"शरद अरविंद बोबडे" के अवतरणों में अंतर
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*महाराष्ट्र के नागपुर में 24 अप्रैल, 1956 को जस्टिस शरद अरविंद बोबडे का जन्म हुआ। | *महाराष्ट्र के नागपुर में 24 अप्रैल, 1956 को जस्टिस शरद अरविंद बोबडे का जन्म हुआ। | ||
*उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से बी.ए. और एल.एल.बी. किया। | *उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से बी.ए. और एल.एल.बी. किया। |
09:38, 20 अगस्त 2022 के समय का अवतरण
शरद अरविंद बोबडे
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पूरा नाम | शरद अरविंद बोबडे |
जन्म | 24 अप्रॅल, 1956 |
जन्म भूमि | नागपुर, महाराष्ट्र |
पति/पत्नी | कामिनी बोबडे |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | न्यायाधीश |
पद | मुख्य न्यायाधीश, भारत- 18 नवंबर, 2019 से 23 अप्रॅल, 2021 तक न्यायाधीश, उच्चतम न्यायालय, भारत- 12 अप्रैल, 2013 से 17 नवम्बर, 2019 तक |
विद्यालय | नागपुर विश्वविद्यालय |
संबंधित लेख | भारत के मुख्य न्यायाधीश |
पूर्वा धिकारी | रंजन गोगोई |
उत्तरा धिकारी | एन. वी. रमण |
अद्यतन | 15:07, 20 अगस्त 2022 (IST)
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शरद अरविंद बोबडे (अंग्रेज़ी: Sharad Arvind Bobde, जन्म- 24 अप्रॅल, 1956, नागपुर, महाराष्ट्र) भारत भूतपूर्व 47वें मुख्य न्यायाधीश रहे हैं। उन्होंने मुख्य न्यायाधीश के पद पर 18 नवंबर, 2019 से 23 अप्रॅल, 2021 तक अपनी सेवाएँ दीं। शरद अरविंद बोबडे पूर्व में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा मुंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रहे।
- महाराष्ट्र के नागपुर में 24 अप्रैल, 1956 को जस्टिस शरद अरविंद बोबडे का जन्म हुआ।
- उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से बी.ए. और एल.एल.बी. किया।
- सन 1978 में वह महाराष्ट्र की बार काउंसिल में अधिवक्ता के तौर पर पंजीकृत हुए।
- वह 29 मार्च, 2000 को बॉम्बे हाईकोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश बने और 16 अक्टूबर, 2012 को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ली।
- 12 अप्रैल, 2013 को शरद अरविंद बोबडे उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश पद पर पदोन्नत हुए।[1]
- 18 नवंबर, 2019 को देश के 47वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शरद अरविंद बोबडे को शपथ दिलाई गई थी। उन्होंने 23 अप्रॅल, 2021 तक अपनी सेवाएँ दीं। शीर्ष अदालत में अपने विदाई भाषण में उन्होंने कहा था, "आखिरी दिन मिली-जुली अनुभूति होती है, जिसे बयां करना मुश्किल है। मैं इस तरह के समारोहों में पहले भी शामिल हुआ हूं लेकिन कभी ऐसी मिली-जुली अनुभूति नहीं हुई। इसीलिए तब मैं अपनी बातें स्पष्ट तौर पर कह सका।"
- उन्होंने यह भी कहा कि, "मैं इस संतोष के साथ यह पद छोड़ रहा हूं कि मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ काम किया। मैं अब कमान न्यायमूर्ति एन. वी. रमण के हाथों में सौंप रहा हूं, जो मुझे विश्वास है कि बहुत सक्षम तरीके से अदालत का नेतृत्व करेंगे।"
- न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे ने कोरोना महामारी के अभूतपूर्व संकट के समय भी भारतीय न्यायपालिका का नेतृत्व किया और वीडियो कॉन्फ्रेंस से शीर्ष अदालत का कामकाज कराया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ आज रिटायर हो रहे CJI शरद अरविंद बोबडे (हिंदी) india.com। अभिगमन तिथि: 20 अगस्त, 2021।
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