कुन्दन से अँग नवयौवन सुरँग उतै , उरज उतँग धन्य प्यारो परसत है । सोहत किनारी वारी तन सुख सारी देव , सीस सीसफूल अधखुल्यो दरसत है । बेँदिया जड़ाऊ बड़े मोतिन सो नीकी नथ , हँसति हन्योननि तेँ रूप सरसत है । गारी गजगौनी लोनी नवल दुलहिया के , भाग भरे मुख पै सुहाग बरसत है ।