लक्ष्मणगढ़
लक्ष्मणगढ़
| |
विवरण | 'लक्ष्मणगढ़' राजस्थान के प्रसिद्ध ऐतिहासिक तथा पर्यटन स्थानों में से एक है। यहाँ स्थित दुर्ग की सीधी खड़ी इमारत बहुत प्रभावशाली है। |
राज्य | राजस्थान |
ज़िला | सीकर |
संस्थापक | राजा लक्ष्मणसिंह (1864 ई.) |
स्थिति | राष्ट्रीय राजमार्ग 11 के उत्तर में, सीकर से 24 कि.मी. की दूरी पर। |
क्या देखें | 'राधिका मुरली मनोहर मंदिर', 'चेतराम संगनीरिया हवेली', 'राठी परिवार हवेली', 'श्योनारायण कयल हवेली', 'डाकनियों का मंदिर' तथा 'शेखावाटी की हवेलियाँ' आदि। |
संबंधित लेख | राजस्थान, राजस्थान का इतिहास, सीकर, लक्ष्मणगढ़ दुर्ग |
अन्य जानकारी | लक्ष्मणगढ़ का क़िला दुर्भाग्यवश सीकर के एक व्यवसायी की निजी संपत्ति है। इसलिए आम जनता के लिए क़िला नहीं खोला गया है, किन्तु एक मन्दिर से क़िले का विहंगम दृश्य देखा जा सकता है। |
लक्ष्मणगढ़ राजस्थान के सीकर ज़िले में स्थित है। यह शहर सीकर ज़िले में लक्ष्मणगढ़ उप-प्रभाग में उप-प्रभागीय मुख्यालय है। लक्ष्मणगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग 11 के उत्तर में, सीकर से 24 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। सीकर के राव राजा लक्ष्मण सिंह ने 1805 ई. में लक्ष्मणगढ़ दुर्ग का निर्माण करवाया था और 1864 ई. में इसके चारों ओर वर्तमान लक्ष्मणगढ़ शहर की स्थापना की थी।
स्थिति
लक्ष्मणगढ़ क़स्बानुमा है और सीकर ज़िला मुख्यालय से लगभग 24 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। जयपुर, दिल्ली, अजमेर, कोटा और बीकानेर से यह सड़क मार्ग से सीधे जुड़ा हुआ है। जयपुर यहां से क़रीब 160 किलोमीटर की दूरी पर है, जबकि राजधानी दिल्ली क़रीब 235 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। राष्ट्रीय राजमार्ग 11 पर स्थित लक्ष्मणगढ़ मीटर गेज रेल लाइन से जुड़ा हुआ है।
ऐतिहासिक हवेलियाँ
शेखावाटी के राजपूत क़िलों एवं हवेलियों में बनी सुंदर 'फ्रेस्को पेंटिंग्स' दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। इसी के चलते शेखावाटी अंचल को राजस्थान के ओपन आर्ट गैलरी की संज्ञा दी जाती है। 1830 से 1930 ई. के दौरान व्यापारियों ने अपनी सफलता और समृद्धि को प्रमाणित करने के उद्देश्य से सुंदर एवं आकर्षक चित्रों से युक्त हवेलियों का निर्माण कराया था। इनमें से निम्न हवेलियाँ प्रसिद्ध हैं-
- चार चौक हवेली
- चेतराम संगनीरिया हवेली
- राठी परिवार हवेली
- श्योनारायण कयल हवेली
हवेलियों के रंग शानों-शौकत के प्रतीक हैं। समय गुजरा तो परंपरा बन गए और अब तो विरासत का रूप धारण कर चुके हैं। कलाकारों की कल्पना जितना उड़ान भर सकती थी, वह सब इन हवेलियों की दीवारों पर आज देखने को मिलता है।
लक्ष्मणगढ़ दुर्ग
लक्ष्मणगढ़ की सघन बस्ती के पश्चिमी छोर पर मध्यम ऊंचाई की पहाड़ी पर बना लक्ष्मणगढ़ दुर्ग सारे कस्बे से नज़र आता है। दुर्ग की सीधी खड़ी इमारत बहुत प्रभावशाली है। राजस्थान में ही नहीं, बल्कि भारत में यह क़िला अपने स्थापत्य और गोलाकार चट्टानों के विशाल खंडों पर बना होने के कारण बहुत प्रसिद्ध है। वर्तमान समय में यह खूबसूरत क़िला दुर्भाग्यवश सीकर के एक व्यवसायी की निजी संपत्ति है। इसलिए आम जनता के लिए क़िला नहीं खोला गया है। फिर भी राजस्थान के इस दुर्ग का भ्रमण करने का रास्ता पूरी तरह बंद नहीं हुआ है। दुर्ग के मुख्य द्वार के बाहर से एक रास्ता बना हुआ है। यह रास्ता दुर्ग में बने एक मंदिर तक जाता है। यह मंदिर आम जनता और पर्यटकों के लिए खुला है। ऊंचाई पर बने इस मंदिर से लक्ष्मणगढ़ का विहंगम दृश्य देखा जा सकता है।
कैसे पहुंचें
जयपुर से सीकर के लिए मीटर गेज की ट्रेनें चलती हैं। साथ ही बसों की भी अच्छी व्यवस्था है। सीकर में रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पास पास ही हैं। यहां से लक्ष्मणगढ़ की दूरी लगभग 30 कि.मी. है। सीकर से टैक्सी के जरिये भी लक्ष्मणगढ़ पहुंचा जा सकता है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख