उत्तर गुप्त राजवंश
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उत्तर गुप्त वंश ने भारत में लगभग दो शताब्दियों तक शासन किया था। इस वंश का संस्थापक कृष्ण गुप्त को माना जाता है। जिस समय गुप्त वंश का पतन हुआ, तब तत्कालीन राजनीति में विकेन्द्रीकरण एवं अनिश्चितता का माहौल उत्पन्न हो गया था। कई स्थानीय सामन्तों एवं शासकों ने विद्रोह कर दिया और साम्राज्य के विस्तृत क्षेत्रों में अलग-अलग राजवंशों की स्थापना कर ली। 'उत्तर गुप्त राजवंश' इन्हीं में से एक था।
- इस वंश के लेखों में चक्रवर्ती गुप्त राजाओं का उल्लेख नहीं हुआ है।
- उत्तर गुप्त वंश की स्थापना कृष्ण गुप्त ने की थी।
- असफढ़ अभिलेख अतैथिक होने के कारण कृष्ण गुप्त का शासनकाल सुनिश्चित रूप से निर्धारित नहीं किया जा सकता तथापि इस दिशा में ईशान वर्मा के हड़हा अभिलेख से सहायता मिलती है, जिसकी तिथि 554 ईस्वी है।
- अभिलेख के अनुसार कृष्ण गुप्त का मूल स्थान मगध था, जबकि विद्वानों ने उसका मूल स्थान मालवा कहा गया है।
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