मय-ए-मेहनत -नीलम प्रभा

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
मय-ए-मेहनत -नीलम प्रभा
नीलम प्रभा
कवि नीलम प्रभा
जन्म 12 जुलाई
जन्म स्थान बक्सर, बिहार
अन्य नीलम प्रभा की वर्ष 1971 से वर्ष 1979 तक रचनाएं साप्ताहिक हिंदुस्तान, कादम्बिनी, धर्मयुग में नियमित प्रकाशित हुई।
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
नीलम प्रभा की रचनाएँ

ये जिंदगी है नियामत, किसे नहीं है पता !
गली की ख़ाक छानना, नहीं है कोई खता !
जरूरतें कहां कहां न लेके जाती हमें
कभी बारिश तो कभी धूप है तरसाती हमें
हुकुम जो बोस्कियाना का है, वो क्या जाने
जरूरतों की तपिश को वो कैसे पहचाने
जो रोज़ मौत के संग दो दो हाथ करते हैं
बरायनाम जो हैं ज़िंदा, नहीं मरते हैं
दिल बहलाने से तो भूख नहीं मिटती है
कि मरके भी न कभी मिट्टी जिनकी उठती है
नसीब हो ना जिन्हें कब्रगाह मरके भी,
तमाम शब न हुई आने पे सहर के भी
उनके रहबर बने हैं शब हैं जिनकी पश्मीना
उन्हें देते हैं इल्म संग है जिनका सीना
जिनसे टकराएं तो खाती शिकस्त शमशीरें
जिनसे नज़र न मिला पातीं कभी तकदीरें
मय-ए-मेहनत है जो
किस्मत का जाम भरती है
ये महामारियां झुककर सलाम करती हैं।

नीलम प्रभा

संबंधित लेख