इमाम वैराकी

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इमाम वैराकी का पूरा नाम 'इमाम, अबुल फ़ज़ल वैराकी' था। वह महमूद ग़ज़नवी के दरबार में हाकिम था।

  • इमाम वैराकी ने जो ग्रंथ लिखा, उसका नाम "तारीख़-ए-अरब-ए-सुबुक्तगीन" अर्थात 'सुबुक्तगीन वंश का इतिहास' है। इसमें सुबुक्तगीन और उसके पुत्र-पौत्र महमूद ग़ज़नवी एवं उसके शासन-काल की घटनाओं पर प्रकाश डाला गया है। इसमें प्रासंगिक रूप से महमूद के भारतीय आक्रमणों का भी कुछ विवरण लिखा गया है, जो उल्लेखनीय ईमानदारी का प्रमाण है। यह ग्रंथ तीन भागों में है किंतु इस समय उसका केवल तीसरा भाग ही उपलब्ध है। आरंभ के दो भाग नष्ट हो गये हैं। उपलब्ध भाग फ़ारसी भाषा में है।


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