पर्ल हार्बर (अंग्रेज़ी: Pearl Harbor) हवाई द्वीप में हॉनलूलू से 10 कि.मी. उत्तर-पश्चिम में संयुक्त राज्य अमरीका का प्रसिद्ध बंदरगाह एवं गहरे जल का नौसैनिक अड्डा है। यह अमेरिकी प्रशांत बेड़े का मुख्यालय भी है। इस बंदरगाह के 20 वर्ग किलोमीटर के नाव्य जल में सैकड़ों जहाजों के रुकने का स्थान है। हवाई द्वीप के शासकों द्वारा यहाँ 1887 में संयुक्त राज्य अमरीका को कोयला एवं जहाज मरम्मत केंद्र स्थापित करने के लिए स्वीकृति दी गई थी। 1900 में यह नोसैनिक अड्डा बना। तब से बंदरगाह के जहाज मार्गों, लदान एवं मरम्मत के घाटों का सुधार एवं विस्तार होता गया।
- 7 दिसंबर, 1941 को प्रशांत महासागर के बीच एक द्वीप समूह पर दो घंटे तक ऐसी बमबारी हुई, जिसने दूसरे विश्व युद्ध का रुख़ मोड़ डाला। इस दिन पर्ल हार्बर पर हुए हमले ने कैसे ना केवल महायुद्ध का समीकरण बल्कि दो मुल्कों- अमेरिका और जापान की क़िस्मत को भी बदल दिया।
- उस दिन जापान ने सुबह-सुबह हवाई द्वीप समूह पर स्थित अमेरिकी नौसेना के एक अड्डे पर सबको हैरान करते हुए हमला कर दिया।
- बाक़ी दुनिया तब जंग में घिरी थी, मगर अमेरिका इससे अलग था। जापान के इस हमले ने उसे हिला दिया और अमेरिका भी मित्र राष्ट्रों की ओर से युद्ध में लड़ने के लिए उतर गया।
- जापान के इस हमले में पर्ल हार्बर पर तैनात अमेरिका के सभी आठ जंगी जहाज़ नष्ट हो गए। इनमें से चार डूब गए थे।
- द्वितीय विश्व युद्ध में अमेरिका की किसी ज़मीन पर यह पहला हमला था।
- जापान के इस हमले में 2400 से ज्यादा अमेरिकी जवान मारे गए और 19 जहाज़ जिसमें आठ जंगी जहाज़ थे, नष्ट हो गए।
- इसके अलावा 328 अमेरिकी विमान भी या तो क्षतिग्रस्त हुए या फिर पूरी तरह से नष्ट हो गए।
- जापान ने एक घंटे और 15 मिनट तक पर्ल हार्बर पर बमबारी की थी।
- इस हमले में 100 से ज्यादा जापानी सैनिक भी मारे गए थे। इसके बाद अमेरिका सीधे तौर पर दूसरे विश्व युद्ध में शामिल हो गया और मित्र राष्ट्रों की ओर से उसने मोर्चा संभाल लिया।
- साल 1945 में अमरीका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर जब परमाणु बम गिराए, तब इसे पर्ल हार्बर का बदला माना गया।
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