दशरथ शर्मा
दशरथ शर्मा (अंग्रेज़ी: Dasharatha Sharma, जन्म- 1903, राजस्थान; मृत्यु- 1976) राजस्थान क्षेत्र के इतिहास पर लिखने वाले जाने-माने विद्वान थे। वह भाष्याचार्य हरनामदत्त शास्त्री के पौत्र तथा विद्यावाचस्पति विद्याधर शास्त्री के अनुज थे। सन 1959 में दशरथ शर्मा राजस्थान सरकार के द्वारा राजस्थान के प्रामाणिक इतिहास लेखन योजना के प्रधान सम्पादक नियुक्त हुए। यह पुस्तक 'राजस्थान थ्रू दी एजिज़' (भाग एक) के रूप में 1966 में प्रकाशित हुई थी।
परिचय
दशरथ शर्मा की प्रारंभिक शिक्षा राजस्थान के चूरु में हुई। दिल्ली विश्वविद्यालय और आगरा विश्वविद्यालय (वर्तमान बी. आर. अम्बेडकर विश्वविद्यालय) से क्रमशः इतिहास तथा संस्कृत कलाधि स्नातक परीक्षाएं प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण कीं। शोध प्रबंध अर्ली चौहान डाईनेस्टीस के लिए आपको डी.लिट् की उपाधि प्राप्त हुई। डॉ. दशरथ शर्मा मुनि जिनविजय की अध्यक्षता में गठित उस आयोग के सदस्य थे, जिसके प्रयत्न से आबू क्षेत्र को राजस्थान में समाहित किया गया था।
कार्य
सन 1925 में दशरथ शर्मा डूंगर कॉलेज, बीकानेर में इतिहास के प्रोफेसर नियुक्त हुए। 1935 में महाराजा गंगा सिंह के पौत्र करणी सिंह के निजी शिक्षक नियुक्त हुए। इसी समय आपने बीकानेर स्थित अनूप संस्कृत पुस्तकालय के संचालन में भाग लिया। 'पृथ्वीराज रासो' के विषय में जो शंकाएं अन्य विद्वानों ने प्रकट की थी, उनका दशरथ शर्मा ने खंडन किया। 1944 में उन्होंने सादुल राजस्थानी रिसर्च इंस्टिट्यूट की स्थापना में योगदान दिया और कई वर्षों तक इस संस्था का निर्देशन किया।
1949 से 1957 तक दशरथ शर्मा हिन्दू कॉलेज, दिल्ली के इतिहास और राजनीति वभाग के अध्यक्ष रहे। 1957 में वह दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में प्राचीन इतिहास के रीडर नियुक्त हुए। दिल्ली विश्वविद्यालय में आपका सम्बन्ध इतिहास, हिंदी तथा संस्कृत इन सब विभागों से था। उनके मार्गदर्शन में इतिहास, संस्कृत, हिंदी, पालि तथा प्राकृत के शोधार्थी सहयोगी रूप से कार्य करते थे। 1959 में दशरथ शर्मा राजस्थान सरकार के द्वारा राजस्थान के प्रामाणिक इतिहास लेखन योजना के प्रधान सम्पादक नियुक्त हुए। यह पुस्तक 'राजस्थान थ्रू दी एजिज़' (भाग एक) के रूप में 1966 में प्रकाशित हुई थी।
सम्पादन
- दयालदास की ख्यात (भाग दो) प्रकाशक: अनूप संस्कृत पुस्तकालय, बीकानेर (1954)
- क्यामखान रासो, प्रकाशक: राजस्थान पुरातत्व मंदिर, जयपुर (1953
- पंवार वंश दर्पण, प्रकाशक: सादुल राजस्थानी रिसर्च इंस्टिट्यूट, बीकानेर (1960)
- इन्द्रप्रस्थप्रबन्ध, प्रकाशक: राजस्थान पुरातत्व मंदिर, जोधपुर (1963)
- अमरसिंहभिषेक-काव्य, पिलानी (1953)
- संगीतरघुनंदनम, प्रकाशक: राजस्थान पुरातत्व मंदिर, जोधपुर (1974)
- रास तथा रासान्वयी काव्य (सह संपादन), प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी (1959)
- मुद्राराक्षस पूर्व संकथानक, प्रकाशक: अनूप संस्कृत पुस्तकालय, बीकानेर (1945)
समीक्षा
- करणी चरित्र (किशोरसिंह बाईस्पल)
- ढोला मारू रा दुहा, प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी
- बादली (चन्द्रसिंह)
- बीकानेर के जैन लेख (अगरचंद नाहटा)
- युग प्रधान जिनचंद्र सूरी
- राजस्थान के प्रवाद (कन्हैयालाल सहल)
- राजस्थान रा दुहा (नरोत्तमदास स्वामी)
- हस्तलिखित ग्रंथों की खोज, प्रकाशक: साहित्य संस्थान, उदयपुर
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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