"जैन कीर्ति स्तम्भ" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
(''''जैन कीर्ति स्तम्भ''' का निर्माण श्रेष्ठी<ref>महाजन या...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - " मंजिल " to " मंज़िल ") |
||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
*यह छह मंजिला स्तम्भ प्रथम [[जैन]] [[तीर्थंकर]] [[आदिनाथ]] को समर्पित है। | *यह छह मंजिला स्तम्भ प्रथम [[जैन]] [[तीर्थंकर]] [[आदिनाथ]] को समर्पित है। | ||
*यह कीर्ति स्तम्भ एक उठे हुए चबूतरे पर निर्मित है तथा इसमें आंतरिक रूप से व्यवस्थित सीढ़ियाँ बनाई गई हैं। | *यह कीर्ति स्तम्भ एक उठे हुए चबूतरे पर निर्मित है तथा इसमें आंतरिक रूप से व्यवस्थित सीढ़ियाँ बनाई गई हैं। | ||
− | *स्तम्भ की निचली | + | *स्तम्भ की निचली मंज़िल में सभी चारों मूलभूत दिशाओं में आदिनाथ की खड़ी प्रतिमाएँ बनी हैं, जबकि ऊपर की मंजिलों में जैन देवताओं की सैकड़ों छोटी मूर्तियाँ स्थापित हैं। |
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}} |
14:18, 3 फ़रवरी 2013 के समय का अवतरण
जैन कीर्ति स्तम्भ का निर्माण श्रेष्ठी[1] जीजा द्वारा 1300 ई. में करवाया गया था। यह स्तम्भ राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित है।
- इस स्तम्भ की ऊँचाई लगभग 24.50 मीटर है।
- यह छह मंजिला स्तम्भ प्रथम जैन तीर्थंकर आदिनाथ को समर्पित है।
- यह कीर्ति स्तम्भ एक उठे हुए चबूतरे पर निर्मित है तथा इसमें आंतरिक रूप से व्यवस्थित सीढ़ियाँ बनाई गई हैं।
- स्तम्भ की निचली मंज़िल में सभी चारों मूलभूत दिशाओं में आदिनाथ की खड़ी प्रतिमाएँ बनी हैं, जबकि ऊपर की मंजिलों में जैन देवताओं की सैकड़ों छोटी मूर्तियाँ स्थापित हैं।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाजन या धनवान व्यक्ति