पद्मनाभ बालकृष्ण आचार्य
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पद्मनाभ बालकृष्ण आचार्य
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पूरा नाम | पद्मनाभ बालकृष्ण आचार्य |
जन्म | 8 अक्टूबर, 1931 |
जन्म भूमि | उडुपी, कर्नाटक |
पति/पत्नी | कविता आचार्य |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
पद | राज्यपाल, नागालैंड - 19 जुलाई, 2014 से 31 जुलाई, 2019 राज्यपाल, मणिपुर - 27 जून, 2019 से 23 जुलाई, 2019 |
संबंधित लेख | राज्यपाल, भारत के राज्यों के वर्तमान राज्यपालों की सूची |
अद्यतन | 16:38, 1 अगस्त 2021 (IST)
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पद्मनाभ बालकृष्ण आचार्य (अंग्रेज़ी: Padmanabha Balakrishna Acharya, जन्म- 8 अक्टूबर, 1931) भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वह भारतीय राज्य नागालैंड, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा और असम के राज्यपाल रहे हैं।
- पद्मनाभ बालकृष्ण आचार्य तब चर्चा में आए थे, जब असम के राज्यपाल होने के दौरान उन्होंने हिन्दू शरणार्थियों पर बयान दिया था। उन्होंने 2015 में एक समारोह के दौरान कहा था कि हिंदुस्तान हिंदुओं के लिए है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। किसी भी देश का हिन्दू यहां रह सकता है। वो बाहरी नहीं है। उन्होंने कहा था, इसमें डरने जैसा कुछ नहीं है। लेकिन उनके रहने की व्यवस्था कैसे की जाए, ये बड़ा सवाल है और हमें इस बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि बांग्लादेश में सताया गया कोई भी हिन्दू भारत आने का अधिकार रखता है।[1]
- निम्न भारतीय राज्यों के राज्यपाल के रूप में पद्मनाभ बालकृष्ण आचार्य ने कार्य किया-
- नागालैंड - 19 जुलाई, 2014 से 31 जुलाई, 2019
- मणिपुर - 27 जून, 2019 से 23 जुलाई, 2019
- अरुणाचल प्रदेश - 28 जनवरी, 2017 से 3 अक्टूबर, 2017
- त्रिपुरा - 21 जुलाई, 2014 से 19 मई, 2015
- असम - 12 दिसम्बर, 2014 से 17 अगस्त, 2016
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ नगालैंड के राज्यपाल पद्मनाभ बालकृष्ण आचार्य को मणिपुर का अतिरिक्त कार्यभार (हिंदी) aajtak.in। अभिगमन तिथि: 01 agast, 2021।