अन्तरराष्ट्रीय कॉफ़ी दिवस
| |
विवरण | 'अन्तरराष्ट्रीय कॉफ़ी दिवस' प्रत्येक वर्ष उन सभी लोगों के प्रयासों को पहचानने के लिये मनाया जाता है जो कॉफ़ी के व्यवसाय से जुड़े हैं। |
शुरुआत | 2015 से |
देश | प्रथम आयोजक देश |
इटली | तिथि |
अन्य जानकारी | भारत में कॉफ़ी के सबसे बड़े उत्पादक राज्य कर्नाटक (71 प्रतिशत), केरल (21 प्रतिशत) तथा तमिलनाडु (5 प्रतिशत) हैं। |
अन्तरराष्ट्रीय कॉफ़ी दिवस (अंग्रेज़ी: International Coffee Day) प्रत्येक वर्ष '1 अक्टूबर' को मनाया जाता है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य उन सभी लोगों के प्रति आदर सम्मान व्यक्त करना है जो खेत से दुकान तक कॉफ़ी को पहुंचाने हेतु बहुत ही कड़ी मेहनत करते हैं। आमतौर पर कॉफ़ी का सेवन सभी लोगों को पसंद होता है। कॉफ़ी का सेवन स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। सीमित मात्रा में कॉफ़ी का सेवन करने से कई तरहों की बीमारियों से बचा जा सकता है।
शुरुआत
अन्तरराष्ट्रीय कॉफ़ी संगठन ने साल 2015 में इटली के मिलान में पहला विश्व कॉफ़ी दिवस आयोजित किया था। साल 2014 में अन्तरराष्ट्रीय कॉफ़ी संगठन ने 1 अक्टूबर को प्रत्येक साल अन्तरराष्ट्रीय कॉफ़ी दिवस मनाने का फैसला किया था। यह दिन विश्वभर में कॉफ़ी किसानों के मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा करने हेतु भी मनाया जाता है।
दस मुख्य बातें
- इथियोपिया के एक बकरी चरवाहे काल्दी ने विश्व में सबसे पहले कॉफ़ी बीन्स की खोज की थी।
- अन्तरराष्ट्रीय रिपोर्टों के अनुसार, कॉफ़ी तेल के बाद दुनिया में दूसरा सबसे अधिक कारोबार किया जाने वाला उपयोगी वस्तु है।
- भारत विश्व का 6वां सबसे बड़ा कॉफ़ी उत्पादक देश है। भारत विश्व की कुल 4 प्रतिशत कॉफ़ी का उत्पादन करता है।
- विश्व में कॉफ़ी का सबसे ज्यादा उत्पादन ब्राज़ील, वियतनाम, कोलंबिया, इंडोनेशिया तथा इथियोपिया द्वारा किया जाता है।
- भारत में कॉफ़ी के सबसे बड़े उत्पादक राज्य कर्नाटक (71 प्रतिशत), केरल (21 प्रतिशत) तथा तमिलनाडु (5 प्रतिशत) हैं।
- भारत में उत्पादित की जाने वाली कॉफ़ी का 70 से 80 प्रतिशत हिस्सा निर्यात किया जाता है।
- भारत के कॉफ़ी उत्पादन के शीर्ष खरीदार इटली, रूस और जर्मनी हैं।
- भारत में रोबस्टा कॉफ़ी तथा अरेबिका कॉफ़ी का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है।
- साल 2017-2018 के दौरान भारत ने 3.16 लाख टन कॉफ़ी का उत्पादन किया था और निर्यात 3।92 लाख टन किया।
- भारतीय कॉफ़ी विश्वभर की सबसे अच्छी गुणवत्ता की कॉफ़ी मानी जाती है, क्योंकि इसे भारत में छाया में उगाया जाता है, इसके बजाय विश्वभर के अन्य जगहों पर कॉफ़ी को सीधे सूर्य के प्रकाश में उगाया जाता है।
अन्तरराष्ट्रीय कॉफ़ी संगठन
अन्तरराष्ट्रीय कॉफ़ी संगठन की स्थापना साल 1963 में लंदन में हुई थी। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य अन्तरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से विश्व कॉफ़ी क्षेत्र के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटना है। अन्तरराष्ट्रीय कॉफ़ी संगठन की सदस्य सरकारें विश्व कॉफ़ी उत्पादन का 98 प्रतिशत और विश्व उपभोग का 67 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करती हैं।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख