"सिटी पैलेस अलवर" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "लायक " to "लायक़ ")
छो (Text replace - "बडा" to "बड़ा")
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
 
*सिटी पैलेस का निर्माण 1793 में राजा [[बख्तावर सिंह]] ने कराया था।  
 
*सिटी पैलेस का निर्माण 1793 में राजा [[बख्तावर सिंह]] ने कराया था।  
 
*सिटी पैलैस परिसर अलवर के पूर्वी छोर की शान है। इसके ऊपर अरावली की पहाड़ियाँ हैं, जिन पर [[बाला क़िला अलवर|बाला क़िला]] बना है।  
 
*सिटी पैलैस परिसर अलवर के पूर्वी छोर की शान है। इसके ऊपर अरावली की पहाड़ियाँ हैं, जिन पर [[बाला क़िला अलवर|बाला क़िला]] बना है।  
*सिटी पैलेस परिसर बहुत ही ख़ूबसूरत है और इसके साथ-साथ बालकॉनी की योजना है। गेट के पीछे एक बडा मैदान है। इसी मैदान में [[कृष्ण]] मंदिर हैं।  
+
*सिटी पैलेस परिसर बहुत ही ख़ूबसूरत है और इसके साथ-साथ बालकॉनी की योजना है। गेट के पीछे एक बड़ा मैदान है। इसी मैदान में [[कृष्ण]] मंदिर हैं।  
 
*सुबह के समय जब सूर्य की पहली किरण सिटी पैलेस परिसर के मुख्य द्वार पडती है तो इसकी छटा देखने लायक़ होती है।  
 
*सुबह के समय जब सूर्य की पहली किरण सिटी पैलेस परिसर के मुख्य द्वार पडती है तो इसकी छटा देखने लायक़ होती है।  
 
*सिटी पैलेस के बिल्कुल पीछे मूसी रानी की छतरी और अन्य दर्शनीय स्थल हैं। पर्यटक इसकी ख़ूबसूरती की तारीफ किए बिना नहीं रह पाते।  
 
*सिटी पैलेस के बिल्कुल पीछे मूसी रानी की छतरी और अन्य दर्शनीय स्थल हैं। पर्यटक इसकी ख़ूबसूरती की तारीफ किए बिना नहीं रह पाते।  

16:24, 10 मई 2011 का अवतरण

सिटी पैलेस, अलवर
City Palace, Alwar
  • सिटी पैलेस राजस्थान के अलवर शहर में स्थित है।
  • सिटी पैलेस का निर्माण 1793 में राजा बख्तावर सिंह ने कराया था।
  • सिटी पैलैस परिसर अलवर के पूर्वी छोर की शान है। इसके ऊपर अरावली की पहाड़ियाँ हैं, जिन पर बाला क़िला बना है।
  • सिटी पैलेस परिसर बहुत ही ख़ूबसूरत है और इसके साथ-साथ बालकॉनी की योजना है। गेट के पीछे एक बड़ा मैदान है। इसी मैदान में कृष्ण मंदिर हैं।
  • सुबह के समय जब सूर्य की पहली किरण सिटी पैलेस परिसर के मुख्य द्वार पडती है तो इसकी छटा देखने लायक़ होती है।
  • सिटी पैलेस के बिल्कुल पीछे मूसी रानी की छतरी और अन्य दर्शनीय स्थल हैं। पर्यटक इसकी ख़ूबसूरती की तारीफ किए बिना नहीं रह पाते।
  • सिटी पैलेस इमारत के सबसे ऊपरी तल पर संग्रहालय भी है। यह तीन हॉल्स में विभक्त है-
  1. पहले हॉल में शाही परिधान और मिट्टी के खिलौने रखे हैं, हॉल का मुख्य आकर्षण महाराज जयसिंह की साईकिल है। यहाँ हर वस्तु बडे सुन्दर तरीके से सजाई गई है।
  2. दूसरे हॉल में मध्य एशिया के अनेक जाने-माने राजाओं के चित्र लगे हुए हैं। इस हॉल में तैमूर से लेकर औरंगजेब तक के चित्र लगे हुए हैं।
  3. तीसरे हॉल में आयुद्ध सामग्री प्रदर्शित है। इस हॉल का मुख्य आकर्षण अकबर और जहांगीर की तलवारें हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख