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*पुराने समय में तीर या भाले इतनी ऊँचाई को पार करके नहीं जा सकते थे और यह सुरक्षा देती थी।  
 
*पुराने समय में तीर या भाले इतनी ऊँचाई को पार करके नहीं जा सकते थे और यह सुरक्षा देती थी।  
 
*बाद में इसमें निरीक्षण मीनारें बना कर दूर से आते शत्रुओं पर निगाह रखने के लिये भी इस्तेमाल किया गया और चीन को दूसरे देशों से अलग करने के लिये भी।  
 
*बाद में इसमें निरीक्षण मीनारें बना कर दूर से आते शत्रुओं पर निगाह रखने के लिये भी इस्तेमाल किया गया और चीन को दूसरे देशों से अलग करने के लिये भी।  
*ऐसा कहा जाता है कि इसे बनाने में 3000 जानें गईं और कई मजदूर इसे अपनी पूरी जिन्दगी भर बनाते रहे।
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*ऐसा कहा जाता है कि इसे बनाने में 3000 जानें गईं और कई मजदूर इसे अपनी पूरी ज़िन्दगी भर बनाते रहे।
  
 
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10:53, 3 जून 2012 का अवतरण

चीन की दीवार

चीन की दीवार आधुनिक विश्व के सात आश्चर्यों में से एक है।

  • चीन की यह दीवार 5वीं सदी ईसा पूर्व में बननी चालू हुई थी और 16 वीं सदी तक बनती रही।
  • यह दीवार चीन की उत्तरी सीमा पर बनाई गयी थी ताकि मंगोल आक्रमणकारियों को रोका जा सके।
  • चीन की यह दीवार संसार की सबसे लम्बी मानव निर्मित रचना है। जो लगभग 4000 मील (6,400 किलोमीटर) तक फैली है।
  • अंतरिक्ष से लिये गये पृथ्वी के चित्रों में भी यह नज़र आती है।
  • चीन की इस दीवार की चौड़ाई इतनी रखी गयी थी जिसपर 5 घुड़सवार या 10 पैदल सैनिक बगल-बगल में गश्त लगा सकें। इसकी सबसे ज़्यादा ऊँचाई 35 फुट है।
  • पुराने समय में तीर या भाले इतनी ऊँचाई को पार करके नहीं जा सकते थे और यह सुरक्षा देती थी।
  • बाद में इसमें निरीक्षण मीनारें बना कर दूर से आते शत्रुओं पर निगाह रखने के लिये भी इस्तेमाल किया गया और चीन को दूसरे देशों से अलग करने के लिये भी।
  • ऐसा कहा जाता है कि इसे बनाने में 3000 जानें गईं और कई मजदूर इसे अपनी पूरी ज़िन्दगी भर बनाते रहे।


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