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*शंकरगढ़ [[मध्य प्रदेश]] की भूतपूर्व [[नागौर]] रियासत में उचहरा के निकट स्थित है।  
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शंकरगढ़ [[मध्य प्रदेश]] की भूतपूर्व रियासत [[नागौर]] में उचहरा के निकट स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है।  
*शंकरगढ़ से मुख्यतः [[जैन]] सम्प्रदाय से सम्बन्धित अनेक ध्वंसावशेष प्राप्त हुए हैं।  
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*शंकरगढ़ से मुख्यतः [[जैन]] सम्प्रदाय से संबंधित अनेक ध्वंसावशेष प्राप्त हुए हैं।  
*पुरातत्त्वविद राखलदास बैनर्जी को यहाँ से एक [[गुप्तकालीन कला और स्थापत्य|गुप्तकालीन]] मंदिर के अवशेष भी मिले हैं।  
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*पुरातत्त्वविद राखलदास बैनर्जी को यहाँ से एक [[गुप्तकालीन कला और स्थापत्य|गुप्तकालीन]] मंदिर के [[अवशेष]] भी मिले हैं।  
 
*यह मंदिर देवगढ़ के प्रसिद्ध मंदिर के पूर्व का निर्मित है।  
 
*यह मंदिर देवगढ़ के प्रसिद्ध मंदिर के पूर्व का निर्मित है।  
*इसके प्रवेशद्वार की पत्थर की चौखट पर सुंदर नक़्क़ाशी की हुई है।  
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*इसके प्रवेशद्वार की पत्थर की चौखट पर सुंदर नक़्क़ाशी की हुई है। जो गुप्तकालीन मंदिरों की विशेषता है।  
*जो गुप्तकालीन मंदिरों की विशेषता है।  
 
 
*शंकरगढ़ से प्राप्त होने वाले पत्थर का इस क्षेत्र में निर्मित होने वाली अनेक मूर्तियों के बनाने में प्रयोग किया जाता था।  
 
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14:31, 11 मई 2012 का अवतरण

शंकरगढ़ मध्य प्रदेश की भूतपूर्व रियासत नागौर में उचहरा के निकट स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है।

  • शंकरगढ़ से मुख्यतः जैन सम्प्रदाय से संबंधित अनेक ध्वंसावशेष प्राप्त हुए हैं।
  • पुरातत्त्वविद राखलदास बैनर्जी को यहाँ से एक गुप्तकालीन मंदिर के अवशेष भी मिले हैं।
  • यह मंदिर देवगढ़ के प्रसिद्ध मंदिर के पूर्व का निर्मित है।
  • इसके प्रवेशद्वार की पत्थर की चौखट पर सुंदर नक़्क़ाशी की हुई है। जो गुप्तकालीन मंदिरों की विशेषता है।
  • शंकरगढ़ से प्राप्त होने वाले पत्थर का इस क्षेत्र में निर्मित होने वाली अनेक मूर्तियों के बनाने में प्रयोग किया जाता था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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