मंत्रिपरिषद (सल्तनत काल)
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
मंत्रिपरिषद | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- मंत्रिपरिषद (बहुविकल्पी) |
सल्तनत काल में विभिन्न भागों के कुशल संचालन हेतु सुल्तान की सहायता के लिए एक मंत्रिपरिषद होती थी, जिसे "मजलिस-ए-खलबत" कहा जाता था।
- मंत्रिपरिषद की सलाह मानने के लिए सुल्तान बाध्य नहीं होता था। वह इसकी नियुक्ति एवं पदमुक्ति स्वेच्छा से कर सकता था।
- जिस स्थान पर मंत्रिपरिषद की बैठक होती थी, उसे "मजलिस-ए-खास" कहा जाता था। यहां पर सुल्तान कुछ खास लोगों को बुलाता था। जहाँ पर सभी दरबारियों, खानों, अमीरों, मालिकों और अन्य रईसों को बुलाया जाता था। उसे 'बार-ए-खास' कहा जाता था।
- बार-ए-आजम में सुल्तान राजकीय कार्यों का अधिकांश भाग पूरा करता था। यहाँ पर विद्वान, मुल्ला व काजी भी उपस्थित रहते थे।
इन्हें भी देखें: सल्तनत काल, सल्तनत काल की शब्दावली, सल्तनत काल का प्रशासन एवं सल्तनत कालीन राजत्व सिद्धांत
|
|
|
|
|