जगदीप धनखड़
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पूरा नाम | जगदीप धनखड़ |
जन्म | 18 मई, 1951 |
जन्म भूमि | ग्राम किठाना, झुंझुनू, राजस्थान |
अभिभावक | माता- केसरी देवी पिता- चौधरी गोकल चंद |
पति/पत्नी | सुदेश धनखड़ |
संतान | पुत्री- कामना धनखड़ |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | जनता दल (1988-1991) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (1991-2003) |
पद | 14वें उपराष्ट्रपति, भारत- 11 अगस्त, 2022 से पदस्थ राज्यपाल, पश्चिम बंगाल- 30 जुलाई, 2019 से पदस्थ |
शिक्षा | विधि स्नातक |
विद्यालय | महाराजा कॉलेज, जयपुर (राजस्थान विश्वविद्यालय) |
संबंधित लेख | राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति |
चुनाव क्षेत्र | झुंझुनू |
पूर्वाधिकारी | वेंकैया नायडू |
अन्य जानकारी | झुंझुनूं से जगदीप धनखड़ 1989 से 1991 तक जनता दल से सांसद रहे हालांकि बाद में उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। |
अद्यतन | 15:43, 7 अगस्त 2022 (IST)
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जगदीप धनखड़ (अंग्रेज़ी: Jagdeep Dhankhar, जन्म- 18 मई, 1951, झुंझुनू, राजस्थान) भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। उन्हें भारत का 14वाँ उपराष्ट्रपति चुना गया है। उन्होंने पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का स्थान लिया है, जिनका कार्यकाल 10 अगस्त, 2022 को समाप्त हो गया। जगदीप धनखड़ ने 11 अगस्त, 2022 को पद की शपथ ग्रहण की। वह बीजेपी की ओर से उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचने वाले पहले ऐसे नेता भी बन गए हैं, जिसने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत संघ से नहीं की थी। जगदीप धनखड़ 30 जुलाई, 2019 से पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे। वह राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हैं। वे झुंझुनू से लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं।
परिचय
जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई, 1951 को किठाना गांव, ज़िला झुंझुनू, राजस्थान में हुआ था। वह एक जाट परिवार से ताल्लुक रखते है। उनके पिता का नाम चौधरी गोकल चंद एवं माता का नाम केसरी देवी था। जगदीप धनखड़ की पत्नी का नाम सुदेश धनखड़ है। बड़े भाई का नाम कुलदीप धनखड़ है जिनकी पत्नी सुचेता हैं। जगदीप धनखड़ के परिवार में चार भाई बहन है। उनके छोटे भाई का नाम रणदीप धनखड़ है, जिनकी पत्नी सरोज हैं। उनकी एक बहन भी है, जिसका नाम इंद्रा है।
शिक्षा
जगदीप धनखड़ की प्रारंभिक शिक्षा कक्षा सरकारी प्राथमिक विद्यालय, किठाना गांव में हुई और उसके बाद कक्षा 6 में उन्होंने 4-5 किलोमीटर की दूरी पर सरकारी मिडिल स्कूल, घरधाना में प्रवेश लिया। स्कूल दूर होने के कारन वह गाँव के अन्य छात्रों के साथ स्कूल तक पैदल यात्रा करते थे। साल 1962 में उन्होंने सैनिक स्कूल से भी अपनी शिक्षा प्राप्त की। उनके बड़े भाई कुलदीप धनखड़ ने भी अपनी पढाई पूरी करने के लिए उसी स्कूल में दाखिला लिया था। अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए जगदीप धनखड़ ने राजस्थान विश्वविद्यालय से संबद्ध प्रतिष्ठित महाराजा कॉलेज, जयपुर में तीन साल के बीएससी (ऑनर्स) भौतिकी की पढ़ाई करने के लिए प्रवेश लिया और वहां से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। फिर राजस्थान विश्वविद्यालय में एलएलबी की पढ़ाई करने के लिए दाखिला लिया और वर्ष 1978-1979 में एलएलबी की डिग्री हासिल की।[1]
राजनीतिक यात्रा
- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने से पहले जगदीप धनखड़ 1989 से 1991 तक राजस्थान के झुंझुनू से सांसद थे। वह जनता दल के सदस्य भी थे।
- सन 1993 से 1998 के बीच जगदीप धनखड़ राजस्थान के किशनगढ़ से विधान सभा के सदस्य भी रहे।
- साल 1989 में झुंझुनू संसदीय क्षेत्र से 9वीं लोकसभा के लिए चुने गए।
- साल 1990 में एक संसदीय समिति के अध्यक्ष चुने गए।
- साल 1990 में केंद्रीय मंत्री और 1993-1998 में अजमेर के किशनगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से राजस्थान विधान सभा के लिए चुने गए।
- राजस्थान में जाट समुदाय सहित अन्य पिछड़े वर्गों को ओबीसी का दर्जा देने में शामिल जगदीप धनखड़ थे।
- भारत के माननीय पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 155 के तहत 20 जुलाई, 2019 को जगदीप धनखड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त करते हुए वारंट जारी किया।
- कोलकाता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थोट्टाथिल बी. नायर राधाकृष्णन ने 30 जुलाई, 2019 को राजभवन, कोलकाता में जगदीप धनखड़ को राज्यपाल पद की शपथ दिलाई।
- लोकसभा और राजस्थान विधानसभा दोनों में जगदीप धनखड़ महत्वपूर्ण समितियों का हिस्सा थे।
- वह केंद्रीय मंत्री रहते हुए यूरोपीय संसद में एक संसदीय समूह के उप नेता के रूप में एक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। तब से उनका ममता बनर्जी और टीएमसी के साथ तीखा संबंध रहा।[1]
उपराष्ट्रपति का पद
उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने बेहतरीन जीत दर्ज की। उन्होंने 528 वोटों के साथ जीत हासिल की। इसके साथ ही विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 182 वोट मिले। उपराष्ट्रपति चुनाव में कुल 725 वोट डाले गए थे। इनमें 710 वोट वैध पाए गए जबकि 15 वोट अवैद्य मिले। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य बड़े नेताओं ने जगदीप धनखड़ को बधाई दी।
उराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ की धाकड़ जीत कई मायनों में ख़ास है। उनकी जीत पिछले छह चुनाव में उपराष्ट्रपति पद की सबसे बड़ी जीत है। इसके साथ ही वे राजस्थान से आने वाले दूसरे उपराष्ट्रपति भी बन गए हैं। जगदीप धनखड़ बीजेपी की ओर से उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचने वाले पहले ऐसे नेता भी बन गए हैं, जिसने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत संघ से नहीं की थी।
रोचक तथ्य
- जगदीप धनखड़ भारतीय राजनेता होने के साथ ही एक वकील भी हैं। उन्हें पश्चिम बंगाल के 28वें राज्यपाल के रूप में जाना जाता है।
- वर्ष 1979 में स्नातक और एलएलबी की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने राजस्थान में एक वकील के रूप में क़ानून का अभ्यास करना शुरू किया।
- 10 नवंबर, 1979 को जगदीप धनखड़ को राजस्थान बार काउंसिल में एक वकील के रूप में नामांकित किया गया था।
- वर्ष 1987 में उनको राजस्थान उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। वह राजस्थान के बार एसोसिएशन के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष थे।
- जगदीप धनखड़ ने वर्ष 1988 में जनता दल (जद) में शामिल होकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की।
- उसी वर्ष उन्होंने जनता दल से 9वीं लोकसभा चुनाव लड़ा और वह राजस्थान के झुंझुनू जिले से संसद सदस्य के रूप में चुने गए। 1991 के अंत तक सांसद रहे।
- 27 मार्च, 1990 को जगदीप धनखड़ को राजस्थान उच्च न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया। इस पद पर उन्होंने 2019 तक कार्य किया।
- 21 अप्रैल, 1990 को उन्हें संसदीय मामलों के केंद्रीय उप मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था।
- जनवरी से मई, 1990 तक वह कई संसदीय समितियों के अध्यक्ष के रूप में काम किया, जैसे- सदन की बैठकों के सदस्यों की अनुपस्थिति पर समिति, सामान्य प्रयोजन समिति और विशेषाधिकार समिति।
- वर्ष 1990 में जगदीप धनखड़ ने उच्चतम न्यायालय में कानून का अभ्यास करना शुरू किया, जहां उन्होंने मुख्य रूप से स्टील, कोयला, खदान और अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक मध्यस्थता से संबंधित मुकदमे पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने पूरे भारत में कई उच्च न्यायालयों में मुकदमे लड़े।[2]
- सन 1991 में उन्होंने संसद सदस्य के रूप में इस्तीफा दे दिया और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को ज्वाइन किया।
- वर्ष 1993 में वह 10वीं विधान सभा चुनाव लड़े और उन्हें राजस्थान में किशनगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से विधान सभा (एमएलए) के सदस्य के रूप में चुना गया। 1998 के अंत तक वह आईएनसी के विधायक रहे।
- वर्ष 2003 में वह भाजपा में शामिल हो गए और 2008 में उन्हें भाजपा की विधानसभा चुनाव अभियान समिति का सदस्य बनाया गया।
- वर्ष 2015 में जगदीप धनखड़ ने राजस्थान के जाट समुदाय को ओबीसी का दर्जा देने और उसके कोटे को लेकर आंदोलन का समर्थन किया।
- वर्ष 2016 में उन्हें भाजपा के कानून और कानूनी मामलों के विभाग के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में नियुक्त किया गया।
- 20 जुलाई, 2019 को उन्हें पश्चिम बंगाल के 28वें राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया
- राज्यपाल के रूप में उनकी नियुक्ति के बाद वर्ष 2019 में उन्हें पूर्वी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र का अध्यक्ष बनाया गया।
- जगदीप धनखड़ ने जुलाई 2022 में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में भाग लिया, जिसमें उन्होंने शासन, विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा संवैधानिक उल्लंघन, सांप्रदायिक संरक्षण और राज्य में जबरन वसूली माफियाओं के प्रसार के बारे में चिंताजनक स्थिति के बारे में बात की।
- 18 जुलाई, 2022 को जगदीप धनखड़ को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन द्वारा उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में चुना गया।
- जगदीप धनखड़ यात्रा करना बहुत पसंद करते हैं। उन्होंने अपने परिवार के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, यूके, इटली, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, चीन, हांगकांग और सिंगापुर जैसे कई विदेशी देशों की यात्रा की है।
- विभिन्न राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने के अलावा जगदीप धनखड़ ने इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के साथ विभिन्न सामाजिक सेवा गतिविधियों में भाग लिया है।
- राजस्थान ओलंपिक संघ और राजस्थान टेनिस संघ के अध्यक्ष के रूप में जगदीप धनखड़ ने राजस्थान में खेलों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जगदीप धनखड़ को 'किसान पुत्र' के रूप में पेश किया। नामांकन के दौरान भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, नितिन गडकरी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आदि मौजूद थे।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 जगदीप धनखड़ का जीवन परिचय (हिंदी) shubhamsirohi.com। अभिगमन तिथि: 07 जुलाई, 2022।
- ↑ जगदीप धनखड़ जीवन परिचय (हिंदी) hindi.starsunfolded.com। अभिगमन तिथि: 07 जुलाई, 2022।
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