अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस

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अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस
विवरण नोबल नर्सिंग सेवा की शुरूआत करने वाली 'फ्लोरेंस नाइटइंगेल' के जन्म दिवस पर हर साल दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है।
तिथि 12 मई
शुरुआत 1965
उद्देश्य इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ़ नर्सेज, नर्सोंं के लिए नए विषय की शैक्षिक और सार्वजनिक सूचना की जानकारी की सामग्री का निर्माण और वितरण करके इस दिन को याद करना।
संबंधित लेख फ़्लोरेन्स नाइटिंगेल, विश्व क्षयरोग दिवस, विश्व अस्थमा दिवस, विश्व स्वास्थ्य दिवस, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
अन्य जानकारी नर्सोंं की सराहनीय सेवा को मान्‍यता प्रदान करने के लिए भारत सरकार के परिवार एवं कल्‍याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्‍कार की शुरुआत की। यह पुरस्‍कार प्रति वर्ष माननीय राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किये जाते हैं।

अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस (अंग्रेज़ी: International Nurses Day) नोबल नर्सिंग सेवा की शुरूआत करने वाली 'फ़्लोरेन्स नाइटिंगेल' के जन्म दिवस पर हर साल दुनिया भर में 12 मई को मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में अमीर और ग़रीब दोनों प्रकार के देशों में नर्सोंं की कमी चल रही है। विकसित देश अपने यहाँ नर्सोंं की कमी को अन्य देशों से नर्सोंं को बुलाकर पूरा कर लेते हैं और उनको वहाँ पर अच्छा वेतन और सुविधाएँ देते हैं, जिनके कारण वे विकसित देशों में जाने में देरी नहीं करती हैं। दूसरी ओर विकासशील देशों में नर्सोंं को अधिक वेतन और सुविधाओं की कमी रहती है और आगे का भविष्य भी अधिक उज्ज्वल नहीं दिखाई देता, जिसके कारण वे विकसित देशों के बुलावे पर नौकरी के लिए चली जाती हैं।

रोगी और नर्स के अनुपात में अंतर

दुनिया में अधिकांश देशों में आज भी प्रशिक्षित नर्सों की भारी कमी चल रही है, लेकिन विकासशील देशों में यह कमी और भी अधिक देखने को मिलती है। भारत में विदेशों के लिए नर्सों के पलायन में पहले की अपेक्षा कमी आई है, लेकिन रोगी और नर्स के अनुपात में अभी भी भारी अंतर है। ट्रेंड नर्सेस एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया की महासचिव के अनुसार सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के कारण भारत में प्रशिक्षित नर्सों की संख्या में कुछ सुधार हुआ है। अच्छे वेतन और सुविधाओं के लिए पहले जितनी अधिक संख्या में प्रशिक्षित नर्सें विदेश जाती थीं, आज उनकी संख्या में कमी आई है। रोगियों की संख्या में लगातार वृद्धि होने के कारण रोगी और नर्स के अनुपात में अंतर बढ़ा है, जिस पर सरकार को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। सरकारी अस्पतालों में नर्सों को छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर वेतन और अन्य सुविधाएँ मिल रही हैं। उनकी हालत में भारी सुधार आया है, जिससे नर्सों का पलायन काफ़ी रुका है, लेकिन कुछ राज्यों और गैर सरकारी क्षेत्रों में आज भी नर्सों की हालत अच्छी नहीं है। उन्हें लंबे समय तक कार्य करना पडता है और उनको वे सुविधाएँ नहीं दी जाती हैं, जिनकी वे हकदार हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों और अस्पतालों में नर्सों की कमी को ध्यान में रखते हुए विवाहित महिलाओं को भी नर्सिंग पाठयक्रम में प्रवेश लेने की अनुमति दी गई है।[1]

राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्‍कार

नर्सों की सराहनीय सेवा को मान्‍यता प्रदान करने के लिए भारत सरकार के परिवार एवं कल्‍याण मंत्रालय ने राष्‍ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्‍कार की शुरुआत की। पुरस्‍कार प्रत्‍येक वर्ष 12 मई को दिये जाते हैं। स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय ने 1973 से अभी तक कुल 237 नर्सों को इस सम्‍मानित किया है। यह पुरस्‍कार प्रति वर्ष माननीय राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किये जाते हैं। आधुनिक नर्सिंग की संस्‍थापक फ्लोरेंस नाइटिंगल का जन्‍म 12 मई, 1820 को हुआ था। 1965 से अभी तक यह दिन प्रत्‍येक वर्ष इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेज द्वारा अन्‍तर्राष्‍ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेज, नर्सोंं के लिए नए विषय की शैक्षिक और सार्वजनिक सूचना की जानकारी की सामग्री का निर्माण और वितरण करके इस दिन को याद करता है। फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्‍कार में 50 हज़ार रुपए नकद, एक प्रशस्ति पत्र और मेडल दिया जाता है।[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अंतरराष्ट्रीय नर्सिंग दिवस : 12 मई (हिन्दी) वेबदुनिया हिन्दी। अभिगमन तिथि: 1 अप्रॅल, 2015।
  2. फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्‍कार (हिन्दी) IAS Charisma। अभिगमन तिथि: 1 अप्रॅल, 2015।

बाहरी कड़ियाँ

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