हंसकूट

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हंसकूट नामक पर्वत का उल्लेख महाभारत, सभापर्व में हुआ है। यह द्वारिका के निकट स्थित पर्वत है।

'हंसकूटस्यत्छृं गमिन्द्रद्युम्नसरो महत्'[1]

'इन्द्रद्युम्नसरः प्राप्य हंसकूटमतीत्य च शतश्रंगे महाराज तापसः समतप्यत।'

  • हंसकूट पर्वत पर ही इन्द्रद्युम्न सरोवर स्थित था।[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत, सभापर्व 38 दाक्षिणत्य पाठ
  2. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 1006 |

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