ज़रा सा प्यार -वीरेन्द्र खरे ‘अकेला’

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ज़रा सा प्यार -वीरेन्द्र खरे ‘अकेला’
वीरेन्द्र खरे ‘अकेला’
वीरेन्द्र खरे ‘अकेला’
जन्म 18 अगस्त, 1968
जन्म स्थान किशनगढ़, छतरपुर, मध्यप्रदेश
मुख्य रचनाएँ शेष बची चौथाई रात (ग़ज़ल संग्रह), सुबह की दस्तक (ग़ज़ल-गीत संग्रह), अंगारों पर शबनम (ग़ज़ल संग्रह)
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
वीरेन्द्र खरे ‘अकेला’ की रचनाएँ


हर तरफ़ तक़रार ही तक़रार
ढूंढ़ कर लाओ ज़रा सा प्यार

सब्र की सीमा निरन्तर संकुचन पर है
अब त्वरित आवेश पूरे बांकपन पर है
हैं बिखरते-टूटते परिवार
ढूंढ़ कर लाओ ज़रा सा प्यार

बोल मीठे जप रहे पाखंड की माला
कटु वचन का फैलता जाता मकड़जाला
चल पड़ा किस ओर यह संसार
ढूंढ़ कर लाओ ज़रा सा प्यार

खो गया सद्भाव उन्नति के उपायों में
रह गया क्या भेद अपनों में, परायों में
स्वार्थों पर मित्रता का भार
ढूंढ़ कर लाओ ज़रा सा प्यार

बचपने ने स्नेह की आकांक्षा खोई
क्यों उचित सम्मान के हित प्रौढ़ता रोई
ध्वंस के दृढ़ हो रहे आधार
ढूंढ़ कर लाओ ज़रा सा प्यार

इस तरह कलुषित किये अंतःकरण किसने
कर लिया संवेदनाओं का हरण किसने
है बड़ी घातक समय की मार
ढूंढ़ कर लाओ ज़रा सा प्यार

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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