शतानन्द विदेह जनक के पुरोहित का नाम था। ये अहल्या के गर्भ से उत्पन्न गौतम ऋषि के पुत्र थे।[1][2]
"शतानन्द तब वन्दि प्रभु बैठे गुरु पहँ जाय।" - तुलसी (रामायण)
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टीका टिप्पणी
- ↑ वाल्मीकि रामायण, बालकाण्ड 1.70
- ↑ पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 487 |