प्रदेष्टा

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प्रदेष्टा प्राचीन भारत में मौर्य साम्राज्य की शासन व्यवस्था में न्यायाधीश का उच्च पद था।

  1. धर्मस्थीय
  2. कंटकशोधन
  • कंटकशोधन न्यायालयों के न्यायाधीश को 'प्रदेष्टा' कहते थे।
  • विविध अध्यक्षों और राजपुरुषों पर नियन्त्रण रखना और वे बेईमानी, चोरी, रिश्वत आदि से अपने को अलग रखें, इसका ध्यान रखना भी 'प्रदेष्टा' का कार्य था।
  • चाणक्य के अनुसार जनपद स्तर पर प्रदेष्टा नामक अधिकारी पर पूरे जनपद के काम-काज की जिम्मेदारी थी तथा दूसरे अधिकारियों में राजुक तथा युक्त थे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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