इतिहास

सामूगढ़ के मैदान का इतिहास में बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान है। यहाँ 29 मई, 1658 ई. को मुग़ल उत्तराधिकार को लेकर एक भीषण युद्ध हुआ। यह युद्ध शाहजहाँ के बड़े लड़के दारा शिकोह और औरंगज़ेब तथा मुराद बख़्श की संयुक्त सेनाओं के मध्य लड़ा गया था।

इस युद्ध में पराजय के परिणामस्वरूप दारा शिकोह युद्ध मैदान से भाग निकला, किंतु उसका पीछा करके उसे पकड़ लिया गया और उसकी हत्या कर दी गई। फलत: औरंगज़ेब मुग़ल सम्राट बना।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख