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*बड़ौह भीलसा [[मध्य प्रदेश]] में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है।  
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*बड़ौह [[मुम्बई]]-[[दिल्ली]] रेलपथ पर कुल्हड़ स्टेशन से 12 मील पूर्व की ओर स्थित है।  
 
*बड़ौह [[मुम्बई]]-[[दिल्ली]] रेलपथ पर कुल्हड़ स्टेशन से 12 मील पूर्व की ओर स्थित है।  
 
*बड़ौह के विस्तीर्ण खंडहरों से सूचित होता है कि यह स्थान मध्यकाल में समृद्धिशाली नगर रहा होगा।  
 
*बड़ौह के विस्तीर्ण खंडहरों से सूचित होता है कि यह स्थान मध्यकाल में समृद्धिशाली नगर रहा होगा।  
 
*स्थानीय [[किंवदंती]] के अनुसार इसका प्राचीन नाम बड़ या वटनगर था।
 
*स्थानीय [[किंवदंती]] के अनुसार इसका प्राचीन नाम बड़ या वटनगर था।
 
 
*बड़ौह के मुख्य अवशेष है- गाडरमल का मंदिर 9वीं शती ई.; सोलह खंभी, 8वीं शती ई.; [[दशावतार|दशावतार मंदिर]]; सतमढ़ी मंदिर जिसके साथ छ: अन्य मंदिरों के अवशेष हैं और जैन मंदिर जिससे छोटे-छोटे 25 मंदिर संबंधित हैं।  
 
*बड़ौह के मुख्य अवशेष है- गाडरमल का मंदिर 9वीं शती ई.; सोलह खंभी, 8वीं शती ई.; [[दशावतार|दशावतार मंदिर]]; सतमढ़ी मंदिर जिसके साथ छ: अन्य मंदिरों के अवशेष हैं और जैन मंदिर जिससे छोटे-छोटे 25 मंदिर संबंधित हैं।  
  

07:09, 21 सितम्बर 2011 के समय का अवतरण

  • बड़ौह भीलसा मध्य प्रदेश में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है।
  • बड़ौह मुम्बई-दिल्ली रेलपथ पर कुल्हड़ स्टेशन से 12 मील पूर्व की ओर स्थित है।
  • बड़ौह के विस्तीर्ण खंडहरों से सूचित होता है कि यह स्थान मध्यकाल में समृद्धिशाली नगर रहा होगा।
  • स्थानीय किंवदंती के अनुसार इसका प्राचीन नाम बड़ या वटनगर था।
  • बड़ौह के मुख्य अवशेष है- गाडरमल का मंदिर 9वीं शती ई.; सोलह खंभी, 8वीं शती ई.; दशावतार मंदिर; सतमढ़ी मंदिर जिसके साथ छ: अन्य मंदिरों के अवशेष हैं और जैन मंदिर जिससे छोटे-छोटे 25 मंदिर संबंधित हैं।


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