"सुनील गावस्कर": अवतरणों में अंतर
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'''सुनील गावस्कर''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Sunil Gavaskar'', जन्म- [[10 जुलाई]], [[1949]], [[मुम्बई]], [[महाराष्ट्र]]) भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान हैं, जिन्हें [[क्रिकेट]] के महानतम [[बल्लेबाज़|बल्लेबाजों]] में शुमार किया जाता है। 'लिटिल मास्टर' के नाम से प्रसिद्ध सुनील गवास्कर विश्व के दिग्गज बल्लेबाजों में से एक हैं। परिवारिक तौर पर इनका पूरा नाम सुनील मनोहर गावस्कर है, जो कि इनके पिता के नाम को भी समाहित किये हुए है। ये सिर्फ एकमात्र ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने एक सिंगल वर्ष में एक हज़ार से ज्यादा रन बनाए हैं और यह जादू उन्होंने चार-चार बार करके दिखाया है। सुनील गावस्कर ने अपने समय में कई सारे रिकॉर्ड बनाए एवं पुराने रिकॉर्ड को तोड़े। 34 शतक लगाकर उन्होंने सर डॉन ब्रैडमैन के रिकॉर्ड को तोड़ा था। इसके अलावा आप दस हज़ार से ज्यादा रन बनाने वाले एकमात्र खिलाड़ी थे। | |||
==परिचय== | |||
सुनील गावास्कर का जन्म 10 जुलाई, 1949 को मुम्बई, महाराष्ट्र में हुआ था। उनका पूरा नाम सुनील मनोहर गावस्कर है। 'सनी' और 'लिटिल मास्टर' उनके निक नेम हैं। उनके [[पिता]] का नाम मनोहर गावस्कर तथा [[माता]] का नाम मीनल गावस्कर था। सुनील गावास्कर का विवाह मार्शनील के साथ हुआ। उनके पुत्र का नाम रोहन गावस्कर है। सुनील गावस्कर [[क्रिकेट]] में दाएँ हाथ के श्रेष्ठ बल्लेबाज रहे, इसके साथ ही वह दाएँ हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज भी रहे। | |||
====जन्म प्रसंग==== | |||
सुनील गावस्कर अपने जन्म के बाद जब अस्पताल में ही थे, तब उनके साथ एक ऐसा क़िस्सा हुआ जो उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल सकता था। सुनील गावस्कर ने अपनी ऑटोबायोग्राफी 'सनी डेज' में बताया कि मैं कभी क्रिकेटर नहीं बना होता और न ही यह किताब लिखी गई होती, अगर मेरी जिंदगी में तेज नजरों वाले नारायण मासुरकर नहीं होते। गावस्कर ने बताया था कि जब उनका जन्म हुआ, तब उनके चाचा जिन्हें वह नन-काका कहकर बुलाते थे, वह गावस्कर के जन्म के बाद अस्पताल में उन्हें देखने आए थे और उन्होंने मेरे कान पर एक बर्थमार्क (जन्म के वक्त शरीर पर होने वाला निशान) देखा था। उन्होंने आगे बताया कि अगले दिन चाचा फिर मिलने अस्पताल आए और उन्होंने बच्चे को गोद में उठाया, लेकिन उन्हें बच्चे के कान पर वह निशान नहीं मिला। इसके बाद पूरे अस्पताल में नए जन्में बच्चों को चेक किया गया, जिसके बाद गावस्कर एक मछुआरे की पत्नी के पास सोते हुए मिले। अस्पताल की नर्स ने गलती से उन्हें वहाँ सुला दिया था। सुनील गावस्कर का कहना था कि शायद बच्चों को नहलाते समय वह बदल गए थे। अगर उस दिन गावस्कर के चाचा ने ध्यान नहीं दिया होता तो हो सकता है कि गावस्कर आज मछुआरे होते।<ref>{{cite web |url=http://aajtak.intoday.in/gallery/sunil-gavaskar-was-changed-with-fisherman-baby-in-hospital-former-cricketer-6-13455.html |title=अस्पताल में बदल गए थे गावस्कर, कान के निशान से हुई पहचान |accessmonthday=29 सितम्बर |accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=aajtak.intoday.in |language= हिन्दी}}</ref> | |||
==क्रिकेट शुरुआत== | |||
अपने पढाई के दिनों से ही सनी एक अच्छे क्रिकेटर के रूप में अपनी पहचान बना चुके थे। [[1966]] में सुनील को [[भारत]] का 'बेस्ट स्कूल ब्याव' का पुरस्कार मिला था। सेकेण्डरी शिक्षा के अंतिम वर्ष में दो लगातार दोहरे शतक लगाकर उन्होंने सबका ध्यान आकर्षित किया। 1966 में ही उन्होंने रणजी के मैंचो में अपना डेब्यू किया। कॉलेज में उनके खेल के लोग दीवाने हुआ करते थे। रणजी मैच में [[कर्नाटक]] के साथ खेलते हुए उन्होंने फिर से दोहरा शतक लगाया और चयनकर्ताओं को प्रभावित किया। [[1971]] के टूर के लिए उन्हें वेस्टइंडीज दौरे के लिए टीम के लिए चुना गया था। | |||
==बल्लेबाज़ी कीर्तिमान== | ==बल्लेबाज़ी कीर्तिमान== | ||
इन्होंने [[बल्लेबाज़ी]] से संबंधित कई कीर्तिमान स्थापित किए। गावस्कर (अपने समय काल में) ने विश्व क्रिकेट में 3 बार, एक वर्ष में एक हज़ार रन, सर्वाधिक शतक (34), सर्वाधिक रन (नौ हज़ार से अधिक), सर्वाधिक शतकीय भागेदारियाँ एवं प्रथम श्रृंखला में सर्वाधिक रन बनाने वाले एकमात्र बल्लेबाज थे। 'सनी' गावस्कर की हर पारी एवं रन ऐतिहासिक होते हैं। उन्होंने भारतीय टीम का कुशल नेतृत्व किया और कई महत्त्वपूर्ण विजयें प्राप्त कीं, जिनमें 'एशिया कप' एवं 'बेसन एंण्ड हेजेस विश्वकप' (BENSON & HAZES WORLD CUP) प्रमुख है। 'क्रिकेट के आभूषण' कहे जाने वाले गावस्कर ने एक दिवसीय मैचों में भी अपनी टीम के लिए ठोस आधार प्रस्तुत किया है। वे 100 कैंचों का कीर्तिमान भी [[इंग्लैंड]] में बना चुके हैं। गावस्कर क्रिकेट की एक अद्वितीय पहेली हैं। 1986 में उनके खेल जीवन का | इन्होंने [[बल्लेबाज़ी]] से संबंधित कई कीर्तिमान स्थापित किए। गावस्कर (अपने समय काल में) ने विश्व क्रिकेट में 3 बार, एक वर्ष में एक हज़ार रन, सर्वाधिक शतक (34), सर्वाधिक रन (नौ हज़ार से अधिक), सर्वाधिक शतकीय भागेदारियाँ एवं प्रथम श्रृंखला में सर्वाधिक रन बनाने वाले एकमात्र बल्लेबाज थे। 'सनी' गावस्कर की हर पारी एवं रन ऐतिहासिक होते हैं। उन्होंने भारतीय टीम का कुशल नेतृत्व किया और कई महत्त्वपूर्ण विजयें प्राप्त कीं, जिनमें 'एशिया कप' एवं 'बेसन एंण्ड हेजेस विश्वकप' (BENSON & HAZES WORLD CUP) प्रमुख है। [[चित्र:Sunil-Gavaskar-2.jpg|thumb|left|सुनील गावस्कर]] 'क्रिकेट के आभूषण' कहे जाने वाले गावस्कर ने एक दिवसीय मैचों में भी अपनी टीम के लिए ठोस आधार प्रस्तुत किया है। वे 100 कैंचों का कीर्तिमान भी [[इंग्लैंड]] में बना चुके हैं। गावस्कर क्रिकेट की एक अद्वितीय पहेली हैं। [[1986]] में उनके खेल जीवन का उत्तरार्ध होने के बाद भी उनके खेल में और निखार आया। अपने कॉलेज की ओर से क्रिकेट खेलते समय भी वे सबसे सफल बल्लेबाज माने जाते थे। [[1971]] में उन्हें टैस्ट टीम के वेस्टइंडीज दौरे के लिए चुना गया था। सनी को विश्व का सर्वोपरी खिलाड़ी माना जाता है। | ||
==पुरस्कार== | ====रनों का सफ़र==== | ||
भारत में सुनील गावस्कर को 1975 में 'अर्जुन पुरस्कार' एवं 1980 में '[[पद्म भूषण]]' प्राप्त हुआ। इसके अतिरिक्त कई देशों में उन्हें सम्मानित किया जा चुका है। 1980 में ही वे 'विस्डेन' भी प्राप्त कर चुके हैं। | [[जनवरी]] [[1973]] में [[कानपुर]] में [[इंग्लैण्ड]] के विरुद्ध अपने जीवन का 11वाँ टेस्ट खेलते हुए उन्होंने 1000 रन पूरे किए। [[अप्रैल]] 1976 में पोर्ट आफ़ स्पेन में वेस्टइंडीज़ के विरुद्ध अपना 23वाँ टेस्ट खेलते हुए उन्होंने 2000 रन पूरे किए। [[दिसम्बर]] [[1977]] में पर्थ में [[आस्ट्रेलिया]] के विरुद्ध अपना 34वाँ टेस्ट खेलते हुए 3000 रन पूरे किए। [[दिसम्बर]] [[1978]] में [[कलकत्ता]] में वेस्टइंडीज़ के विरुद्ध अपना 43वाँ टेस्ट खेलते हुए 4000 रन पूरे किए थे, और [[सितम्बर]] [[1979]] में [[बेंगलोर]] में 52वाँ टेस्ट खेलते हुए 5000 रन पूरे किए। | ||
==भारतीय क्रिकेट में योगदान== | |||
लम्बे अर्से से भारतीय क्रिकेट को जिस उद्घाटक (ओपनर) बल्लेबाज़ की तलाश थी, उसकी सही खोज [[1971]] में पूरी हुई। जब सुनील गावस्कर ने वेस्टइंडीज़ के विरुद्ध अद्वितीय प्रदर्शन किया। उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उस पहली श्रृंखला के चार टेस्ट मैचों में गावस्कर ने 774 रन (औसत 184.80) बनाकर एक कीर्तिमान स्थापित किया। पोर्ट आफ़ स्पेन के पाँचवें टेस्ट की पहली पारी में 124 व दूसरी पारी में 220 रन बनाकर वे विश्व विख्यात बल्लेबाज़ वाल्टर्स, जी. एस. चैपल और लारेन्स रौ की श्रेणी में आ खड़े हुए, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में पहली पारी में शतक व दूसरी पारी में दोहरा शतक बनाने का रिकार्ड क़ायम किया है। | |||
====कप्तान के रूप में==== | |||
[[1975]]-[[1976|76]] में न्यूज़ीलैण्ड के दौरे के समय गावस्कर ने भारतीय टीम को नेतृत्व भी दिया, जिसमें [[भारत]] विजयी रहा। [[1978]]-[[1979|79]] में वेस्टइंडीज़ की टीम ने भारत का दौरा किया था। उस समय उन्हें भारतीय टीम का कप्तान नियुक्त किया गया। उसमें सुनील गावस्कर ने एक साथ कई रिकार्ड और कीर्तिमान स्थापित किए। उन्होंने 34 शतक बनाए जो उस समय तक सबसे ज्यादा थे। इस प्रकार शतक बनाने और सबसे अधिक रन बटोरने के मामले में वह सबसे आगे निकल गए थे। | |||
==सम्मान और पुरस्कार== | |||
[[भारत]] में सुनील गावस्कर को [[1975]] में '[[अर्जुन पुरस्कार]]' एवं [[1980]] में '[[पद्म भूषण]]' प्राप्त हुआ। इसके अतिरिक्त कई देशों में उन्हें सम्मानित किया जा चुका है। [[1980]] में ही वे 'विस्डेन' भी प्राप्त कर चुके हैं। | |||
==रोचक तथ्य== | |||
* सुनील गावस्कर के बारे में एक आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि वह अपने शरीर (कद 5 फ़ुट 5 इंच, वज़न 66 किलो) की ठीक-ठाक रखने के लिए [[क्रिकेट]] के मैदान से सीधे [[बैडमिंटन]] के मैदान में पहुँच जाते हैं। | |||
* पुस्तकें पढ़ने और [[संगीत]] सुनने का उन्हें बहुत ही शौक़ है। उन्होंने स्वयं भी 'सनी डेज़' नामक एक पुस्तक लिखी है और हमेशा लोगों से क्रिकेट की शब्दावली में बात करते हैं। | |||
* कहते हैं कि एक बार वह अपनी कार में कहीं पर जा रहे थे उनकी कार के आगे एक आदमी आ गया। उन्होंने ब्रैक लगाया और कार से उतरकर उस आदमी के पास गए और बोले–"अरे भाई, देखकर चला करो, नहीं तो रन आउट हो जाओगे।" उस आदमी को यह पहचानने में ज़रा भी देर नहीं लगी कि यह तो सुनील गावस्कर है। | |||
* गावस्कर विश्व क्रिकेट में 10,000 रन और 30 शतक करने वाले पहले [[बल्लेबाज़]] थे। | |||
==महत्त्वपूर्ण पुस्तकें== | ==महत्त्वपूर्ण पुस्तकें== | ||
गावस्कर ने क्रिकेट से सम्बन्धित कई महत्त्वपूर्ण पुस्तकें भी लिखी हैं। जिनमें '''सनी डेज''', '''आइडल्स''', ''' | गावस्कर ने क्रिकेट से सम्बन्धित कई महत्त्वपूर्ण पुस्तकें भी लिखी हैं। जिनमें '''सनी डेज''', '''आइडल्स''', '''रंस एण्ड रूइंस''' तथा '''वन डे वंडर्स''' काफ़ी लोकप्रिय हुई हैं। आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी सुनील गावस्कर एक फ़िल्म में भी अभिनय कर चुके हैं। | ||
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14:08, 9 मई 2021 के समय का अवतरण
सुनील गावस्कर
| |||
व्यक्तिगत परिचय
| |||
पूरा नाम | सुनील मनोहर गावस्कर | ||
अन्य नाम | सनी | ||
जन्म | 10 जुलाई, 1949 | ||
जन्म भूमि | मुंबई (महाराष्ट्र) | ||
ऊँचाई | 5 फुट 5 इंच | ||
पत्नी | मार्शनील | ||
संतान | पुत्र- रोहन गावस्कर | ||
खेल परिचय
| |||
बल्लेबाज़ी शैली | दाएँ हाथ | ||
टीम | भारत, मुंबई और समरसेट | ||
भूमिका | बल्लेबाज | ||
पहला टेस्ट | 6 मार्च, 1971 (वेस्टइंडीज के विरुद्ध) | ||
आख़िरी टेस्ट | 13 मार्च, 1987 (पाकिस्तान के विरुद्ध) | ||
पहला वनडे | 13 जुलाई, 1974 (इंग्लैंड के विरुद्ध) | ||
आख़िरी वनडे | 5 नवंबर, 1987 (इंग्लैंड के विरुद्ध)[1] | ||
कैरियर आँकड़े
| |||
प्रारूप | टेस्ट क्रिकेट | एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय | प्रथम श्रेणी |
मुक़ाबले | 125 | 108 | 348 |
बनाये गये रन | 10,122 | 3,092 | 25,834 |
बल्लेबाज़ी औसत | 51.12 | 35.13 | 51.46 |
100/50 | 34/45 | 1/27 | 81/105 |
सर्वोच्च स्कोर | 236* | 103* | 340 |
फेंकी गई गेंदें | 380 | 20 | 1987 |
विकेट | 1 | 1 | 22 |
गेंदबाज़ी औसत | 206.00 | 25.00 | 56.36 |
पारी में 5 विकेट | 0 | 0 | 0 |
मुक़ाबले में 10 विकेट | 0 | 0 | 0 |
सर्वोच्च गेंदबाज़ी | 1/34 | 1/10 | 3/43 |
कैच/स्टम्पिंग | 108 | 22 | 293 |
रचनाएँ | 'सनी डेज', 'आइडल्स', 'रंस एण्ड रूइंस' तथा 'वन डे वंडर्स' | ||
सम्मान | अर्जुन पुरस्कार, पद्म भूषण के अतिरिक्त 1980 में ही वे 'विस्डेन पुरस्कार' से भी सम्मानित हो चुके हैं। | ||
अन्य जानकारी | सुनील गावस्कर विश्व क्रिकेट में 10,000 रन और 30 शतक करने वाले पहले बल्लेबाज़ थे। | ||
बाहरी कड़ियाँ | espncricinfo | ||
अद्यतन | 17:49, 4 जुलाई 2014 (IST)
|
सुनील गावस्कर (अंग्रेज़ी: Sunil Gavaskar, जन्म- 10 जुलाई, 1949, मुम्बई, महाराष्ट्र) भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान हैं, जिन्हें क्रिकेट के महानतम बल्लेबाजों में शुमार किया जाता है। 'लिटिल मास्टर' के नाम से प्रसिद्ध सुनील गवास्कर विश्व के दिग्गज बल्लेबाजों में से एक हैं। परिवारिक तौर पर इनका पूरा नाम सुनील मनोहर गावस्कर है, जो कि इनके पिता के नाम को भी समाहित किये हुए है। ये सिर्फ एकमात्र ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने एक सिंगल वर्ष में एक हज़ार से ज्यादा रन बनाए हैं और यह जादू उन्होंने चार-चार बार करके दिखाया है। सुनील गावस्कर ने अपने समय में कई सारे रिकॉर्ड बनाए एवं पुराने रिकॉर्ड को तोड़े। 34 शतक लगाकर उन्होंने सर डॉन ब्रैडमैन के रिकॉर्ड को तोड़ा था। इसके अलावा आप दस हज़ार से ज्यादा रन बनाने वाले एकमात्र खिलाड़ी थे।
परिचय
सुनील गावास्कर का जन्म 10 जुलाई, 1949 को मुम्बई, महाराष्ट्र में हुआ था। उनका पूरा नाम सुनील मनोहर गावस्कर है। 'सनी' और 'लिटिल मास्टर' उनके निक नेम हैं। उनके पिता का नाम मनोहर गावस्कर तथा माता का नाम मीनल गावस्कर था। सुनील गावास्कर का विवाह मार्शनील के साथ हुआ। उनके पुत्र का नाम रोहन गावस्कर है। सुनील गावस्कर क्रिकेट में दाएँ हाथ के श्रेष्ठ बल्लेबाज रहे, इसके साथ ही वह दाएँ हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज भी रहे।
जन्म प्रसंग
सुनील गावस्कर अपने जन्म के बाद जब अस्पताल में ही थे, तब उनके साथ एक ऐसा क़िस्सा हुआ जो उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल सकता था। सुनील गावस्कर ने अपनी ऑटोबायोग्राफी 'सनी डेज' में बताया कि मैं कभी क्रिकेटर नहीं बना होता और न ही यह किताब लिखी गई होती, अगर मेरी जिंदगी में तेज नजरों वाले नारायण मासुरकर नहीं होते। गावस्कर ने बताया था कि जब उनका जन्म हुआ, तब उनके चाचा जिन्हें वह नन-काका कहकर बुलाते थे, वह गावस्कर के जन्म के बाद अस्पताल में उन्हें देखने आए थे और उन्होंने मेरे कान पर एक बर्थमार्क (जन्म के वक्त शरीर पर होने वाला निशान) देखा था। उन्होंने आगे बताया कि अगले दिन चाचा फिर मिलने अस्पताल आए और उन्होंने बच्चे को गोद में उठाया, लेकिन उन्हें बच्चे के कान पर वह निशान नहीं मिला। इसके बाद पूरे अस्पताल में नए जन्में बच्चों को चेक किया गया, जिसके बाद गावस्कर एक मछुआरे की पत्नी के पास सोते हुए मिले। अस्पताल की नर्स ने गलती से उन्हें वहाँ सुला दिया था। सुनील गावस्कर का कहना था कि शायद बच्चों को नहलाते समय वह बदल गए थे। अगर उस दिन गावस्कर के चाचा ने ध्यान नहीं दिया होता तो हो सकता है कि गावस्कर आज मछुआरे होते।[2]
क्रिकेट शुरुआत
अपने पढाई के दिनों से ही सनी एक अच्छे क्रिकेटर के रूप में अपनी पहचान बना चुके थे। 1966 में सुनील को भारत का 'बेस्ट स्कूल ब्याव' का पुरस्कार मिला था। सेकेण्डरी शिक्षा के अंतिम वर्ष में दो लगातार दोहरे शतक लगाकर उन्होंने सबका ध्यान आकर्षित किया। 1966 में ही उन्होंने रणजी के मैंचो में अपना डेब्यू किया। कॉलेज में उनके खेल के लोग दीवाने हुआ करते थे। रणजी मैच में कर्नाटक के साथ खेलते हुए उन्होंने फिर से दोहरा शतक लगाया और चयनकर्ताओं को प्रभावित किया। 1971 के टूर के लिए उन्हें वेस्टइंडीज दौरे के लिए टीम के लिए चुना गया था।
बल्लेबाज़ी कीर्तिमान
इन्होंने बल्लेबाज़ी से संबंधित कई कीर्तिमान स्थापित किए। गावस्कर (अपने समय काल में) ने विश्व क्रिकेट में 3 बार, एक वर्ष में एक हज़ार रन, सर्वाधिक शतक (34), सर्वाधिक रन (नौ हज़ार से अधिक), सर्वाधिक शतकीय भागेदारियाँ एवं प्रथम श्रृंखला में सर्वाधिक रन बनाने वाले एकमात्र बल्लेबाज थे। 'सनी' गावस्कर की हर पारी एवं रन ऐतिहासिक होते हैं। उन्होंने भारतीय टीम का कुशल नेतृत्व किया और कई महत्त्वपूर्ण विजयें प्राप्त कीं, जिनमें 'एशिया कप' एवं 'बेसन एंण्ड हेजेस विश्वकप' (BENSON & HAZES WORLD CUP) प्रमुख है।

'क्रिकेट के आभूषण' कहे जाने वाले गावस्कर ने एक दिवसीय मैचों में भी अपनी टीम के लिए ठोस आधार प्रस्तुत किया है। वे 100 कैंचों का कीर्तिमान भी इंग्लैंड में बना चुके हैं। गावस्कर क्रिकेट की एक अद्वितीय पहेली हैं। 1986 में उनके खेल जीवन का उत्तरार्ध होने के बाद भी उनके खेल में और निखार आया। अपने कॉलेज की ओर से क्रिकेट खेलते समय भी वे सबसे सफल बल्लेबाज माने जाते थे। 1971 में उन्हें टैस्ट टीम के वेस्टइंडीज दौरे के लिए चुना गया था। सनी को विश्व का सर्वोपरी खिलाड़ी माना जाता है।
रनों का सफ़र
जनवरी 1973 में कानपुर में इंग्लैण्ड के विरुद्ध अपने जीवन का 11वाँ टेस्ट खेलते हुए उन्होंने 1000 रन पूरे किए। अप्रैल 1976 में पोर्ट आफ़ स्पेन में वेस्टइंडीज़ के विरुद्ध अपना 23वाँ टेस्ट खेलते हुए उन्होंने 2000 रन पूरे किए। दिसम्बर 1977 में पर्थ में आस्ट्रेलिया के विरुद्ध अपना 34वाँ टेस्ट खेलते हुए 3000 रन पूरे किए। दिसम्बर 1978 में कलकत्ता में वेस्टइंडीज़ के विरुद्ध अपना 43वाँ टेस्ट खेलते हुए 4000 रन पूरे किए थे, और सितम्बर 1979 में बेंगलोर में 52वाँ टेस्ट खेलते हुए 5000 रन पूरे किए।
भारतीय क्रिकेट में योगदान
लम्बे अर्से से भारतीय क्रिकेट को जिस उद्घाटक (ओपनर) बल्लेबाज़ की तलाश थी, उसकी सही खोज 1971 में पूरी हुई। जब सुनील गावस्कर ने वेस्टइंडीज़ के विरुद्ध अद्वितीय प्रदर्शन किया। उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उस पहली श्रृंखला के चार टेस्ट मैचों में गावस्कर ने 774 रन (औसत 184.80) बनाकर एक कीर्तिमान स्थापित किया। पोर्ट आफ़ स्पेन के पाँचवें टेस्ट की पहली पारी में 124 व दूसरी पारी में 220 रन बनाकर वे विश्व विख्यात बल्लेबाज़ वाल्टर्स, जी. एस. चैपल और लारेन्स रौ की श्रेणी में आ खड़े हुए, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में पहली पारी में शतक व दूसरी पारी में दोहरा शतक बनाने का रिकार्ड क़ायम किया है।
कप्तान के रूप में
1975-76 में न्यूज़ीलैण्ड के दौरे के समय गावस्कर ने भारतीय टीम को नेतृत्व भी दिया, जिसमें भारत विजयी रहा। 1978-79 में वेस्टइंडीज़ की टीम ने भारत का दौरा किया था। उस समय उन्हें भारतीय टीम का कप्तान नियुक्त किया गया। उसमें सुनील गावस्कर ने एक साथ कई रिकार्ड और कीर्तिमान स्थापित किए। उन्होंने 34 शतक बनाए जो उस समय तक सबसे ज्यादा थे। इस प्रकार शतक बनाने और सबसे अधिक रन बटोरने के मामले में वह सबसे आगे निकल गए थे।
सम्मान और पुरस्कार
भारत में सुनील गावस्कर को 1975 में 'अर्जुन पुरस्कार' एवं 1980 में 'पद्म भूषण' प्राप्त हुआ। इसके अतिरिक्त कई देशों में उन्हें सम्मानित किया जा चुका है। 1980 में ही वे 'विस्डेन' भी प्राप्त कर चुके हैं।
रोचक तथ्य
- सुनील गावस्कर के बारे में एक आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि वह अपने शरीर (कद 5 फ़ुट 5 इंच, वज़न 66 किलो) की ठीक-ठाक रखने के लिए क्रिकेट के मैदान से सीधे बैडमिंटन के मैदान में पहुँच जाते हैं।
- पुस्तकें पढ़ने और संगीत सुनने का उन्हें बहुत ही शौक़ है। उन्होंने स्वयं भी 'सनी डेज़' नामक एक पुस्तक लिखी है और हमेशा लोगों से क्रिकेट की शब्दावली में बात करते हैं।
- कहते हैं कि एक बार वह अपनी कार में कहीं पर जा रहे थे उनकी कार के आगे एक आदमी आ गया। उन्होंने ब्रैक लगाया और कार से उतरकर उस आदमी के पास गए और बोले–"अरे भाई, देखकर चला करो, नहीं तो रन आउट हो जाओगे।" उस आदमी को यह पहचानने में ज़रा भी देर नहीं लगी कि यह तो सुनील गावस्कर है।
- गावस्कर विश्व क्रिकेट में 10,000 रन और 30 शतक करने वाले पहले बल्लेबाज़ थे।
महत्त्वपूर्ण पुस्तकें
गावस्कर ने क्रिकेट से सम्बन्धित कई महत्त्वपूर्ण पुस्तकें भी लिखी हैं। जिनमें सनी डेज, आइडल्स, रंस एण्ड रूइंस तथा वन डे वंडर्स काफ़ी लोकप्रिय हुई हैं। आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी सुनील गावस्कर एक फ़िल्म में भी अभिनय कर चुके हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ Sunil Gavaskar (अंग्रेज़ी) (एच.टी.एम.एल) espncricinfo। अभिगमन तिथि: 21 जनवरी, 2011।
- ↑ अस्पताल में बदल गए थे गावस्कर, कान के निशान से हुई पहचान (हिन्दी) aajtak.intoday.in। अभिगमन तिथि: 29 सितम्बर, 2017।