सिकन्दरिया (अंग्रेज़ी: Alexandria) मिस्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यह देश का सबसे बड़ा समुद्री बंदरगाह है, जहां मिस्र का लगभग 80 प्रतिशत आयात और निर्यात कार्य संपन्न होता है। सिकन्दरिया एक महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल भी है। यह उत्तर-मध्य मिस्र में भूमध्य सागर के तट के किनारे लगभग 32 कि.मी. (20 मील) दूर तक फैला हुआ है।
- प्राचीन काल में सिकन्दरिया दुनिया के सबसे प्रसिद्ध शहरों में से एक था। इसकी स्थापना सिकंदर महान (अलेक्जेंडर द ग्रेट) ने लगभग 331 ई.पू. में एक छोटे-से फैरोनिक शहर के आसपास की थी।
- फुस्टाट में एक नई राजधानी की स्थापना होने के समय[1] 641 ई. में मुस्लिम मिस्र विजय तक लगभग एक हजार साल तक यह मिस्र की राजधानी रहा।
- सिकन्दरिया अपने प्रकाश स्तम्भ, प्राचीन दुनिया के सात अजूबों में से एक; अपने पुस्तकालय और कैटाकॉम्ब्स ऑफ़ कोम अल शोकाफा (कोम अल शोकाफा का भूगर्भ कब्रिस्तान), मध्य युग के सात अजूबों में से एक, के लिए काफी मशहूर था।
- यहाँ के बंदरगाह में 1994 में चालू होने वाले अविरत समुद्री पुरातत्व से सिकंदर के आगमन से पहले[2] और टॉलेमी वंश के काल के सिकन्दरिया के रहस्यों पर से पर्दा उठ रहा है।
- 19वीं सदी के अंतिम दौर से यह अंतर्राष्ट्रीय जहाज़रानी उद्योग का एक प्रमुख केंद्र और दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक केन्द्रों में से एक बन गया, क्योंकि इसकी वजह से भूमध्य सागर और लाल सागर के दरम्यान आसान जमीनी सम्बन्ध से और मिस्र के कपास के लाभप्रद व्यापार से काफ़ी फायदा होता था।
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